खबर फिली – जब शारदा सिन्हा ने ससुर के कहने पर गाना गाया, नाराज सास ने 4 दिन तक छोड़ दिया खाना – #iNA @INA
भोजपुरी लोकगायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार को निधन हो गया. 72 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. लेकिन शारदा सिन्हा की मधुर आवाज सदा ही चाहनेवालों का मनोरंजन करती रहेगी. उन्होंने छठ पूजा पर कई लोक और पारंपरिक गीत गाए हैं. उनके इन गानों के बिना छठ का महापर्व अधूरा होता है. लेकिन जब पहली बार उन्होंने गाना शुरू किया था, तो गांव वालों और परिजनों ने उनकी काफी आलोचना की थी. उनका पहला गाना 1971 में रिकॉर्ड किया गया था. पिता और पति के अलावा शारदा सिन्हा के ससुर ने भी उन्हें काफी सपोर्ट किया, लेकिन उनके संगीत सफर का सास ने विरोध किया था.
एक इंटरव्यू के दौरान शारदा सिन्हा ने बताया था कि शादी के बाद उनका संगीत सफर कितना मुश्किल रहा. सास और बाकी लोगों ने उनके गानों का विरोध किया था. इस दौरान नाराज सास ने खाना तक छोड़ दिया था.
शारदा सिन्हा ने गाना गाया, सास ने खाना छोड़ दिया
शारदा सिन्हा ने लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में बताया था कि बचपन से शादी के बाद तक, उन्हें संगीत के लिए कितना संघर्ष करना पड़ा. पिता, पति और ससुर ने उन्हें हर वक्त सपोर्ट किया, लेकिन घर परिवार और गांव के ही कुछ लोग थे, जिन्हें यह सब पसंद नहीं आया. ऐसे में उनका लगातार विरोध किया गया. गानें के अलावा उन्होंने मणिपुरी डांस भी सीखा था. लेकिन उनके पिता की इच्छा थी कि अगर बच्चे में गाने का कौशल है तो उधर जाना चाहिए. वो कहती दिखाई दी थीं कि अगर उनके पिता नहीं होते, तो वो कभी आगे नहीं बढ़ पातीं.
इस दौरान शादी के बाद का किस्सा भी शेयर किया था. शारदा सिन्हा ने बताया था कि शादी के बाद पति ने बहुत सपोर्ट किया था. लेकिन तब सास और घर के बाकी लोग इसके खिलाफ रहे. साथ ही बहुत विरोध भी किया गया था. उन्होंने बताया था कि सास ने 3-4 दिनों तक खाना ही नहीं खाया था, क्योंकि वो गाना गा रही थीं.
ससुर ने किया था सपोर्ट
वहीं ससुर को कीर्तन पसंद था, तो वो भजन गाने के लिए शारदा सिन्हा को काफी बढ़ावा देते थे, लेकिन इस बात पर भी सास काफी नाराज रहती थीं कि आप क्यों बढ़ावा देते हैं? शारदा सिन्हा ने कहा था कि, जब उन्हें पता लगा कि ससुर मौका दे रहे हैं, तो उन्होंने सोचा कि- सास खाना खाएं या न खाएं, जहां उन्हें मौका मिल रहा है वहां चलो. यह भी कहती दिखी थीं कि बाद में जो कुछ भी हो देखा जाएगा सोचकर उन्होंने बस गाने का मौका देखा था.
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