दुनियां – चुनाव से पहले विरोधियों को जेल में डाला! अब 89% वोटों के साथ जीत की तरफ, कहानी राष्ट्रपति सईद की – #INA
ट्यूनीशिया के मौजूदा राष्ट्रपति काइस सईद एक बार फिर राष्ट्रपति बन सकते हैं. मतदान के बाद ट्यूनीशिया के सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित हुए एग्जिट पोल में सईद को करीब 89 फीसद वोट मिलते दिखाया गया है. चुनाव की नतीजे का ऐलान ट्यूनीशिया के स्वतंत्र उच्च चुनाव प्राधिकरण (ISIE) सोमवार को करेगा.
इस बार मतदान में भारी गिरावट देखने मिली है. इस साल केवल 27.7 फीसद मतदान हुआ है, जो 2019 के चुनाव के 45 फीसद से काफी कम है. इसके अलावा राष्ट्रपति सईद पर चुनावों के दौरान कई तरह की धांधली के भी आरोप लगे हैं. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वियों को चुनाव से पहले ही जेल में डलवा दिया था.
प्रतिद्वंद्वियों को कराई जेल
66 साल के सईद ने सत्ता में बने रहने के लिए अपने प्रतिद्वंद्वी आयाची जामेल और जूहैर मगजोई को चुनाव से पहले ही जेल में डलवा दिया था. एग्जिट पोल में आयाची जामेल 6.9 फीसद और ज़ूहैर मगजौई 3.9 फीसद वोट मिलते दिखाया गया है.
चुनाव पर उठे सवाल
ट्यूनीशिया में हुए चुनाव में देश और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने सवाल उठाए हैं. जानकारों के मुताबिक ट्यूनीशिया के चुनावों में लोकतांत्रिक वैधता कमजोर है. इस चुनाव में 14 उम्मीदवारों को विभिन्न तकनीकी कारण देकर राष्ट्रपति की दौड़ से बाहर कि दिया गया और दौड़ में मौजूद उम्मीदवारों को सरकार ने जेल में डाला है.
जानकारों का कहना है कि सईद की फिर से वापसी देश में ज्यादा दमन को सही ठहराने का जरिया बनेगी. कई मतदाताओं ने चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप भी लगाए हैं और स्वतंत्र निगरानी के अभाव को लेकर भी चिंता जाहिर की है.
इसके अलावा ट्यूनीशिया कमजोर आर्थिक विकास, हाई इन्फ्लेशन और बेरोजगारी का सामना कर रहा है, जिसकी वजह से देश में कई विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं. सईद ने अपनी आलोचनाओं को खारिज करते हुए तर्क दिया कि उनके कार्य भ्रष्ट अभिजात वर्ग और देशद्रोहियों से लड़ने के लिए था.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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