दुनियां – पीएम मोदी के कार्यकाल में अरब वर्ल्ड के साथ मजबूत हुए रिश्ते, इन 5 देशों के जरिए समझिए बदलाव के समीकरण – #INA

प्रधानमंत्री मोदी का आज जन्मदिन है, पीएम 74 साल के हो गए हैं. जब वह मई 2014 में पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने थे तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि इस्लामिक मुल्कों के साथ भारत के संबंध इतने मजबूत होंगे, लेकिन बीते एक दशक में भारत ने इस्लामिक मुल्कों खासकर अरब वर्ल्ड के साथ डिप्लोटमेटिक संबंधों को तरजीह दी. यही वजह है कि सऊदी अरब, UAE समेत कई अरब मुल्कों से भारत के संबंध बेहद मजबूत हुए हैं.
बीते 10 सालों में प्रधानमंत्री मोदी को करीब 15 देशों ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाज़ा है, इसमें कई इस्लामिक देश भी शामिल हैं. हिंदुत्व की छवि वाले पीएम नरेंद्र मोदी ने कैसे इस्लामिक देशों के साथ रिश्तों के नए आयाम गढ़े और संबंधों को मजबूत किया यह एक मिसाल है. इस लेख में हम अरब वर्ल्ड के 5 बड़े और अहम मुल्कों के साथ भारत के संबंध और बदलते समीकरण के बारे में जानेंगे.
ईरान के साथ रिश्तों में सुधार
मोदी सरकार के कार्यकाल की सबसे बड़ी बात यह है कि ईरान के साथ भारत के रिश्तों में काफी सुधार हुआ है. भारत की पश्चिमी एशिया नीति के नजरिए से ईरान के साथ अच्छे संबंध काफी अहम हैं. साल 2016 में पीएम मोदी ने ईरान का दौरा किया था, यह 15 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का ईरान दौरा था. इस दौरान दोनों देशों के बीच 12 MoU साइन किए गए. वहीं फरवरी 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति रूहानी ने भारत का दौरा किया था, रूहानी की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 13 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.
हालांकि भारत और ईरान के बीच सबसे बड़ी डील इसी साल मई में हुई, जब भारत और ईरान ने चाबहार पोर्ट के संचालन से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर किए. इसे पाकिस्तान और चीन के लिए बड़ा झटका माना जाता है. दरअसल चीन और पाकिस्तान मिलकर ग्वादर पोर्ट का निर्माण कर रहे हैं, चाबहार पोर्ट को इसके लिए बड़ी चुनौती माना जाता है. चाबहार पोर्ट भारत, ईरान और अफगानिस्तान को जोड़ता है.
सऊदी अरब के साथ अटूट दोस्ती
अरब मुल्क के सबसे अहम देश की बात करें तो सऊदी अरब के साथ भारत के राजनयिक संबंध आजादी के समय से हैं. लेकिन पीएम मोदी के कार्यकाल में दोनों देशों के बीच एक अटूट दोस्ती देखने को मिली. अप्रैल 2016 में प्रधानमंत्री मोदी को सऊदी अरब के रियाद में सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाज़ा गया. फरवरी 2019 में जब क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भारत यात्रा पर आए तो उन्होंने भारत में 100 बिलियन डॉलर के निवेश का ऐलान किया और 6 MoU पर हस्ताक्षर हुए. इस दौरान सऊदी अरब पीएम मोदी के लॉन्च किए गए इंटरनेशनल सोलर अलायंस (ISA) में शामिल हुआ. वहीं अक्टूबर 2019 में प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर रियाद का दौरा किया और दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी परिषद (SPC) समझौते पर हस्ताक्षर हुए.
भारत और सऊदी अरब एक दूसरे के अहम व्यापारिक साझेदार हैं, वित्तीय वर्ष 2022-23 में दोनों देशों के बीच 52.76 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ. भारत और सऊदी अरब के बीच ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ा है. वहीं पिछले साल सितंबर में हुए G20 सम्मेलन के दौरान भारत, सऊदी अरब समेत 7 देशों के बीच एक इकोनॉमिक कॉरिडोर का ऐलान किया गया. इस प्रोजेक्ट में दोनों देशों के अलावा अमेरिका, जर्मनी, इटली, फ्रांस और UAE भी शामिल हैं. इस प्रोजेक्ट के जरिए खाड़ी देशों और दक्षिण एशिया के बीच व्यापार काफी आसान हो जाएगा.
