आस्था – मन के नियंत्रण से मुक्त कर्म ही वास्तविक कर्म है – #INA
हम सभी किसी-न-किसी विचार से प्रेरित होकर कर्म करते हैं, लेकिन कर्म जब अवधारणा या विचार की उपज नहीं होता है, तब वह स्वाभाविक होता है। तब अनुभव पर आधारित विचार-प्रक्रिया कर्म को नियंत्रित नहीं करती। इसका अर्थ है कि कर्म तभी वास्तविक होता है, जब वह मन के नियंत्रण से मुक्त होता है।
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