दुनियां – पाकिस्तान: सरकार मार्शल लॉ लगाने की बना रही योजना… फजलुर रहमान ने दिए बड़े संकेत, कहा- ‘देश में फिर से हो चुनाव’ – #INA

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने एक बार फिर देश में नए चुनाव की मांग की. उन्होंने पारदर्शी चुनावों की मांग की है और कहा कि पिछले चुनावों में धांधली के कारण गड़बड़ी हुई थी. फजलुर रहमान ने कहा कि मौजूदा संसद फर्जी है. वे संविधान संशोधन के माध्यम से देश में मार्शल लॉ लगाने की योजना बना रहे हैं.
इससे पहले मौलाना फजलुर रहमान ने पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल पर चिंता व्यक्त की थी. उन्होंने चेतावनी दी थी कि देश तबाही के कगार पर जा रहा है. वहीं, रविवार को फजलुर रहमान ने पेशावर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए संविधान संशोधन को समर्थन करने से साथ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि संविधान संशोधन के लिए आगे नहीं बढ़ना चाहिए.
संविधान में ऐसे महत्वपूर्ण बदलाव करने का अधिकार नहीं
JUI-F प्रमुख ने कहा, ‘मौजूदा संसद फर्जी है और इसलिए उसे संविधान संशोधन के लिए आगे नहीं बढ़ना चाहिए. वे संविधान संशोधन के माध्यम से मार्शल लॉ लगाने की योजना बना रहे हैं, लेकिन हमने इसका समर्थन नहीं किया.’ इस दौरान उन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए संवैधानिक संशोधनों को आगे बढ़ाने के लिए मौजूदा सरकार की आलोचना की.
मौलाना फजलुर रहमान ने दावा किया कि संसद के पास संविधान में ऐसे महत्वपूर्ण बदलाव करने का अधिकार नहीं है. पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनेता ने कहा कि JUI-F संवैधानिक अदालतों का समर्थन करता है क्योंकि लोकतंत्र के चार्टर में सत्तारूढ़ दलों द्वारा इस पर सहमति व्यक्त की गई थी. वहीं, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और JUI-F के बीच संविधान संशोधनों को लेकर एक बैठक आयोजित करने का फैसला किया है.
पीपीपी JUI-F के साथ इसपर परामर्श करेगी
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के महासचिव नैयर हुसैन बुखारी ने कहा कि वो इसपर JUI-F के साथ परामर्श करेंगे. संवैधानिक संशोधनों पर परामर्श करने के लिए एक बैठक आयोजित करने का फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी और मौलाना फजलुर रहमान अगले कुछ दिनों में बैठक करेंगे. उन्होंने कहा कि इस दौरान नए मसौदे को मंजूरी मिलने की संभावना है.
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उन्होंने कहा, ‘हमारा प्रयास आम सहमति बनाना है, और मौलाना फजलुर रहमान के साथ जुड़ना महत्वपूर्ण है. अगर वह सहमत होते हैं, तो आगे बढ़ने में एक या दो महीने से अधिक समय नहीं लगेगा. ‘ पीपीपी के बिलावल भुट्टो जरदारी ने 4 सितंबर को राजनीतिक दलों को ‘न्यू डेमोक्रेटिक चार्टर’ के लिए एक साथ आने का आह्वान किया था.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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