UAE के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंध
भारत और UAE के बीच वर्ष 1972 में राजनयिक संबंध स्थापित किए गए थे, लेकिन पीएम मोदी के कार्यकाल में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत हुए हैं. इसका अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल में 7 बार UAE का दौरा किया है. वहीं 5 साल पहले ही उन्हें UAE के सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ जायद’ से सम्मानित किया जा चुका है. UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद भी कई बार भारत का दौरा कर चुके हैं. इसी साल जनवरी में हुए वाइब्रेंट गुजरात समिट में शेख मोहम्मद बिन जायद चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल हुए थे. UAE भारत का बड़ा रणनीतिक और व्यापारिक साझेदार है. साल 2022 में दोनों देशों के बीच हुए CEPA समझौते के तहत द्विपक्षीय व्यापार को 100 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है.
UAE में करीब 35 लाख भारतीय रहते हैं, जो UAE की कुल आबादी का करीब 35 फीसदी है. दोनों देशों के बीच रणनीतिक और व्यापारिक रिश्तों के साथ-साथ सांस्कृतिक रिश्ते भी मजबूत हैं. UAE में 100 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय भारतीय स्कूल हैं जहां CBSE और केरल बोर्ड की शिक्षा दी जाती है. वहीं फरवरी 2024 में पीएम मोदी ने आबु धाबी में BAPS मंदिर का उद्घाटन किया था, पीएम ने इसे पूरी दुनिया के लिए सांप्रदायिक सौहार्द और एकता का प्रतीक बताया था.
कतर के साथ दोस्ती की मिसाल
प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में भारत और कतर की दोस्ती ने एक मिसाल कायम की है. करीब 7 साल पहले जब 4 खाड़ी देशों ने कतर पर बैन लगा दिया था तब भारत ने कतर की काफी मदद की थी. हाल ही में कतर ने भी भारत के साथ दोस्ती निभाते हुए भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को जेल से रिहा किया था जिसे भारत सरकार और पीएम मोदी की बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही थी. इन 8 लोगों को कतर की एक कोर्ट ने मौत की सज़ा सुनाई थी, लेकिन करीब 3 महीने तक कूटनीतिक स्तर पर चली बातचीत और कानूनी प्रक्रिया के बाद कतर ने इन्हें रिहा कर दिया.
दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में तेज़ी से सहयोग बढ़ाया जा रहा है. पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में ही कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी ने भारत का राजकीय दौरा किया. इस दौरान दोनों देशों के बीच ऊर्जा, पेट्रोकेमिकल, इंफ्रा डेवलपमेंट, शिक्षा, स्वास्थ्य और निवेश के क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने पर चर्चा हुई. मार्च 2015 में हमाद अल थानी की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 6 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. इसके अगले साल 2016 के आखिरी महीने में कतर के प्रधानमंत्री ने भी भारत का दौरा किया था.
इसके अलावा जून 2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने भी कतर का दौरा किया, करीब 8 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने कतर की यात्रा की थी. पीएम की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 7 MoU साइन किए गए. वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने इस साल फरवरी में भी कतर का दौरा किया था, खास बात ये थी कि पीएम की इस यात्रा की घोषणा पहले से नहीं की गई थी, कतर से रिहाई के बाद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी भारत पहुंचे तब पीएम मोदी की कतर यात्रा के बारे में जानकारी दी गई.
बहरीन-भारत के मजबूत संबंध
बात की जाए बहरीन की तो 15 लाख की आबादी वाले मुल्क में करीब साढ़े 3 लाख भारतीय रहते हैं. जो दोनों देशों के मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का बड़ा स्तंभ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2019 में बहरीन का दो दिवसीय राजकीय दौरा किया था. उन्हें बहरीन के प्रधानमंत्री खलीफा बिन सलमान अल खलीफा ने न्यौता दिया था. यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली बहरीन यात्रा थी.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी इस यात्रा के दौरान बहरीन में 200 साल पुराने श्री कृष्ण मंदिर के पुनर्निर्माण की आधारशिला रखी. इस दौरान भारत और बहरीन ने रक्षा और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जताई.
कोरोना महामारी के दौरान बहरीन और भारत के संबंध और मजबूत हुए. भारत सरकार ने बहरीन को 1 लाख कोविशील्ड की डोज भेंट दी तो वहीं बहरीन की सरकार ने वहां रह रहे भारतीयों के लिए पर्याप्त चिकित्सा सेवा मुहैया करवाई. भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के डाटा के अनुसार साल 2022-23 में दोनों देशों के बीच करीब 1980 मिलियन डॉलर का कारोबार हुआ है.
25 अगस्त 2019 को बहरीन ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान उन्हें देश के सबसे सर्वोच्च सम्मान ‘द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां’ से सम्मानित किया था. उन्हें यह सम्मान बहरीन के किंग ने दिया था, जिससे दोनों देशों के बीच रिश्तों की घनिष्ठता को समझा जा सकता है.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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