दुनियां – हिजबुल्लाह के खिलाफ मोसाद का ऑपरेशन ‘गैजेट बम’, घर-सड़कें और श्मशान… बेरूत में एक साथ सैकड़ों लहूलुहान – #INA

राजधानी बेरूत समेत लेबनान के अलग-अलग इलाकों में मंगलवार को 500 से ज्यादा पेजर और ICOM जैसे पर्सनल रेडियो सेट्स में ब्लास्ट हुए. इन धमाकों में 9 लोगों की मौत हो गई है और 300 लोग घायल हुए हैं. हिजबुल्लाह के लड़ाके पेजर के साथ कम्युनिकेशन के लिए ICOM रेडियो डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं. लेबनान में पिछले कुछ घंटों में रिहायशी इमारतों में कई धमाकों के बाद आग भी लग गई. वायरलेस कम्युनिकेशन डिवाइस में धमाकों के बाद ये आग लग गई. सड़कों पर चलती गाड़ियों में भी कम्युनिकेशन डिवाइस में धमाके हुए.
लेबनान से जलती बिल्डिंग और गाड़ियों के वीडियो सामने आए हैं. धमाकों के बाद अफरातफरी मच गई. हिजबुल्लाह ने सभी से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बंद करने को कहा है. सिर्फ लैंडलाइन और मोटरसाइकिल कुरियर पर निर्भर रहने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा बेरूत में 4 हिजबुल्लाह लड़ाकों के सुपुर्द-ए-खाक में भी धमाके हुए हैं. साथ ही सांसद अली अम्मार के बेटे के फ्यूनरल में भी धमाका हुआ है.
रेडियो सेट्स, रेडियो रिसीवर, मोबाइल और लैपटॉप में धमाके
धमाकों के बाद बेरूत के श्मशान में भगदड़ मच गई. हिजबुल्लाह लड़ाकों के जनाजे में हजारों की भीड़ शामिल होने के लिए पहुंची थी. धमाकों के बाद दर्जनों एम्बुलेंस घटनास्थल पर रवाना की गईं. लेबनान में हुए धमाके कम्युनिकेशन डिवाइसेज की मदद से अंजाम दिए जा रहे हैं. सोमवार को पेजर में सीरियल ब्लास्ट हुआ. मंगलवार को पेजर के साथ पर्सनल रेडियो सेट्स, रेडियो रिसीवर, मोबाइल और लैपटॉप में धमाके हुए.
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इसके अलावा घरों में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक होम अप्लायंसेज में भी धमाकों की खबर है. यहां तक फिंगर प्रिंट मशीन और सोलर एनर्जी सिस्टम्स में भी ब्लास्ट हो रहे हैं. ये देखते हुए कहा जा सकता है कि लेबनान में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट स्ट्राइक हुई है. जिस तरह इजरायल ने पेजर्स और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में धमाके किए हैं, उसने दुनिया में नए वॉरफेयर का फ्रंट खोल दिया है.
हिजबुल्लाह के लड़ाके पेजर का इस्तेमाल क्यों कर रहे थे?
ये बहस छिड़ गई है कि दुश्मन पर इस तरह से भी हमले किए जा सकते हैं. बिना अपने सैनिकों का खून बहाए दुश्मन को लहूलुहान किया जा सकता है. ऐसे में बड़ा सवाल है, इस जमाने में हिजबुल्लाह के लड़ाके मोबाइल के बजाए पेजर का इस्तेमाल क्यों कर रहे थे, क्या आज भी कोई पेजर के जरिए संदेश भेजता है? हिजबुल्लाह ने ताइवान की कंपनी को हजारों पेजर्स का ऑर्डर दिया था. क्या वहां कोई गड़बड़ हो गई? क्या किसी ने हिजबुल्लाह का प्लान लीक कर दिया?
सवाल ये भी है, इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने हिजबुल्लाह के लड़ाकों के पेजर में धमाके कैसे किए? सीरिया से लेकर लेबनान के कई शहरों तक सिर्फ 3 ग्राम विस्फोटक से कैसे हाहाकार मच गया? ऐन मौके पर मोसाद ने बटन दबा दिया और 1 घंटे तक लगातार धमाके होते रहे.
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हिजबुल्लाह चीफ ने अपने लोगों से कहा था कि मोबाइल फोन विदेशी एजेंट्स हैं. इसके बाद हिजबुल्लाह ने प्लान B पर काम किया. हिजबुल्लाह चीफ ने पेजर का ऑर्डर दिया, जो ऐसी डिवाइस होती है, जिसके जरिए मैसेज को भेजा और रिसीव किया जा सकता है. ये रेडियो फ्रीक्वेंसी पर चलता है. इसके लिए इंटरनेट या मोबाइल नेटवर्क की जरूरत नहीं पड़ती.
हिजबुल्लाह ने हजारों पेजर्स का ऑर्डर क्यों दिया और उससे कहां गलती हो गई?

मोसाद आसानी से मोबाइल की लोकेशन ट्रैक कर सकता है.
बीते दिनों मोबाइल रखने वाले हिजबुल्लाह के कई कमांडर मारे गए.
हिजबुल्लाह लड़ाकों ने मोबाइल छोड़कर पेजर तकनीक पर शिफ्ट किया.
इसके बाद हिजबुल्लाह की तरफ से बड़े पैमाने पर पेजर का ऑर्डर दिया गया.
हिजबुल्लाह ने ताइवान की गोल्ड अपोलो कंपनी को 5,000 पेजर बनाने का ऑर्डर दिया था.
इजरायली एजेंसियां बड़े पैमाने पर पेजर के ऑर्डर की वजह से चौकन्नी हुईं.
डिलीवरी से पहले ही मोसाद ने पेजर के अंदर छेड़छाड़ करके उसमें 3 ग्राम से लेकर 15 ग्राम तक विस्फोटक प्लांट कर दिए थे.

हिजबुल्लाह ने ये सोचा था कि उसके लड़ाके लोकेशन ट्रैकिंग से बचने के लिए पेजर का इस्तेमाल करेंगे तो उसे स्मार्टफोन की तरह हैक नहीं किया जा सकेगा. मगर, मोसाद ने इन पेजर्स में धमाके करके लेबनान में कई लोगों की जान ले ली. हालांकि इसमें एक ट्विस्ट ये भी है कि लेबनान में धमाकों से ठीक पहले हिजबुल्लाह को बड़े हमले की भनक लग गई थी.
रिपोर्ट- टीवी9 ब्यूरो.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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