दुनियां – श्रीलंका राष्ट्रपति चुनाव: वो 4 उम्मीदवार जिन पर है सबकी नज़र – #INA

21 सितंबर को श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होनी है, 2022 के आर्थिक और सियासी संकट के बाद हो रहे चुनाव को काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि चुनावी नतीजे ही श्रीलंका का राजनीतिक और आर्थिक भविष्य तय करेंगे. करीब 2 साल पहले हुए जन विद्रोह के बाद पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा था, जिसके बाद रानिल विक्रसिंघे ने संसदीय वोट हासिल कर श्रीलंका की कमान संभाली.
साल 2022 के आर्थिक संकट के बाद यह पहला मौका होगा जब जनता अपने मताधिकारों का इस्तेमाल कर राष्ट्रपति चुनेगी. श्रीलंका के इतिहास में पहली बार रिकॉर्ड 39 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. शनिवार को होने वाले चुनाव में श्रीलंका के 1.7 करोड़ वोटर इन उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे. हालांकि बीते 2 साल में रानिल विक्रमसिंघे की सरकार ने देश को आर्थिक संकट से उबारने की कोशिश तो की है लेकिन देखना होगा कि श्रीलंका की जनता उन पर भरोसा जताती है या नहीं.
चुनावी रेस में शामिल 4 बड़े चेहरे
श्रीलंका राष्ट्रपति चुनाव की रेस में शामिल चेहरों में 4 कैंडिडेट ऐसे हैं जिन पर सभी की निगाहें टिकी हैं. माना जा रहा है कि मुख्य मुकाबला इन्हीं 4 उम्मीदवारों के बीच में है. इसमें सबसे पहला नाम वर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे का आता है जो इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. 75 वर्षीय विक्रमसिंघे को शहरी इलाकों में समर्थन मिल रहा है, माना जाता है कि महंगाई कम करने को लेकर किए गए उनके प्रयासों से जनता खुश है लेकिन IMF से कर्ज लेने के लिए की गई करों में वृद्धि से उनके खिलाफ नाराज़गी है.
साजिथ और अनुरा दे रहे कड़ी टक्कर
रानिल विक्रमसिंघे को सबसे ज्यादा टक्कर दो प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों से मिल रही है, वो हैं अनुरा कुमार और साजिथ प्रेमदासा. कोलंबो के बाहर ग्रामीण इलाकों में अनुरा कुमार लोगों की पसंद बताए जा रहे हैं, वहीं साजिथ प्रेमदासा को किसानों, शिक्षकों, डॉक्टर्स और तमिल माइनॉरिटी का साथ हासिल है.
नमल राजपक्षे सबसे युवा उम्मीदवार
हालांकि चुनावी चर्चा में नमल राजपक्षे का भी नाम बार-बार सामने आता रहा है लेकिन उनके जीतने की संभावना बेहद कम बताई जा रही है. दरअसल नमल उसी राजनीतिक परिवार से आते हैं, जिसे श्रीलंका की बर्बादी के लिए जिम्मेदार माना जाता है. वह पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के बेटे हैं.
नमल की उम्मीदवारी से पहले तक श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (SLPP) पार्टी रानिल विक्रमसिंघे को समर्थन दे रही थी, लेकिन बाद में पार्टी ने नमल राजपक्षे को अपना आधिकारिक उम्मीदवार घोषित कर दिया. 38 वर्षीय नमल सबसे युवा उम्मीदवार हैं, वह युवा वोटर्स को लुभाने के लिए बेहतर अर्थव्यवस्था और नौकरी का वादा कर रहे हैं. इसके अलावा उनकी नज़र पार्टी और परिवार के पारंपरिक सिन्हाला वोटर्स पर भी है लेकिन उनके लिए यह चुनाव जीतना काफी मुश्किल माना जा रहा है.
साजिथ प्रेमदासा के 5 बड़े वादे
राष्ट्रपति विक्रमसिंघे को सबसे ज्यादा चुनौती समागी जन बालावेगया (SJB) पार्टी के साजिथ प्रेमदासा और नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) गठबंधन के उम्मीदवार अनुरा कुमार दिसानायके दे रहे हैं. पूर्व राष्ट्रपति के बेटे और संसद में विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा को एक कुशल वक्ता माना जाता है, वह जटिल सत्ता समीकरणों को संतुलित करने में भी सक्षम हैं. उनका चुनावी मेनिफेस्टो 5 अहम बिंदुओं पर फोकस है, पहला-अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना, दूसरा-जनता का सशक्तिकरण, तीसरा- सरकारी सेवाओं को बेहतर करना, चौथा- बेहतर जिंदगी देना और पांचवां-देश की सुरक्षा करना.
उनकी पार्टी ने कुछ छोटे दलों से भी गठबंधन किया है जिन्हें तमिल और मुसलमानों का समर्थन हासिल है. श्रीलंका में तमिल आबादी 11 फीसदी है तो वहीं मुस्लिम अल्पसंख्यकों की आबादी 9.7 फीसदी है. जिसके चलते चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है.
अनुरा कुमार का युवाओं में बढ़ता क्रेज
वहीं जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) के अनुरा कुमार दिसानायके मार्क्सवादी नेता हैं. जो नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) गठबंधन के उम्मीदवार हैं. 55 वर्षीय अनुरा बदलाव लाने का वादा कर रहे हैं. युवाओं में उनका क्रेज लगातार बढ़ रहा है, उन्हें छात्रों, शिक्षकों और वर्किंग क्लास का भारी समर्थन मिल रहा है. अनुरा ने 2019 के राष्ट्रपति चुनाव में भी हिस्सा लिया था लेकिन तब उन्हें महज़ 3 फीसदी वोट मिले थे. हालांकि बीते 5 सालों में श्रीलंका में हुए सियासी फेरबदल के बाद नतीजों का अनुमान लगाना बेहद मुश्किल है लेकिन वोटर्स का सबसे ज्यादा फोकस महंगाई, अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर ही रहने वाले हैं.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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