दुनियां – FATF ने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग की रोकथाम के लिए भारत को सराहा, आतंकी खतरों से भी किया आगाह – #INA

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने गुरुवार को जारी अपनी रिपोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ भारत की कोशिशों की सराहना की है. FATF ने रिपोर्ट में बताया है कि भारत ने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग से निपटने के लिए जो उपाय लागू किए हैं वह कई मायनों में प्रभावी हैं. हालांकि FATF ने माना है कि इन मामलों में प्रॉसीक्यूशन को मजबूत करने के लिए बड़े सुधारों की आवश्यकता है.
भारत की तारीफ करते हुए FATF ने कहा है कि आतंक के खतरों का सामना करते हुए भारत ने टेरर फंडिंग रोकने के लिए सराहनीय काम किया है. हालांकि इस अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने भारत को आने वाली चुनौतियों से भी आगाह किया है.
भारत को आतंकी खतरों से आगाह किया
FATF ने रिपोर्ट में कहा है कि भारत को कई तरह के आतंकवादी खतरों का सामना करना पड़ रहा है. जिसमें सबसे बड़ा खतरा भारत को ISIS या अलकायदा से जुड़े समूहों से है, जो कश्मीर और उसके आस-पास के क्षेत्रों में सक्रिय हैं. हालांकि भारत ने इसके रोकथाम पर जोर दिया है और जटिल वित्तीय जांच करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है. लेकिन संवैधानिक सीमाएं भी सामने आ जाती है और अदालतों में ये मामले कई साल चलते रह जाते हैं. FATF ने कहा है कि भारत को मामले की जांच जल्द से जल्द पूरी करने और दोषी ठहराने और उचित रूप से प्रतिबंध लगाने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है. FATF ने यह भी कहा कि गैर-लाभकारी क्षेत्र को आतंकवादी दुरुपयोग से बचाने के लिए सुधार की आवश्यकता है.
वहीं भारत ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए FATF के दिए गए 40 पैरामीटर्स को अपना लिया है. आतंक के खिलाफ अपनी मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए भारत को इन सभी पैरामीटर्स को गैर-लाभकारी संगठन समेत तीन क्षेत्रों में लागू करना होगा.
भारत की एंटी मनी लॉन्ड्रिंग और CFT व्यवस्था प्रभावी
मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग से निपटने के लिए भारत के उपायों पर FATF ने रिपोर्ट प्रकाशित करते हुए बताया है कि मुख्य तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले देश के भीतर अवैध गतिविधियों के चलते होते हैं. ये जोखिम मुख्य तौर पर धोखाधड़ी से जुड़े होते हैं, जिसमें साइबर फ्राड, करप्शन और नशीले पदार्थों की तस्करी शामिल है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने जो AML (एंटी मनी लॉन्ड्रिंग) और CFT व्यवस्था लागू की है वह कई मायनों में प्रभावी है.
368 पन्नों की रिपोर्ट में दुनियाभर में टेरर फंडिंग की निगरानी करने वाली संस्था ने कहा कि FATF-APG-EAG के संयुक्त मूल्यांकन से यह निष्कर्ष निकलता है कि भारत ने जो एंटी मनी लॉन्ड्रिंग (AML) और CFT प्रणाली लागू किया है, उससे खतरे को समझने, फंडिंग करने वालों तक पहुंच और अपराधियों को फंडिंग से रोकने समेत अच्छे परिणाम मिल रहे हैं. अधिकारी वित्तीय खुफिया जानकारी का अच्छा उपयोग करते हैं और घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी ढंग से सहयोग करते हैं.
भारत का अगला मूल्यांकन 2031 में होगा
FATF इससे पहले भारत की मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग से निपटने की व्यवस्था की समीक्षा 2010 में की थी. वहीं गुरुवार को जारी की गई रिपोर्ट पिछले साल नवंबर में FATF विशेषज्ञों के भारत दौरे के बाद आई है. FATF ने भारत को ‘नियमित फॉलो-अप’ कैटेगरी में रखा है, यह वह स्थान है जो केवल चार अन्य जी20 देशों को मिला है. भारत का अगला मूल्यांकन 2031 में होगा.
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स क्या है?
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स दुनिया भर में टेरर फंडिंग की निगरानी करने वाली संस्था है. इसकी स्थानना 1989 में की गई थी और इसका हेडक्वार्टर पेरिस में स्थित है. FATF वित्तीय अपराधों को रोकने का काम करती है. इसके सदस्यों में 36 देश और दो संगठन शामिल हैं.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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