खबर फिली – Singham Again: करोड़ों की कारों को पलभर में उड़ा देते हैं डायरेक्टर, फिल्मों में कैसे शूट होते हैं गाड़ियों वाले एक्शन सीन? – #iNA @INA
रोहित शेट्टी और अजय देवगन की ‘सिंघम अगेन’ बॉक्स ऑफिस पर खूब धूम मचा रही है. एक्शन से लेकर कॉमेडी तक अपने करियर में रोहित शेट्टी ने कई तरह की फिल्मों का निर्देशन किया है, लेकिन उनकी सभी फिल्मों में हमें खूब एक्शन नजर आता है. रोहित शेट्टी के पिता एमबी शेट्टी खुद एक मशहूर स्टंट मैन और एक्शन कोरियोग्राफर थे. उनकी मां भी फिल्मों में स्टंट परफॉर्म करती थीं. यानी ‘खतरों से खेलना’ रोहित शेट्टी के खून में है. वैसे तो रोहित शेट्टी की फिल्मों में हर तरह का एक्शन दिखता है. मगर गाड़ियों के स्टंट उन्हें बेहद पसंद हैं. यही वजह है कि सिंघम अगेन हो या फिर गोलमाल, आपको ‘खतरों के खिलाड़ी’ के इस होस्ट की हर फिल्म में गाड़ियां उड़ती हुईं नजर आती हैं. अब बात करते हैं कि आखिर ये गाड़ियों को उड़ाने वाला स्टंट कैसे परफॉर्म किया जाता है और क्या इसके लिए नई गाड़ियां खरीदी जाती हैं?
दरअसल जब भी हम फिल्मों में हीरो को चमचमाती गाड़ियों से स्वैग के साथ उतरते हुए देखते हैं तब इस सीन के लिए इस्तेमाल की जानेवाली गाड़ियां नई होती हैं. पहले इन गाड़ियों के लोगो को ब्लर करके शूट किया जाता था, ताकि एडवरटाइजर के लिए ‘कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट’ न हो, लेकिन अब बड़ी-बड़ी लग्जरी गाड़ियों की कंपनी के साथ फिल्म्स का करार हो जाता है और फिर बिना किसी रेंट के ये गाड़ियां फिल्मों में इस्तेमाल की जाती हैं. अपनी कंपनी के ऑफिशियल लोगो के साथ ये गाड़ियां बड़े पर्दे पर पेश की जाती हैं. लेकिन इन गाड़ियों का इस्तेमाल ज्यादातर फिल्मों में नजर आने वाली चेजिंग, एक्टर या एक्ट्रेस की एंट्री, कपल का रोमांस दिखाने के लिए किया जाता है. कई बार कुछ निर्देशक अपने सीन के लिए लगने वाली गाड़ियां खुद कस्टमाइज कराते हैं.
कस्टमाइज होती हैं गाड़ियां
रोहित शेट्टी की ‘सिंघम अगेन’ में अजय देवगन की टास्क फाॅर्स के लिए बुलेट प्रूफ गाड़ियां दिखाई गई थीं. ये गाड़ियां अशोक लेलैंड कंपनी से टाय अप करके खुद कस्टमाइज की गई थीं ताकि देखने वालों को ऐसा लगे कि सचमुच सिंघम ने अपनी टीम की सुरक्षा के लिए नई बुलेटप्रूफ गाड़ियां बनवाई हैं. संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म ‘एनिमल’ में वो बाइक जैसी दिखने वाली बड़ी सी मशीन गन भी मेकर्स ने ख़ास डिजाइन करवाई थीं. ये गन वाली बाइक आज भी भूषण कुमार के टी-सीरीज ऑफिस में रिसेप्शन एरिया में रखी गई है. हालांकि ये सारी गाड़ियों को न ही स्टंट में खर्च किया जाता है और न ही उन्हें बम से उड़ाया जाता है.
हवा में उड़ती हैं पुरानी गाड़ियां
गाड़ियों के स्टंट दो तरह के होते हैं. एक इंडोर शूट किए जाने वाले सीन और दूसरे आउटडोर में शूट होने वाले सीन. बम ब्लास्ट या बम से उड़ाने वाले सीन में इस्तेमाल की जाने वाली ज्यादातर गाड़ियां पुरानी होती हैं. उन्हें पेंट करके बड़े पर्दे पर पेश किया जाता है. कई बार जैसे एक्टर्स के बॉडी डबल होते हैं वैसे गाड़ियों के भी बॉडी डबल बनाए जाते हैं. यानी अगर एक्टर लाल रंग की बीएमडब्ल्यू में बैठकर जा रहा है और पीछे से उसे ट्रक से टक्कर मारकर खाई में गिरा दिया जाता है तो ये सीन शूट करने के लिए पहले एक कैमरा से बीएमडब्ल्यू में बैठे एक्टर के एक्सप्रेशन, उनके क्लोज एक्सप्रेशन सब कुछ शूट किया जाता है और फिर लॉन्ग शॉट में लाल रंग की बीएमडब्ल्यू की जगह पुरानी लाल रंग की एस्टीम या एस एक्स 4 को खाई में धकेला जाता है. ये टूटी हुईं गाड़ियां फिर से वर्कशॉप में भेज दी जाती हैं और उनका फिर जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जाता है.
इंडोर एक्शन शूटिंग
आउटडोर शूटिंग के मुकाबले इंडोर एक्शन सीन की शूटिंग काफी आसान होती है, क्योंकि ये शूट क्रोमा पर होता है. इस सीन में गाड़ियों के मिनिएचर मॉडल बनाए जाते हैं और फिर उन गाड़ियों के अंदर पटाखे डालकर उन्हें ब्लास्ट किया जाता है. एक साथ चलने वाली गाड़ियां दिखाने के लिए या फिर गाड़ी ऊपर उड़ती हुई दिखाने के लिए इन गाड़ियों को धागे से बांधा जाता है और फिर एडिटिंग में इसे हटा दिया जाता है. लेकिन रोहित शेट्टी जैसे बड़े निर्देशक उनके स्टंट्स असल गाड़ियों के साथ ही परफॉर्म करते हैं, लेकिन ये गाड़ियां कई फिल्मों में उनका रंग-रूप बदलकर इस्तेमाल की जाती हैं.
एक्टर्स नहीं स्टंटमैन परफॉर्म करते हैं गाड़ियों के ब्लास्ट के सीन
जब भी फिल्मों में गाड़ियों में ब्लास्ट होता है तब ये गाड़ियां बिना ड्राइवर के ही छोड़ दी जाती हैं, लेकिन कई बार गाड़ी में एक्टर की जगह स्टंट मैन या वुमन को बिठाकर उनके दूर से शॉट लिए जाते हैं और वो गाड़ी से उनके लिए बिछाए गए गद्दे पर छलांग लगा लेते हैं और फिर गाड़ी आगे चलकर ब्लास्ट हो जाती है.
वीएफएक्स का जादू
भले ही आज भी रोहित शेट्टी और सिद्धार्थ आनंद जैसे निर्देशक अपनी फिल्मों में गाड़ियों के साथ ग्रैंड एक्शन सीन शूट करते हैं, लेकिन अब वीएफएक्स की वजह से ये काम बेहद आसान हो गया है. अब वीएफएक्स से छोटे से सीन को भी ग्रैंड बनाया जा सकता है और यही वजह है कि लगभग हर फिल्म में हमें भरपूर एक्शन सीन देखने मिल रहे हैं.
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