फ़िल्मी – प्रेग्नेंट होने के डर से कजन भाइयों के बगल में नहीं सोती थीं उर्फी जावेद, बताया बचपन में क्या सोचती थीं – #INA

प्रेग्नेंट होने के डर से कजन भाइयों के बगल में नहीं सोती थीं उर्फी जावेद, बताया बचपन में क्या सोचती थीं

  • उर्फी जावेद ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि वह नहीं जानती थी बच्चा कैसे पैदा होता है और सीरियल से गलतफहमी हो गई थी। इसके बाद उन्होंने लड़कों के बगल में सोना बंद कर दिया था।

Kajal Sharma लाइव हिन्दुस्तानThu, 5 Sep 2024 07:19 AM

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उर्फी जावेद अपने बोल्ड फैशन सेंस और बेबाक बयानों के लिए जानी जाती हैं। अपने एक रीसेंट इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि बचपन में वह सीरियल बहुत देखती थीं। इससे उन्हें लगा कि साथ लेट जाने से बच्चे होते हैं। उर्फी ने बताया कि उनको स्कूल से प्रॉपर सेक्स एजुकेशन नहीं मिल पाई थी। लड़कियों की गॉसिप से बातें पता चलती थीं। वह पीरियड्स के बारे में भी नहीं जानती थीं।

टीवी बहुत देखती थीं उर्फी

उर्फी का वेब शो ‘फॉलो कर लो यार’ चर्चा में है। इस बीच वह हॉटरफ्लाई के द मेल फेमिनस्ट पॉडकास्ट में पहुंचीं। उनसे घर के माहौल के माहौल के बारे में पूछा गया तो बोलीं, इतना अच्छा तो नहीं था। भाई-बहन इतने क्लोज नहीं थे पर फोन वगैरह नहीं था तो टीवी देखना बहुत शुरू कर दिया था।

सीरियल से हुई गलतफहमी

उर्फी बताती हैं कि वह कसौटी का आखिरी एपिसोड देखकर बहुत रोई थीं। उर्फी ने आगे बताया कि इस सीरियल से उनका एक गलत परसेप्शन बन गया था। उन्हें लगता था कि बस किसी के बगल में सो जाओ और बच्चा हो जाता है।

सीरियल में देखा था ऐसा एपिसोड

उर्फी ने बताया, मुझे लगता है कि वे सीरियल में बच्चा पैदा करने की कोशिश कर रहे थे क्योंकि उनकी एक बेटी बीमार थी। वे साथ सोए और अगले दिन प्रेग्नेंट हो गए। मुझे लगा कि ऐसे बस साथ सो जाओ और बच्चा हो जाएगा।

लड़कों के बगल में सोने का डर

उर्फी आगे बताती हैं कि मैं कभी अपने कजन्स से मिलती थी तो मैंने उनके बगल में सोना बंद कर दिया। मैंने कहा, भैया ये नहीं हो पाएगा। लड़के और लड़कियां अलग ही सोएंगे। उस समय इतना सेक्स एजुकेशन नहीं था।

गॉसिप से मिलती थी सेक्स एजुकेशन

उर्फी से पूछा गया कि सेक्स के बारे में समझ कहां से आ रही थी। इस पर बोलीं, किताब से ही या गॉसिप से। एक बार एक सीनियर थी उसने बताया कि बच्चा पैदा करने का प्रॉसेस क्या होता है तो मुझे लगा कि ऐसा पॉसिबल ही नहीं हो सकता। उर्फी ने बताया कि उस वक्त बहुत कन्फ्यूजिंग था।

पीरियड्स पर भी थीं कन्फ्यूज्ड

उर्फी ने बताया कि स्कूल में जो पढ़ाया जाता था वो भी समझ नहीं आता था। वह बताती हैं, मैं अपनी बड़ी बहन के साथ 7वीं क्लास में थी। मैं एज में सबसे छोटी थी तो मुझे उस बातचीत में इन्क्लूड ही नहीं करते थे। बड़ी बहन को हाफिजजी उर्दू और कुरान शरीफ पढ़ाने आते थे तो वह 7 दिन का गैप लेती थी। मैं गुस्सा हो जाती थी कि इसको क्यों गैप मिल रहा है। ये क्या बदतमीजी है। उर्फी ने बताया कि इस्लाम में भी पीरियड्स के दौरान कुरान या कोई पवित्र ग्रंथ नहीं पढ़ सकते। आपको नहाना होता है फिर कोई दुआ पढ़ी जाती है। आप नमाज वगैरह भी नहीं पढ़ सकते।

Uorfi Javed Urfi Javed
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