दुनियां – पाकिस्तान की आर्थिक तरक्की में क्या है सबसे बड़ा रोड़ा? IMF ने बताया – #INA

IMF ने हाल ही में पाकिस्तान को 7 बिलियन डॉलर (करीब 588 अरब रुपये) के राहत पैकेज को मंजूरी दी थी. लेकिन इस कर्ज के लिए IMF ने जो शर्तें रखीं उसके तहत पाकिस्तान सरकार को 6 मंत्रालय बंद करने पड़े इससे करीब 1.5 लाख लोगों की नौकरियां खत्म हो गईं.
वहीं अब IMF ने पाकिस्तान सरकार के सामने एक और शर्त रखी है. IMF ने शहबाज सरकार से पाकिस्तान के कृषि और कपड़ा उद्योग के लिए किसी भी तरह के विशेष ट्रीटमेंट जैसे टैक्स में छूट और अन्य प्रोटेक्शन देना बंद करने को कहा है.
पाकिस्तान का कृषि और कपड़ा क्षेत्र अप्रभावी
IMF के मुताबिक इन सेक्टर्स को मिलने वाली विशेष छूट के चलते ही पाकिस्तान की संभावित वृद्धि रुकी हुई है. The Dawn के मुताबिक IMF ने अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के खराब प्रदर्शन के कारणों का जिक्र किया है. रिपोर्ट में कृषि और कपड़ा सेक्टर को लेकर कहा गया है कि पाकिस्तान के रेवेन्यू में ये दोनों क्षेत्र पर्याप्त योगदान देने में नाकाम रहे हैं. साथ ही पब्लिक फंड का एक बड़ा हिस्सा इन दोनों सेक्टर्स पर खर्च हो रहा है जबकि यह सेक्टर्स प्रभावी और प्रतिस्पर्धा योग्य नहीं हैं.
26 सितंबर को IMF ने पाकिस्तान के लिए 7 बिलियन डॉलर का एक्टेंडेड फंड फैसिलिटी को अप्रूव किया था, इसी के तहत IMF ने शहबाज सरकार को पिछले 75 सालों से चली आ रही आर्थिक व्यवस्था को बदलने को कहा है, जिससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को उभारा जा सके. IMF ने इसके तहत एक बिलियन डॉलर से अधिक की राशि पाकिस्तान को पहले ही जारी कर दी है, यह पूरी रकम पाकिस्तान को 39 महीने की अवधि में किश्तों में मिलेगी. इसके लिए पाकिस्तान को IMF की शर्तों और सुझावों को मानना होगा.
तरक्की में सबसे बड़ा रोड़ा है ‘रूढ़िवाद’
10 अक्टूबर को IMF की जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘स्टैग्नेशन’ (रूढ़िवाद) ने पाकिस्तान के जीवन स्तर को प्रभावित किया है, जिससे देश की 40.5 फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीचे है. यही कारण है कि पाकिस्तान अपने जैसे कई देशों की तुलना में बेहद पीछे है.
IMF की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के निर्यात का झुकाव कृषि और कपड़ा (सूती धागे, चावल, बुने हुए कपड़े, बीफ और चमड़े से बनी वस्तुएं) सेक्टर की ओर ज्यादा रहा है, जबकि इससे तकनीकी तौर पर जटिल संसाधनों के पुन: आवंटन के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने ज्यादा जटिल वस्तुओं के निर्यात को विकसित करने में संघर्ष किया है. यही वजह है कि पाकिस्तान 2022 तक इकोनॉमिक कम्पलेक्सिटी इंडेक्स में 85वें रैंक पर रहा है, जिसमें यह साल 2000 में भी था.
कृषि पर फोकस कर पिछड़ा पाकिस्तान
रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि पर पाकिस्तान का ज्यादा ध्यान केंद्रित करना उसे दूसरे क्षेत्रों खासकर टेक्नोलॉजिकल कॉम्पलेक्स गूड्स में विविधता लाने की क्षमता को सीमित कर दिया है. जबकि कुछ उच्च-मूल्यवान वस्तुओं का निर्यात करता है जैसे दवाइयां, मेडिकल उपकरण, प्लास्टिक प्रोडक्ट्स लेकिन ये क्षेत्र काफी बिखरे हुए आर्थिक वातावरण में संचालन कर रहे हैं.
IMF ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि पाकिस्तान के कपड़ा उद्योग को काफी टैक्स छूट मिली लेकिन इसके मुकाबले यह क्षेत्र कुछ खास योगदान नहीं दे सका है. 2007 से 2022 के बीच कपड़ा उद्योग को काफी सब्सिडी मिली, साथ ही इसके लिए इनपुट्स पर फेवरेबल प्राइसिंग, वित्तीय छूट वाली स्कीम और विशेष टैक्स ट्रीटमेंट मिला है. रिपोर्ट के मुताबिक मई 2024 तक पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक का 70 फीसदी बकाया लोन कपड़ा उद्योग से जुड़ा था.
नेशनल टैरिफ पॉलिसी में बदलाव का सुझाव
IMF ने पाकिस्तान सरकार को आने वाली नेशनल टैरिफ पॉलिसी (2025-29) के अंतर्गत ट्रेड पॉलिसी को आसान बनाने का सुझाव दिया है. साथ ही पाकिस्तान से मांग की है कि औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने या अप्रभावी सेक्टर को सुरक्षित करने के लिए किसी तरह की विशेष छूट न दी जाए. IMF के मुताबिक पाकिस्तान की इस तरह की नीतियों ने निर्यात को कमजोर किया है, साथ ही ग्लोबल वैल्यू चेन में भागीदारी को प्रभावित किया है.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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