आस्था – गुरु के वक्री होने से इन राशियों का चमकेगा भाग्य, शुरू होंगे अच्छे दिन, धन-धान्य में होगी वृद्धि – #INA
ज्योतिष में देवगुरु बृहस्पति को ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, दान, पुण्य और वृद्धि आदि का कारक ग्रह कहा जाता है। बृहस्पति ग्रह 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी होते हैं।
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