धर्म-कर्म-ज्योतिष – Socrates Quotes: महान दार्शनिक सुकरात के 10 अनमोल विचार, पढ़ते ही जीवन में आएगा बदलाव #INA
Socrates Quotes: प्राचीन यूनान के महान दार्शनिक सुकरात को पाश्चात्य दर्शन का जनक माना जाता है. सुकरात ने कभी कोई औपचारिक शिक्षा नहीं ली, लेकिन वे ज्ञान के प्रति बहुत उत्सुक थे. वे एथेंस की सड़कों पर घूमते हुए लोगों से बातचीत करते थे और उन्हें प्रश्न पूछकर उनके ज्ञान को परखते थे. सुकरात की शिक्षण पद्धति को प्रश्नात्मक विधि या सॉक्रैटिक विधि कहा जाता है. इस विधि में वे अपने शिष्यों से प्रश्न पूछते थे और उन्हें उनके जवाबों के आधार पर और प्रश्न पूछते थे. इस तरह वे अपने शिष्यों को स्वयं ही सही उत्तर खोजने में मदद करते थे. उनका मानना था कि ज्ञान प्राप्त करना ही जीवन का सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य है. एक अच्छा जीवन जीने के लिए नैतिक मूल्यों का पालन करना चाहिए और उन्होंने कहा था, “मैं केवल इतना जानता हूँ कि मैं कुछ नहीं जानता.” वे सत्य की खोज में जीवन भर लगे रहे और वो न्याय के पक्ष में हमेशा खड़े रहते थे.
महान दार्शनिक सुकरात के अनमोल विचार
- अनजाने में बुरा करने से अच्छा है कि जान-बूझकर बुरा किया जाए- यह विचार हमें यह सिखाता है कि गलती करना मानवीय स्वभाव है, लेकिन जानबूझकर गलत काम करना बहुत बड़ी भूल होती है.
- जीवन बिना जांच किए जीने लायक नहीं है- सुकरात का मानना था कि हमें अपने जीवन के बारे में लगातार प्रश्न पूछते रहना चाहिए और ज्ञान की खोज में लगे रहना चाहिए.
- अगर तुम किसी को सचमुच जानना चाहते हो तो उससे प्रश्न पूछो, उसे निर्देश मत दो- यह विचार शिक्षा के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण है. सुकरात का मानना था कि शिक्षक को छात्र को ज्ञान देने के बजाय उसे स्वयं सोचने के लिए प्रेरित करना चाहिए.
- मैं केवल इतना जानता हूं कि मैं कुछ नहीं जानता- यह सुकरात का सबसे प्रसिद्ध कथन है. इससे पता चलता है कि सुकरात कितने विनम्र और ज्ञान के प्रति कितने उत्सुक थे.
- अन्याय करना, सहेजना से अधिक बुरा है- सुकरात का मानना था कि अन्याय करना किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है.
- सच्चा ज्ञान आत्म-ज्ञान है- सुकरात का मानना था कि हमें अपने भीतर झांककर ही सच्चा ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं.
- एक अशिक्षित व्यक्ति वह है जो सीखना नहीं चाहता- सुकरात का मानना था कि शिक्षा केवल स्कूल की पढ़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि जीवन भर चलने वाली प्रक्रिया है.
- सबसे बड़ा दुख यह है कि हम अच्छे होने की क्षमता रखते हुए भी बुरे काम करते हैं- सुकरात का मानना था कि हमारे पास अच्छे काम करने की क्षमता होती है, लेकिन हम अक्सर बुरे काम करते हैं.
- मैं केवल इतना जानता हूं कि मैं मरने से डरता नहीं हूं- सुकरात ने मृत्यु को जीवन का एक स्वाभाविक हिस्सा माना था.
- एक अच्छा जीवन जीने के लिए नैतिक मूल्यों का पालन करना आवश्यक है- सुकरात नैतिकता के महत्व पर बहुत जोर देते थे.
सुकरात के ये विचार आज भी प्रासंगिक हैं और हमें जीवन के कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब खोजने में मदद करते हैं. सुकरात को एथेंस के युवाओं को भ्रष्ट करने और देवताओं में अविश्वास फैलाने का दोषी ठहराया गया था. उन्हें मौत की सजा दी गई और उन्हें जहर पीकर मरना पड़ा. सुकरात के विचारों ने पश्चिमी दर्शन पर गहरा प्रभाव डाला. प्लेटो और अरस्तू जैसे महान दार्शनिकों ने सुकरात के विचारों से प्रेरणा ली. सुकरात के विचार आज भी प्रासंगिक हैं और वे हमें जीवन के बारे में कई महत्वपूर्ण प्रश्न करने के लिए प्रेरित करते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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