खबर फिली – कैसे काम करती है Salman Khan की फाउंडेशन ‘बीइंग ह्यूमन’? खुद एक्टर ने किया था खुलासा – #iNA @INA

सलमान खान अपनी दरियादिली के लिए जाने जाते हैं. सलमान खान ने शुरू से ही अपने माता-पिता को दूसरों की मदद करते हुए देखा, इसलिए उनका रुझान हमेशा से चैरिटी की तरफ रहा है. अपने रुझान को देखते हुए सलमान खान साल 2007 में एक चैरिटी फाउंडेशन की शुरुआत की जिसका नाम उन्होंने ‘बीइंग ह्यूमन’ रखा. हाल ही में सलमान खान का एक पुराना वीडियो सामने आया है जिसमें एक्टर ने बताया कि बीइंग ह्यूमन फाउंडेशन कैसे काम करती है और हेल्प के लिए कैसे इससे कॉन्टैक्ट किया जाता है.

क्या काम करती है बीइंग ह्यूमन- बीइंग ह्यूमन ऐसी फाउंडेशन है, जो गरीब बच्चों की शिक्षा और उनके स्वास्थ्य का खर्च उठाती है और उनकी फाइनेंशियली मदद करती है. भाईजान अभी तक बीइंग ह्यूमन के जरिए बच्चों की हार्ट सर्जरी, स्वास्थ्य, शिक्षा पर करीब 50 करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च भी कर चुके हैं.

पीवीआर इवेंट में बताया प्रॉसेस

बीइंग ह्यूमन की नींव सलमान खान ने रखी है, लेकिन असल में इसे सलीम खान चलाते हैं. उन्होंने इस फाउंडेशन के जरिए लाखों लोगों की मदद की है. साल 2017 के एक पीवीआर इवेंट में सलमान खान से पूछा गया कि अगर कोई आपकी इस फाउंडेशन को अप्रोच करना चाहता है या उसे जरूरत है तो इसका क्या प्रोसेस है. इस सवाल के बाद सलमान ने डिटेल में बताया कि उनकी ये फाउंडेशन कैसे काम करती है.

ऐसे काम करती है ‘बीइंग ह्यूमन’

सलमान ने इस इवेंट में कहा, “हमारी इस फाउंडेशन को मेरे पिता और एक करीबी डॉ. संदीप मिलकर चलाते हैं. इस फाउंडेशन का कोई ऑिफस नहीं है, इसलिए वो बाहर ही मरीजों को चेक करते हैं. कुछ लोग फर्जी भी आ जाते है, लेकिन जितने भी जेनुइन केस आते हैं उन्हें मेरे पिता और डॉ. संदीप हैंडल करते हैं. इसके अलावा, हमारे फोर्टिस फाउंडेशन, सुजुकी मोटरसाइकिल और द मैक्स फाउंडेशन जैसे कई पार्टनर्स हैं.”

सलमान खान ने आगे कहा, “कई लोगों को हम इन सभी फाउंडेशन के पास भेजते हैं और कई बार ये फाउंडेशन भी लोगों को हमारे पास भेजती हैं. तो इस तरह से ये पूरा प्रोसेस कॉन्ट्रीब्यूट करके होता है. ऐसा नहीं कि किसी को कोई बीमारी है और हमने इलाज के लिए पूरे पैसे दे दिए. हम उन्हें कुछ अमाउंट देते है और फिर उन्हें 4 या 5 फाउंडेशन के पास अमाउंट के लिए भेजते हैं. फिर, सबसे अमाउंट इकट्ठा होने के बाद जरूरत के हिसाब से हॉस्पिटल में या स्कूल में जमा किया जाता है.”

आगे एक्टर ने बताया, “हम लोग इसको इतना प्रमोट नहीं करते हैं और इसलिए यहां टाई-अप चल रहे हैं. जैसे कि क्लोदिंग से, जूलरी से और साइकिल भी शुरू हो गई हैं जो सब बिक चुकी हैं. मेरी भी मैं सोच रहा हूं कि बेच दूं. तो इन टाई-अप से जितना भी पैसा आता है टैक्स कटने के बाद, उससे लोगों की मदद की जाती है.”

बीइंग ह्यूमन का रेवेन्यू मॉडल

ये फाउंडेशन अलग-अलग रेवेन्यू मॉडल पर काम करती है. इस फाउंडेशन में लोगों से डोनेशन लेने के बजाय बीइंग ह्यूमन के कपड़े और साइकिल को ऑनलाइन और स्टोर्स पर बेचकर पैसे जुटाए जाते हैं और सेल्स का कुछ परसेंटेज लोगों की मदद के लिए खर्च किया जाता है. बीइंग ह्यूमन का मंधाना मंधाना इंडस्ट्रीज लिमिटेड के साथ टाईअप है. मंधाना कंपनी के कुल 17 बीइंग ह्यूमन स्टोर, 6 फ्रेंचाइजी आउटलेट, 99 स्टोर-इन-स्टोर, 60 डिस्ट्रिब्यूटर और 100 इंटरनेशनल आउटलेट हैं, जो बीइंग ह्यूमन के कपड़े बेचते हैं.


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