दुनियां – हमास का 7 अक्टूबर को एक वार और पलटवार में गाजा तबाह, एक साल में किसको कितना नुकसान? – #INA
मध्य पूर्व में चल रही लड़ाई को एक साल हो गया है. ये तनाव गाजा-इजराइल से निकलकर लगभग पूरे मिडिल ईस्ट में फैल चुका है. इस जंग की शुरुआत 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले से हुई थी, जिसमें करीब 1200 इजराइलियों की मौत हुई और करीब 250 इजराइलियों को हमास लड़ाके बंधक बना गाजा ले गए. इसके बाद शुरू हुई इजराइली कार्रवाई ने गाजा में सब तबाह कर दिया और उसके सिलसिलेवार हमले एक साल बाद भी जारी हैं.
हमास के खात्मे और 250 इजराइली बंधकों को छुड़ाने के मकसद से इजराइल ने ऑपरेशन स्वार्ड ऑफ आयरन’ (Swords of Iron) शुरू किया. नतीजतन इस ऑपरेशन में अब तक करीब 42 हजार गाजा नागरिकों की मौत हो गई चुकी है और गाजा का 75 फीसद इंफ्रास्ट्रक्चर मलबे में तब्दील हो गया. इसके साथ ही हमले के बाद से वेस्ट बैंक में जारी इजराइली कार्रवाईयों में भी सैकड़ों फिलिस्तीनी मारे गए हैं.
गाजा ऑपरेशन में इजराइल की कामयाबी की बात करें तो उसने हमास के मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर को आंशिक रूप से खत्म किया है, लेकिन बंधकों की रिहाई के लिए आज भी उसकी कोशिशें जारी हैं और इसमें उसको काफी कम कामयाबी मिली है. अब जब इस लड़ाई को एक साल पूरा हो गया है, तो लोगों में ये जानने की भी उत्सुक्ता है कि इस लड़ाई में अब तक इजराइल को क्या हासिल हुआ, फिलिस्तीन को कितना नुकसान हुआ और विदेशी ताकतों का रुख कैसा रहा है.
7 अक्टूबर का हमला और जवाबी कार्रवाई से इजराइल पर असर?
7 अक्टूबर को हमास के हमले ने इजराइल के भीतर महत्वपूर्ण खुफिया विफलताओं को उजागर किया, जिसकी वजह से इजराइल को भयंकर नुकसान झेलना पड़ा. दुनिया की सबसे बेहतरीन इंटेलिजेंस और डिफेंस सिस्टम के लिए जाने जाने वाली इजराइल सेना को पूरी दुनिया के सामने शर्मसार होना पड़ा, कि एक छोटे से मिलिशिया हमास ने कैसे उसे चकमा देकर इजराइल में तबाही मचाई.
7 अक्टूबर के हमले के बाद इजराइल ने गाजा में भीषण बमबारी शुरू की और 13 अक्टूबर से ग्राउंड इन्वेजन शुरू किया. अब इजराइल को गाजा में मानवीय संकट की वजह से वैश्विक विरोध का सामना करना पड़ रहा है. जहां घरों, अस्पतालों, स्कूलों और नागरिकों को निशाना बनाया गया है.
गाज़ा में लाखों लोग विस्थापित. (Ali Jadallah/Anadolu via Getty Images)
इजराइल ने जहां सैन्य क्षेत्र में इस युद्ध में बढ़त बनाई है और अपने विद्रोही को कमजोर किया है. वहीं वे अपनी क्रूर कार्रवाई और नागरिकों की अनगिनत मौतों के बाद कूटनीतिक स्तर पर कमजोर हुआ है.
फिलिस्तीन को कितना नुकसान और कितना फायदा?
ये बात किसी से छिपी नहीं है कि इस पूरी लड़ाई में अगर किसी को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, तो वे फिलिस्तीनी नागरिक हैं. चाहें वे गाजा में रह रहे हों या वेस्ट बैंक. गाजा में इजराइल के हमलों ने करीब 15 लाख से ज्यादा फिलिस्तीनियों को बेघर किया है. गाजावासी पानी, खाना और अन्य मूलभूत सुविधाओं की भयंकर कमी से जूझ रहे हैं.
वहीं 7 अक्टूबर के बाद से वेस्ट बैंक में रह रहे फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजराइली सेटलर्स और पुलिस की भी हिंसा बढ़ गई है. वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों के घरों में इजराइल पुलिस की रेड रोज-मर्रा का हिस्सा हो गई है, जिसमें हजारों फिलिस्तीनियों को हिरासत में लिया गया है.
इजराइली सेना के वेस्ट बैंक में सैन्य ऑपरेशन
दूसरी ओर इजराइल और फिलिस्तीन विवाद को लेकर पूरी दुनिया में लोगों के नजरिए में भी बदलाव आए हैं. इजराइल के समर्थक अमेरिका ब्रिटेन समेत कई यूरोपीय देशों में फिलिस्तीनी समर्थित प्रदर्शन देखने मिले हैं. इसके अलावा इस युद्ध के बाद दर्जनों देशों ने फिलिस्तीन को एक आजाद राष्ट्र का दर्जा दिया है, इन देशों में बढ़ी तादाद पश्चिमी देशों की है. इस समय UN के 193 सदस्यों देशों में करीब 146 ने फिलिस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में स्वीकार कर लिया है.
जंग का बढ़ता दायरा
जब गाजा में जब मानवीय संकट बढ़ने लगा और इजराइल ने अंतरराष्ट्रीय चिंताओं को नजरअंदाज करते हुए अपने हमले जारी रखे. तो क्षेत्र में मौजूद दूसरे मिलिशिया भी इस जंग में कूद पड़े, इस वक्त हिजबुल्लाह, हूती और इराकी शिया मिलिशिया भी अमेरिकी और इजराइल को निशाना बना रहे हैं.
आयरन डोम ईरान की मिसाइलों को नष्ट करते हुए.
वहीं ईरान भी दो बार इजराइल पर सीधे हमला कर चुका है और इजराइल ने भी अभी तक दर्जनों ईरानी अधिकारियों की हत्या की है. इस समय ईरान और इजराइल आमने-सामने हैं और किसी भी वक्त पूर क्षेत्र में भयंकर युद्ध से घिर सकता है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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