दुनियां – लोगों का सब्र जवाब दे रहा…राष्ट्रपति बनते ही पेजेश्कियान को अपने ही घर में मिली चेतावनी – #INA

ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में मसूद पेजेश्कियान ने हार्डलाइनर नेता सईद जलीली को बड़े अंतर से हरा दिया. देश के मतदान प्रतिशत में आई कमी के बावजूद मसूद पेजेश्कियान ने जलीली से लगभग 3 मिलियन ज्यादा वोट हासिल किए हैं. पेजेकश्कियान की जीत के बाद उनके ऊपर कई बड़े जिम्मेदारी भी आ गई है, क्योंकि इस वक्त ईरान कई परेशानियों के दौर से गुजर रहा है. ईरान के शीर्ष सुन्नी धर्मगुरु मौलवी अब्दुलहामिद ने नए राष्ट्रपति को इसके लिए चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि ईरान के लोग गुस्सा हैं और उनका सब्र अब जवाब दे रहा है.
चुनाव का बहिष्कार करने वाले मौलवी अब्दुलहामिद ने अपने एक बयान में जनता के बीच ईरान के सिस्टम के खिलाफ पल रहे गुस्से को उजागर किया है. उन्होंने अपने तर्क में ईरान के वोट प्रतिशत में आई भारी गिरावट का हवाला दिया है. अब्दुल हमीद ने कहा कि यह गिरावट खराब और असंगत सरकारी नीतियों के प्रति जनता के असंतोष का संकेत देती है.
सराकार की नीतियों से गरीबों को नुकसान
28 जून को हुए राष्ट्रपति चुनाव में 39.92 फीसद मतदान हुआ, जो इस्लामी गणराज्य के इतिहास में सबसे कम है. हालांकि 5 जुलाई को हुए दूसरे चरण के मतदान में 10 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन फिर भी 50 फीसद के करीब मतदाताओं ने चुनाव से दूरी बनाए रखी. सुन्नी मौलवी ने कहा, देश की जनता राजनीतिक आर्थिक और सामाजिक दबावों से दबी हुई है. सरकारी नीतियों ने देश के गरीब तबके की कमर तोड़ दी है, वे अपने लिए इंसाफ और आजादी की मांगों को जारी रखेगी.
अब्दुलहामिद ने सुन्नी तथा बलूच समुदायों के प्रतिनिधित्व की कमी पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने रूढ़िवादी और सुधारवादी राजनीति से दूर जनता की भावना में गहन बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया, साथ ही पेजेश्कियान की जीत को स्वीकार किया.
पहले भी कर चुके हैं आलोचना
ईरान के शीर्ष सुन्नी मौलवी अब्दुलहामिद सरकार के प्रति अपने मुखर विरोध के लिए जाने जाते हैं. वे कई प्रदर्शनों में हुई कार्रवाई के खिलाफ खुलकर बोल चुके हैं. अब्दुलहामिद ने सुप्रीम लीडर की नीतियों के खिलाफ अपने रुख के लिए विरोध का सामना भी किया है.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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