दुनियां – रूस में ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की हुई बैठक, इन देशों ने पहली बार लिया हिस्सा – #INA

भारत ने सोमवार को ईरान, यूएई, मिस्र, सऊदी अरब और इथियोपिया के ब्रिक्स में शामिल होने का स्वागत किया है. साथ ही उनके प्रतिनिधियों ने पहली बार रूस द्वारा आयोजित ब्रिक्स की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया. यहां भारत का नेतृत्व वरिष्ठ राजनयिक दम्मू रवि ने किया. ये कार्यक्रम पश्चिमी रूस के निजनी नोवगोरोड में आयोजित किया गया. इसी को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ब्रिक्स समूह के परिवार के प्रारूप में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. भारत नए सदस्यों का तहे दिल से स्वागत करता है.
सोमवार को हुई बैठक में ब्रिक्स के विस्तार के बाद पहली मंत्रिस्तरीय बैठक की गई. मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और यूएई ब्रिक्स समूह के सदस्य बन गए हैं. ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका पहले से ही इसके सदस्य हैं. आमतौर पर विदेश मंत्री ऐसी बैठकों में भाग लेते हैं. चूंकि एस जयशंकर को रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के बाद सोमवार को ही विदेश मंत्री के रूप में फिर से नियुक्त किया गया था, इसलिए वे बैठक में भाग लेने के लिए रूस नहीं जा सके थें.
बैठक में जी20 शिखर सम्मेलन की हुई तारीफ
बैठक में कई विदेश मंत्रियों ने जी20 शिखर सम्मेलन की तारीफ की. उन्होंने जी20 में अफ्रीकी संघ को शामिल करने का भी स्वागत किया. मंत्रियों ने क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को मजबूत करने के लिए अफगानिस्तान में जल्द से जल्द शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया है. सभी ने आतंकवाद पर कड़े फैसले लेने का समर्थन किया है.रूस ने एक जनवरी, 2024 को ब्रिक्स की एक वर्ष की अध्यक्षता का कार्यभार संभाला था.
गाजा का मामला भी उठा
ब्रिक्स दुनिया की पांच उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का एक समूह है. इस बैठक में गाजा का भी मामला उठा इस दौरान सभी ने गाजा पट्टी में फलस्तीन नागरिक आबादी को मानवीय सहायता की तत्काल, सुरक्षित डिलीवरी का आह्वान किया. साथ ही युद्धविराम के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर भी दबाव डाला. विदेश मंत्रियों ने उन सभी बंधकों को तत्काल और बिना शर्त रिहाई के लिए कहा है, जिन्हें अवैध रूप से बंदी बनाया गया है.

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

Source link

Back to top button