Crime- ‘बंदूक लेकर आए, पेट्रोल छिड़का और जला दी दलित बस्ती…’, नवादा कांड की आंखोंदेखी, बेघर हुए परिवारों का छलका दर्द

‘बंदूक लेकर आए, पेट्रोल छिड़का और जला दी दलित बस्ती…’,  नवादा कांड की आंखोंदेखी, बेघर हुए परिवारों का छलका दर्द

हर तरफ राख-राख, टूटा-बिखरा और जला हुआ सामान... ऐसा नजारा है बिहार के नवादा की उस दलित बस्ती का जहां कल तक घर ही घर थे. लेकिन बुधवार शाम साढ़े छह बजे कुछ ऐसा हुआ कि यहां बसे बसाए 80 घरों को आग लगा दी गई. 100 दबंगों ने इस वारदात को अंजाम दिया. जिस किसी ने भी उन्हें रोकने की कोशिश की, उनकी पिटाई कर दी गई. दबंगों ने बस्ती में घुसते ही पहले फायरिंग की फिर पेट्रोल छिड़क कर 80 घरों को आग के हवाले कर दिया. कई परिवार इस घटना के बाद बेघर हो गए हैं. चश्मदीदों ने जब आंखोंदेखी सुनाई तो उनकी आंखों से आंसुओं की गंगा बहने लगी.

मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कृष्णा नगर गांव को मांझी टोला भी कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां मांझी परिवारों के घर हैं. उनका कहना है कि वो पिछले 50 साल से भी ज्यादा समय से यहां रह रहे हैं. वो यहां खेती बाड़ी करते हैं. मजदूरी करके अपने-अपने परिवार का गुजारा करते हैं. लेकिन नंदू पासवान नाम का जो भू-माफिया है उसकी इस जमीन पर नजर थी. वो लंबे समय से इस जमीन पर अपना दावा करता आया है.

हालांकि, पुलिस की मानें तो न तो ये मांझी लोगों की है और न ही पासवान लोगों की. ये जमीन बिहार सरकार की है. मांझी टोला के एक ग्रामीण की मानें तो- बुधवार शाम को साढ़े छह बजे के करीब जब हम लोग खाना बनाकर बैठे ही थे कि तभी हमें चीखने चिल्लाने की आवाज आई. हमने बाहर आकर देखा कि 100 से ज्यादा लोग जिनमें नंदू पासवान, पनू, पूनी, नागो, नगेशी, राजो, मिथुन, धर्मेंद्र, गोली, सरवन और सुनेश्वर पासवान शामिल थे, वो हमारी बस्ती में घुस आए हैं.

राख में तब्दील हुआ आशियाना

सभी लोगों के हाथों में बंदूकें थीं. वो बस्ती में तहस-नहस करने लगे. हमनें उन्हें रोकने की कोशिश की. उनके सामने जो कोई भी आ रहा था, वो उसे पीट दे रहे थे. थोड़ी ही देर में उन लोगों ने बस्ती के 80 घरों में पेट्रोल छिड़का और आग लगा दी. हम आग बुझाने की कोशिश भी करने लगे. लेकिन आग ने विकराल रूप ले लिया. घर से जैसे-तैसे हमने जरूरत का सामान निकाला और बाहर की तरफ भागे. क्योंकि आग बहुत विकराल रूप ले चुकी थी. देखते-ही देखते हमारी आंखों के सामने हमारा आशियाना राख में तब्दील हो गया. हमारे मवेशी तक जलकर मर गए.

दूसरे ग्रामीण ने बताया- इस घटना में हमारी बस्ती के कई लोग लापता भी हुए हैं. उनका कुछ भी पता नहीं चल पाया है. हम तो मेहनत मजदूरी करके अपना पेट पालते हैं. अब तो न घर रहा और न ही कुछ सामान. कहां जाएंगे और कहां रहेंगे, कुछ समझ नहीं आ रहा. हम चाहते हैं कि सरकार आरोपियों के खिलाफ एक्शन ले. हमारी मदद करे. नवंबर 2023 में भी यहां फायरिंग हुई थी. तब भी हमने FIR दर्ज करवाई थी. लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया.

मामले में 10 लोग अरेस्ट

मामले में पुलिस ने मुख्यारोपी नंदू पासवान सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. बाकी की तलाश में पुलिस की टीमें जुटी हुई हैं. इस घटना में गोरेलाल, झपसी मांझी, संजय मांझी, नितय मांझी, रामचंद्र मांझी, भोला मांझी, तारा मांझी, ललिता देवी, अवधेश मांझी, मनोज मांझी, डोमा मांझी, डोमा रविदास, गेंदो मांझी, सुरेश मांझी, विजय रविदास, शोभा देवी, सरिता देवी, सुरुप मांझी, नवल मांझी और निलेश मांझी समेत कई अन्य के घर जलकर खाक हो गए हैं. फिलहाल मामले में जांच जारी है. पुलिस का कहना है कि जल्द ही बाकी आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

(इनपुट: श्याम सुंदर कुमार)


Source link

Back to top button