दुनियां – ईरान से अब होगी इजराइल की सीधी जंग! नेतन्याहू को टारगेट करना हिज्बुल्लाह को पड़ेगा भारी? – #INA

इजराइल के लिए अब सब्र रखना मुश्किल है क्योंकि हमला सीधे पीएम नेतन्याहू को टारगेट करके किया गया है. ईरान और इजराइल में युद्ध की तैयारी के बीच नेतन्याहू पर हमला एक ऐसी चिंगारी की तरह है, जिससे युद्ध का भड़कना तय माना जा रहा है. बाइडेन ने भी पुष्टि कर दी है कि ईरान पर हमले की तारीख और वक्त तय है. सिनवार और नसरल्लाह को मारने के बाद इजरायल को ये एहसास हो चुका है कि हिज्बुल्लाह और हमास जैसे संगठन उसके चीफ को खत्म करने से भी जीवीत रहेंगे. इसलिए अब सीधा प्रहार ईरान पर होगा ताकि इजराइल अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सके.
नेतन्याहू के घर हमला इजराइल के लिए सबक
नसरल्लाह मारा गया लेकिन हिज्बुल्लाह के हमले नहीं रुके. हिज्बुल्लाह के कई कमांडर मारे गए लेकिन इजराइल में लेबनान से रॉकेट प्रहार नहीं थमा. अब सिनवार को खत्म कर दिया लेकिन हमला सीधे नेतन्याहू के घर पर हुआ. इजराइल के लिए ये बहुत बड़ा सबक है. सबक ये कि प्रॉक्सी संगठनों के चीफ सिर्फ मोहरे हैं सबक ये कि चीफ को मारने से प्रॉक्सी संगठनों पर पर कोई खास असर नहीं पड़ता
और सबसे बड़ा सबक ये कि प्रॉक्सी संगठनों की रिमोट सिर्फ और सिर्फ ईरान के पास है. साफ है कि इजराइल का मिशन तभी पूरा हो सकता है. इजराइल तभी सुरक्षित हो सकता है जब प्रॉक्सी संगठनों के सबसे बड़े आका को खत्म किया जाए और वो ईरान है.
इजराइल के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्या?
इजराइल के लिए सबसे बड़ी चुनौती हमास, हिज्बुल्लाह, इस्लामिक रेजिस्टेंस और हूती जैसे संगठन हैं. इन संगठनों में कई सीनियर नेता है…लेकिन ये सब ईरानी जनरल्स की बात मानते हैं. उन्हीं के ऑर्डर्स को फॉलो करते हैं इसलिए इजराइल के लिए अब ईरान से युद्ध करना जरूरी हो चुका है. अब तक के मिशन से साफ हो चुका है. हानिया के खत्म होने से हमास खत्म नहीं हुआ. सिनवार के मारे जाने से भी हमास खत्म नहीं होगा. नसरल्लाह के मारे जाने से हिज्बुल्लाह शांत नहीं होगा और ऐसा हूती के साथ भी होगा.
यमन में अमेरिका और ब्रिटेन कई बार हवाई हमले कर चुका है. इजराइल सीरिया तक में बम बरसा रहा है लेकिन इजराइल पर हमले की रफ्तार नहीं रुकी. ऐसा इसलिए क्योंकि ईरान ऐसा होने नहीं देगा. ईरान किसी संगठन को फंड की कमी नहीं होने देगा. ईरान हिज्बुल्लाह को लड़ाकों की कमी नहीं होने देगा. हमास एक साल बाद भी खत्म नहीं किया जा सका है
ईरान से युद्ध इजराइल की मजबूरी
गाजा इस बात का गवाह है कि इजराइल चाहे बम बरसाए या ग्राउंड ऑपरेशन करे. प्रॉक्सी संगठन सरेंडर नहीं करेंगे. नेतन्याहू समझ चुके हैं कि लेबनान और सीरिया में भी इसी तरह बम बारूद और वक्त की बर्बाद होती रहेगी. यही वजह है कि अब इजराइल का पहला टारगेट ईरान है. ईरान से युद्ध इजराइल की मजबूरी है. अमेरिका भी ईरान से युद्ध के पक्ष में है. जंग से एटमी मिशन को रोका जा सकेगा. बाइडेन एक तरह से इस युद्ध का ऐलान भी कर चुके हैं.
अब तो सीधा इजरायल के पीएम नेतन्याहू को निशाना बनाने की कोशिश की गई है. इजराइल के मुताबिक ये हमला ईरान ने करवाया था.
यानी अब इजरायल के पास ईरान पर हमले की बेहद ठोस वजह है. अमेरिका से और थाड की मांग की गई है और माना जा रहा है कि अमेरिका और इजराइल के सीक्रेट वॉर प्लान का खुलासा जल्द ईरान में किसी विस्फोट से होने वाला है.
हमले के बाद पहली बार सामने आए नेतन्याहू
घर पर हमले के बाद पहली बार सामने आए नेतन्याहू ने कहा कि हमें अब कोई नहीं रोक पाएगा. उन्होंने कहा कि जीतने तक यह जंग जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि हिज्बुल्लाह ने उनके घर को निशाना बनाकर बहुत बड़ी गलती की. उन्होंने मेरी और मेरी पत्नी की हत्या करने की कोशिश की इसलिए दुश्मनों के खिलाफ जीत तक जंग जारी रहेगी और उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.
ब्यूरो रिपोर्ट टीवी9 भारतवर्ष

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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