दुनियां – बांग्लादेश सांप्रदायिक हिंसा की निष्पक्ष जांच हो… अल्पसंख्यक समूह ने किया विरोध प्रदर्शन का ऐलान – #INA
Bangladesh Violence: हिंसा प्रभावित बांग्लादेश के एक अल्पसंख्यक समूह ने गुरुवार को कहा कि चार से 20 अगस्त के बीच सांप्रदायिक हिंसा की दो हजार से अधिक घटनाओं में कम से कम नौ लोग मारे गए हैं. वहीं, इस दौरान 69 उपासना स्थलों पर हमला किया गया और तोड़फोड़ की गई. इस बीच, अल्पसंख्यक समूहों ने इस मुद्दे को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है.
डेली स्टार न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद के नेता निर्मल रोजारियो ने संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में सांप्रदायिक हिंसा की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच का आह्वान किया. वहीं, सांप्रदायिक हिंसा का ब्योरा देते हुए निर्मल रोजारियो ने कहा कि हिंसा से 1,705 परिवार सीधे तौर पर प्रभावित हुए थे.
हिंसा से 1,705 परिवार सीधे तौर पर प्रभावित
संगठन के उपाध्यक्षों में से एक निर्मल रोजारियो के हवाले से डेली स्टार ने खबर में बताया कि चार से 20 अगस्त के बीच देशभर के 76 जिलों और महानगरीय क्षेत्रों में से 68 में सांप्रदायिक हिंसा की कुल 2,010 घटनाएं हुईं, जिसके परिणामस्वरूप नौ लोगों की मौत हो गई. वहीं, हिंसा से 1,705 परिवार सीधे तौर पर प्रभावित हुए थे.
ढाका रिपोर्टर्स यूनिटी में संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि 157 परिवारों के घरों पर हमला किया गया, लूटपाट की गई, तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई. निर्मल ने कहा कि ये परिवार अब बहुत ही खराब स्थिति में रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि खुलना संभाग में सबसे अधिक हिंसा हुई.
उन्होंने बताया कि 1,705 प्रभावित परिवारों में से 34 मूलनिवासी समुदायों के थे. और कुछ परिवारों की जमीन पर कब्जा कर लिया गया था. निर्मल ने संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में सांप्रदायिक हिंसा की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच का आह्वान किया है.
पूरे देश में प्रदर्शन और रैली की घोषणा
निर्मल रोजारियो ने बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद के महासचिव राणा दासगुप्ता और अन्य नेताओं के खिलाफ झूठे मामलों को वापस लेने, सांप्रदायिक हिंसा को समाप्त करने और अपराधियों की गिरफ्तारी की भी मांग की. उन्होंने अपनी मांगों को लेकर शनिवार को ढाका समेत पूरे देश में राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन और रैली की भी घोषणा की.
सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर छात्रों के नेतृत्व में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पांच अगस्त को इस्तीफा दे दिया था और भारत चली गई थीं. वहीं, इसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हुआ.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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