खबर फिली – Singham Again की ‘रामायण’ जबरदस्ती वाली, सही खेल तो 23 साल पहले सनी देओल ने खेला था – #iNA @INA
इस वक्त सिनेमाघरों में एक ही नाम की गूंज है- सिंघम, सिंघम और सिंघम. ऐसा होना बनता भी है क्योंकि फिल्म जनता की उम्मीदों पर खरा उतरी है. मेकर्स ने जो जोड़-तोड़ लगाकर फिल्म को बनाया है, वो काबिल-ए-तारीफ है. मैंने पहले ही दिन जाकर फिल्म देखी और मुझे इसमें काफी कुछ पसंद भी आया. लेकिन अब भी मेरे दिमाग में एक चीज है, क्या सोचकर ‘सिंघम अगेन’ के मेकर्स ने फिल्म में पूरी ‘रामायण’ दिखा दी?
पिक्चर में रामायण के सिर्फ रेशे उठाने चाहिए थे. उसके साथ कॉप यूनिवर्स की कहानी जोड़ी जाती तो यह और खूबसूरती के साथ निखर कर आता. जैसा 23 साल पहले सनी देओल की ‘गदर’ में दिखा था. जानिए कैसे अनिल शर्मा की प्लानिंग ने फैन्स को खुश कर दिया था?
सनी देओल ने 23 साल पहले क्या किया था?
साल 2001. सनी देओल और अमीषा पटेल की ‘गदर’ आई थी. इस फिल्म को अनिल शर्मा ने डायरेक्ट किया था. पिक्चर में तारा सिंह (सनी देओल) और सकीना (अमीषा पटेल) की प्रेम कहानी दिखाई गई. भारत के विभाजन के दौरान मिलते है. वक्त के साथ प्यार होता है और फिर शादी. दोनों का एक बेटा भी होता है. सकीना पिता से मिलने पाकिस्तान जाती है, जहां से उसे वापस नहीं आने दिया जाता. इसके बाद शुरू होती है सकीना को वापस लाने की लड़ाई. इस पूरी कहानी का आइडिया अनिल शर्मा को ‘रामायण’ से आया था. लेकिन उन्होंने अपने अंदाज में, जो ट्विस्ट एंड टर्न्स फिल्म में एड किए गए, वो जबरदस्त थे.
अनिल शर्मा की कहानी पूरी तरह से ‘रामायण’ से इंस्पायर्ड थी. बस फर्क इतना था कि भगवान राम अपनी सीता को लेने लंका जाते हैं और फिल्म में तारा सिंह को पाकिस्तान जाकर सकीना को वापस लाना था. दूसरा बदलाव यह था कि तारा सिंह (सनी देओल) बेटे के बोलने पर वहां जाते हैं. रामायण में रावण था, तो पिक्चर में वो जगह सकीना के पिता ने ली, जो बेटी को वापस नहीं भेजना चाहते थे. यह स्क्रिप्ट जी स्टूडियो को भी पसंद आई थी और सनी देओल को भी. फिल्म को जनता ने भी खूब प्यार दिया था. महज 20 मिनट में यह आइडिया अनिल शर्मा ने सुना दिया था. फिल्म ने 78 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था.
सिंघम अगेन वाली ‘रामायण’ क्यों जबरदस्ती लगी?
रोहित शेट्टी ने ‘सिंघम अगेन’ बनाने का आइडिया ‘रामायण’ से लिया है या यूं कहूं कि पूरी रामायण ही फिल्म में दिखा दी. इसमें फिल्म की कहानी एकदम फिट भी है, जो अब हिट होती दिख रही है. लेकिन ‘रामायण’ के सिर्फ रेशे उठाए जाते, तो और मजा आता. कहानी को पूरा खराब कर दिया गया है. फिल्म देखकर ऐसा लगता है कि मेकर्स को भी खुद पर यकीन नहीं था. इसलिए हर बड़े सीन से पहले ‘रामायण’ दिखाने की प्लानिंग कर ली. यूं तो कई लोगों को यह पसंद भी आया है क्योंकि रामायण से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है. लेकिन मेकर्स ने गलती तो की है, जहां कहानी को एक-एक कर खुद को जोड़ना था, उसके लिए रामायण का इस्तेमाल किया गया.
कहानी बहुत प्रीडिक्टबल हो गई. कौन लक्ष्मण बना है और कौन भगवान हनुमान, यह तो सब जानते थे. बस कुछ रह गया, तो वो है एक्शन, कुछ ट्विस्ट एंड टर्न्स और एंडिंग. चलिए यह प्रीडिक्टबल कहानी भी चलती. लेकिन हर सीन से पहले पूरी फिल्म में जो रामायण वाला कनेक्शन जोड़ जोड़कर दिखाया जा रहा था. यह फिल्म कम और रामायण ज्यादा लगने लगी थी. उसका नुकसान यह भी हुआ कि शुरुआत में जब करीना कपूर कहानी सुनाने आ रही थीं, तो वो हिस्सा बोरिंग हो गया.
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