Crime- मालेगांव ब्लास्ट: सुनवाई के दौरान कोर्ट में धमाके की धमकी, जज पर भी हमले का अलर्ट
मुंबई के मालेगांव बम धमाका मामले की सुनवाई कर रहे विशेष NIA कोर्ट में ब्लास्ट की धमकी मिली है. इस कोर्ट के जज को भी जान से मारने का अलर्ट आया है. यह धमकी और अलर्ट किसी अज्ञात व्यक्ति ने सेशन कोर्ट के रजिस्टार ऑफिस में फोन पर दी है. इसकी सूचना मिलने के बाद से कुलाबा पुलिस हरकत में आ गई है. खुद एनआईए ने भी अपने स्तर से मामले की जांच कर रही है. एनआईए और पुलिस सूत्रों के मुताबिक उस फोन नंबर को ट्रैस किया जा रहा है, जिससे रजिस्टार ऑफिस में फोन किया गया था.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक दीवाली की छुट्टियों के दौरान सेशन कोर्ट के रजिस्ट्रार आफिस में यह फोन कॉल आया था. कॉलर ने अपना परिचय तो नहीं दिया, लेकिन उसने सीधे मालेगांव ब्लास्ट मामले की सुनवाई कर रहे कोर्ट में बम फोड़ने की धमकी दी. कहा कि मामे की सुनवाई कर रहे जज को भी बम से उड़ा दिया जाएगा. रजिस्टार ऑफिस ने तत्काल मामले की जानकारी कुलाबा पुलिस और एनआईए को दी. इसके बाद से इन दोनों एजेंसियों ने अपने स्तर पर मामले की छानबीन शुरू कर दी है.
नंबर का लोकेशन ट्रैस कर रही पुलिस
पुलिस के मुताबिक जिस नंबर से रजिस्टार ऑफिस में फोन कॉल आया था, उसे ट्रैस कर लिया गया है. इसी के साथ पुलिस ने इस फोन नंबर को सर्विलांस पर डाल दिया है. प्राथमिक जांच में पता चला है कि यह नंबर फर्जी नाम और पते पर लिया गया है. ऐसे में पुलिस इस नंबर की लोकेशन ट्रैस करने की कोशिश कर रही है. पुलिस और एनआईए को आशंका है कि आतंकी तत्वों ने यह फोन कॉल किया होगा. हालांकि इस संबंध में फोन की लोकेशन मिलने के बाद ही साफ तौर पर कुछ कहा जा सकता है.
यह मालेगांव केस
जानकारी के मुताबिक 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में बम धमाका हुआ था. यहां आतंकियों ने बाइक में बम प्लांट किया था. इस धमाके में छह लोग मारे गए थे, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे. 16 साल पुराने इस मामले की सुनवाई फिलहाल विशेष एनआईए कोर्ट कुलाबा में लंबित है. पिछले महीने ही इस मामले में एक आरोपी प्रज्ञा ठाकुर ने बड़ी टिप्पणी की थी. उन्होंने दावा किया था कि सिमी ने इस वारदात को अंजाम दिया था. वहीं पिछली सुनवाई में प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने आरोप लगाया था कि धमाके के बाद पुलिस ने आतंकियों को बचाने की कोशिश की थी.
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