धर्म-कर्म-ज्योतिष – Newar Buddhism: नेवार बौद्ध धर्म क्या है, जानें इसका इतिहास और विशेषताएं #INA
Newar Buddhism: नेवार बौद्ध धर्म नेपाल के काठमांडू घाटी में बसने वाले नेवार समुदाय के लोगों द्वारा प्रचलित बौद्ध धर्म है. यह धर्म नेवार संस्कृति और हिंदू-बौद्ध परंपराओं का एक अनूठा मिश्रण है, जो इसे अन्य बौद्ध परंपराओं से अलग और विशिष्ट बनाता है. नेवार बौद्ध धर्म की जड़ें महायान और वज्रयान बौद्ध धर्म में पाई जाती हैं जो तंत्र और ध्यान की पद्धतियों पर आधारित हैं. नेपाल की नेवार जाति है जो काठमांडू घाटी की प्रमुख जाति है. उन्होंने इस धार्मिक परंपरा को सदियों से संभाल कर रखा है.
नेवार बौद्ध धर्म का इतिहास
नेवार बौद्ध धर्म का इतिहास बहुत पुराना है और इसकी जड़ें नेपाल के ऐतिहासिक बौद्ध धर्म में मिलती हैं. यह माना जाता है कि गौतम बुद्ध की शिक्षाएं भारत से नेपाल में फैलीं और काठमांडू घाटी में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित हुईं. नेपाल की काठमांडू घाटी, जो प्राचीन काल से ही व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का केंद्र रही है बौद्ध धर्म के प्रसार का प्रमुख क्षेत्र बनी.
लगभग 5वीं और 6वीं शताब्दी के दौरान वज्रयान बौद्ध धर्म नेपाल में लोकप्रिय हो गया. इसके साथ-साथ नेवार बौद्ध धर्म ने हिंदू और बौद्ध परंपराओं का समन्वय किया और इस प्रकार यह धर्म एक अनूठी पहचान प्राप्त करने में सक्षम हुआ. काठमांडू घाटी के मंदिर, मठ और स्तूप, जैसे कि प्रसिद्ध स्वयम्भूनाथ और बौधनाथ स्तूप, नेवार बौद्ध धर्म के प्रमुख स्थल हैं और यहां पर नेवार बौद्ध संस्कृति की समृद्धि को देखा जा सकता है.
नेवार बौद्ध धर्म की मान्यताएं और परंपराएं
नेवार बौद्ध धर्म महायान और वज्रयान बौद्ध धर्म के सिद्धांतों पर आधारित है, लेकिन इसमें हिंदू धर्म से भी कई मान्यताएं ली गयी हैं. इस धर्म में बुद्ध को भगवान के रूप में पूजा जाता है और साथ ही बोधिसत्वों और तांत्रिक देवताओं की भी पूजा की जाती है. नेवार बौद्ध धर्म में तांत्रिक अनुष्ठानों और पूजा पद्धतियों का विशेष महत्व है, जिसमें मूर्ति पूजा, यज्ञ, और मंत्रों का उच्चारण शामिल है.
नेवार बौद्ध धर्म की विशेषताएं
नेवार बौद्ध धर्म में तांत्रिक पूजा का विशेष महत्व है. इसमें कई तांत्रिक देवताओं की पूजा की जाती है और अनुष्ठानिक कर्मकांडों को प्रमुखता दी जाती है. बोधिसत्व अवलोकितेश्वर और तारा देवी जैसे तांत्रिक देवताओं की विशेष रूप से पूजा की जाती है. काठमांडू घाटी में स्थित मठ और स्तूप नेवार बौद्ध धर्म के प्रमुख केंद्र हैं. स्वयम्भूनाथ, बौधनाथ, और अन्य महत्वपूर्ण स्तूप इस धर्म के धार्मिक स्थल हैं, जहां नियमित पूजा, ध्यान और अनुष्ठान होते हैं. नेवार बौद्ध धर्म में हिंदू और बौद्ध परंपराओं का अनूठा समन्वय देखा जा सकता है. नेवार समुदाय में कई धार्मिक त्योहार हिंदू और बौद्ध दोनों परंपराओं के अनुसार मनाए जाते हैं. बौद्ध धर्म के साथ-साथ नेवार बौद्ध लोग हिंदू देवताओं की भी पूजा करते हैं, जैसे कि देवी कुमारी और भगवान गणेश. इस धर्म के अनुयायियों ने नेपाल की सांस्कृतिक और कलात्मक धरोहर को समृद्ध बनाया है. मंदिरों और स्तूपों की वास्तुकला, धार्मिक मूर्तियां और चित्रकारी नेवार बौद्ध धर्म की पहचान का हिस्सा हैं. काठमांडू घाटी में कई महत्वपूर्ण नेवार मंदिर और धार्मिक स्थल स्थित हैं.
यह भी पढ़ें: Goddess Lakshmi: देवी लक्ष्मी क्यों दबाती हैं भगवान विष्णु के पैर, क्या पति के पैर दबाने से होती है धन की वर्षा
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
डिस्क्लेमरः यह न्यूज़स्टेट डॉट कॉम न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ आई एन ए टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज़स्टेट डॉट कॉम की ही होगी.