दुनियां – पाकिस्तान: मौज में कारोबारी, जनता बेहाल…देना पड़ रहा 1550% ज्यादा टैक्स – #INA
पाकिस्तान सरकार ने भले ही IMF से 7 बिलियन डॉलर का कर्ज हासिल कर लिया है लेकिन इसका सारा बोझ मध्यम वर्ग का सैलरीड क्लास कर्मचारी उठा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमारी में पाकिस्तान के सैलरीड क्लास ने 11 हजार करोड़ का टैक्स दिया है, जो कि सत्ताधारी पार्टी के चहेते व्यापारियों की ओर से चुकाए गए टैक्स से 1,550% अधिक है.
पाकिस्तान ने जुलाई से शुरू हुए वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 11 हजार करोड़ का टैक्स जुटाया है, जो कि पिछले साल इसी अवधि की तुलना में 56% यानी करीब 4 हजार करोड़ रुपये ज्यादा है, पिछले साल जुलाई से सितंबर के बीच पाकिस्तान सरकार ने सैलरीड क्लास के 7100 करोड़ रुपये का टैक्स जुटाया था.
पाकिस्तान: जून में बढ़ाया गया था टैक्स
शाहबाज शरीफ की नेतृत्व वाली सरकार ने इस साल जून में सैलरीड क्लास के लिए टैक्स में अप्रत्याशित वृद्धि की है. सरकार ने खर्च में कटौती करने या गैर-टैक्स वाले सेक्टर्स को टैक्स के दायरे में लाने की बजाय सैलरीड क्लास पर सैलरीड क्लास के लिए करीब 40 फीसदी टैक्स की दर बढ़ा दी है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 47 अरब डॉलर का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा था, जिसके चलते आम जनता खासकर मध्यम वर्ग को इसका बोझ उठाना पड़ रहा है.
व्यापारियों की तुलना में 1550% टैक्स चुकाया
वहीं बजट में पाकिस्तान सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह में 20 से 25 फीसदी तक की वृद्धि की है. सैलरीड क्लास से हासिल किए गए 11 हजार करोड़ रुपए के टैक्स में सरकारी कर्मचारियों का योगदान महज 2800 करोड़ है, बाकी के 8300 करोड़ रुपए प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों से वसूला गया है जिन्हें हर साल सैलरी में कोई खास वृद्धि भी नहीं मिलती.
सैलरीड क्लास के इतर व्यापारियों से हासिल होने वाले टैक्स की बात करें तो यह बेहद कम है. पाकिस्तान के फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (FBR) ने व्यापारियों से केवल 670 करोड़ रुपए का टैक्स जुटाया है. सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों से मिला टैक्स इसकी तुलना में 1550% ज्यादा है.
FBR के अनुमान से कहीं ज्यादा टैक्स वसूला
पाकिस्तान सरकार ने आसमान छूती महंगाई के बीच लोगों को राहत ने देकर टैक्स में भारी बढ़ोत्तरी कर दी. शहबाज सरकार ने पिछले बजट में सैलरीड क्लास पर 39 फीसदी और नॉन-सैलरीड क्लास पर 50 फीसदी तक टैक्स बढ़ा दिया. FBR के चेयरमैन राशिद लंबरियाल ने खुद इसे अन्याय बताया है. FBR ने अनुमान लगाया था कि सरकार द्वारा की गई टैक्स वृद्धि के बाद सैलरीड क्लास से पिछले साल की तुलना में 8500 करोड़ रुपए अधिक टैक्स वसूला जाएगा. जबकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही शहबाज सरकार ने सैलरीड क्लास से 4000 करोड़ अधिक टैक्स जुटाने में कामयाबी हासिल की है.
पाकिस्तान को पिछले महीने से IMF से 7 बिलियन डॉलर के कर्ज की पहली किश्त मिली है. इस कर्ज के लिए IMF ने शहबाज सरकार से टैक्स बढ़ाने और कई मंत्रालयों को बंद करने को कहा था. IMF से कर्ज लेकर पाकिस्तान की सरकार तो मालामाल हो गई लेकिन जनता को ज्यादा टैक्स चुकाकर इस कर्ज की भरपाई करनी पड़ रही है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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