दुनियां – PM मोदी से एक महीने में दूसरी बार मिले यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की, जानें क्या रहा खास – #INA
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को न्यूयॉर्क में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक की. दोनों नेताओं के बीच लगभग एक महीने में यह दूसरी बैठक थी. पीएम मोदी ने 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा किया था और रूस-यूक्रेन संघर्ष में जल्द शांति बहाल करने के लिए हर संभव तरीके से योगदान देने की भारत की इच्छा दोहराई थी.
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन का दौरा किया था, जो साल 1992 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूक्रेन यात्रा थी. बता दें कि रूस और यूक्रेन दो साल से अधिक समय से संघर्ष में लगे हुए हैं.
राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने शांति के लिए हर संभव तरीके से योगदान करने की भारत की इच्छा को दोहराया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, न्यूयॉर्क में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की. हम द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए पिछले महीने यूक्रेन की मेरी यात्रा के परिणामों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मैनें यूक्रेन में संघर्ष के शीघ्र समाधान और शांति और स्थिरता की बहाली के लिए भारत के समर्थन को दोहराया है.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पीएम मोदी के साथ राष्ट्रपति जेलेंस्की की बैठक के लिए यूक्रेनी पक्ष ने अनुरोध किया था. पिछले तीन महीनों में दोनों नेताओं के बीच यह तीसरी बैठक है. इस दौरान बहुत सारे मुद्दों पर चर्चा की गई है लेकिन इस विशेष बैठक में, रूसी तेल पर चर्चा नहीं की गई.
पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया था कि दोनों नेताओं ने भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को एक व्यापक साझेदारी से रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने की दिशा में काम करने में पारस्परिक रुचि व्यक्त की. बयान में कहा गया था कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर सहित अंतर्राष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने में आगे सहयोग के लिए अपनी तत्परता दोहराई, जिसमें राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान शामिल हैं.
इस संबंध में दोनों नेता द्विपक्षीय वार्ता की जरुरत पर भी सहमत हुए. इस दौरान भारत पक्ष ने अपनी सैद्धांतिक स्थिति को दोहराया. वहीं बातचीत और कूटनीति के माध्यम से शांतिपूर्ण समाधान पर ध्यान केंद्रित किया, जिसके एक हिस्से के रूप में, भारत ने जून 2024 में स्विट्जरलैंड के बर्गनस्टॉक में आयोजित यूक्रेन में शांति पर शिखर सम्मेलन में भाग लिया. यूक्रेनी पक्ष ने भारत की इस तरह की भागीदारी का स्वागत किया और अगले शांति शिखर सम्मेलन में उच्च स्तरीय भारतीय भागीदारी के महत्व पर प्रकाश डाला.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा 21 सितंबर को आयोजित बैठक के बाद क्वाड नेताओं ने एक संयुक्त बयान में कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के सम्मान के पक्ष में हैं, जिसमें क्षेत्रीय अखंडता, सभी राज्यों की संप्रभुता और विवादों का शांतिपूर्ण समाधान शामिल है.
बयान में कहा गया कि हम यूक्रेन में चल रहे युद्ध पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हैं, जिसमें भयानक और दुखद मानवीय परिणाम शामिल हैं. हम में से हर एक ने युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेन का दौरा किया है, और इसे प्रत्यक्ष रूप से देखा है. हम अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत न्यायसंगत और स्थायी शांति की आवश्यकता को दोहराते हैं. हम विकासशील और कम विकसित देशों के लिए वैश्विक खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा के संबंध में यूक्रेन में युद्ध के नकारात्मक प्रभावों को भी देखते हैं.
क्वाड लीडर्स ने कहा कि परमाणु हथियारों का उपयोग, या उपयोग की धमकी, अस्वीकार्य है. राष्ट्रपति बाइडेन ने शनिवार को अपने गृह नगर विलमिंगटन, डेलावेयर में क्वाड लीडर्स समिट के लिए जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, पीएम मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस की मेज़बानी की. पीएम मोदी तीन दिवसीय अमेरिकी यात्रा पर रहे. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति बाइडेन समेत कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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