दुनियां – इजरायली सैनिकों के ड्रोन हमले में फिलिस्तीनी कमांडर की मौत, नूर शम्स पर दागी तीन मिसाइलें – #INA

Israeli Drone Attack: इजरायली सैनिकों ने रविवार को उत्तरी पश्चिमी तट पर हवाई हमला किया. इस हमले में एक फिलिस्तीनी आतंकवादी मारा गया जबकि पांच अन्य लोग घायल हुए है. फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों के मुताबिक, यह हमला नूर शम्स में हुआ, जो एक शहरी शरणार्थी शिविर है.
नूर शम्स फिलिस्तीनी आतंकवादियों के गढ़ के रूप में जाना जाता है. जिसपर हाल के दिनों में लगातार इजरायली सेना के निशाना पर रहा है. सरकारी फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी वफा ने कहा कि एक इजरायली ड्रोन ने तीन मिसाइलें दागीं और एक घर पर हमला किया.
मृत कमांडर पिछले हमले से बच निकला था
समाचार एजेंसी वफा के मुताबिक, इस्लामिक जिहाद ने मृत व्यक्ति की पहचान सईद अल-जबर के रूप में की, जो उसके स्थानीय कमांडरों में से एक था. वफ़ा ने कहा कि मृत कमांडर 20 जून को हुए पिछले इजरायली ड्रोन हमले से बच निकला था.
वहीं, स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि इजरायली ड्रोन हमले में घायल हुए दो लोगों की हालत गंभीर है. इसके साथ ही इजरायली सेना ने भी एक घर पर ड्रोन हमले की पुष्टि की है. सेना की ओर से कहा गया कि अल-जबर सहित घर के अंदर मौजूद आतंकवादी हाल ही में इजरायली लक्ष्यों पर हमलों के लिए जिम्मेदार थे.
हमले में अब तक 37,800 फिलिस्तीनी मारे गए हैं
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि युद्ध की शुरुआत से लेकर अब तक पश्चिमी तट पर इजरायली गोलीबारी में 500 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं. इनमें से ज्यादातर इजरायली छापे और हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान मारे गए हैं. मृतकों में यहूदी बसने वालों के हमलों में मारे गए फिलिस्तीनी और राहगीर भी शामिल हैं.
ये भी पढ़ें- यूरोप में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हाई अलर्ट, आतंकवादी हमले की आशंका
स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में कहा गया कि 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल पर हमास के हमले के जवाब में इजरायली सेना ने गाजा में हवाई और जमीनी हमला किया, जिसमें 1,200 लोग मारे गए और 250 अन्य बंधक बना लिए गए. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस हमले में 37,800 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जो मारे गए लोगों की संख्या के मामले में नागरिकों और लड़ाकों के बीच अंतर नहीं करता.

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

Source link

Back to top button