दुनियां – लड़की हो कम बोलो…अफगानिस्तान में महिलाओं पर जुल्म की हद पार, अब आपस में ही बोलने पर भी पाबंदी – #INA

लड़की हो धीरे बोलो…
ऊपर लिखी गई लाइनें सुन कर बहुत अजीब और अटपटा लगा होगा. आपको भी लगा होगा कि आज साल 2024 में जहां महिलाएं चांद तक जा रही है, अपनी पहचान बना रही हैं और किसी भी चीज में पीछे नहीं हैं. आज उनकी आवाज इतनी बुलंद है कि वो पूरी दुनिया में अलग-अलग क्षेत्रों का नेतृत्व कर रही हैं. ऐसे समय में “लड़की हो धीरे बोलो” इन शब्दों का इस्तेमाल कोई क्यों हो रहा है.

इसके जवाब ने जितना मुझे यह लिखने पर मजबूर किया है उतना ही यह आपको यह सोचने पर मजबूर करेगा कि महिलाएं हर देश में आजाद नहीं है. कहीं ऐसी महिलाएं भी हैं जो भूख लगने पर भी अकेले घर से बाहर नहीं जा सकती, जो बहुत जहीन होने के बाद भी ऊंची तालीम हासिल नहीं कर सकती. जी हां, 2024 में जहां महिलाएं आजादी की कहानियां लिख रही हैं. वहीं, कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जिनको आजादी का ख्वाब देखने तक की आजादी नहीं है.
अफगानिस्तान में हालात
भारत से 3 हजार 196 किलोमीटर दूर मौजूद देश अफगानिस्तान में जब से तालिबान काबिज हुआ है, तब से महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं. उनके कपड़ों से लेकर आवाज तक पर बैन लगे हैं. अब तक लगे बैन के हिसाब से अफगानिस्तान की महिला पब्लिक में जोर से बात नहीं कर सकती थी. उसे इतने धीरे बोलने की इजाजत थी कि कोई मर्द उसकी आवाज न सुन लें, लेकिन अब अफगानिस्तान की महिलाओं को इतने धीरे बोलने की इजाजत है कि कोई महिला भी उनकी आवाज न सुन लें.
तेज बोलने की आजादी नहीं
अफगानिस्तान में यह फरमान तालिबान के सदाचार के प्रचार और बुराई की रोकथाम के मंत्री मोहम्मद खालिद हनफी ने जारी किया है. हनफी ने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं को दूसरी महिलाओं के साथ कुरान पढ़ने से बचना चाहिए, जिससे दूसरी महिला भी उनकी आवाज न सुन ले. मंत्री ने कहा, “अगर कोई महिला इबादत कर रही है और कुरान पढ़ रही है तभी कोई दूसरी महिला वहां से गुजरती है तो उनको अपनी आवाज इतनी धीरे कर लेनी चाहिए कि दूसरी महिला उनकी आवाज न सुन लें.
महिलाएं गाने नहीं गा सकतीं
साथ ही मंत्री हनफी ने कहा, “जब महिलाओं को तकबीर (नमाज में की जाने वाली चीज) या अजान देने की अनुमति नहीं है, तो वे निश्चित रूप से गाने नहीं गा सकती हैं साथ ही किसी भी तरह का म्यूजिक नहीं सुन सकती हैं.
इस बैन से पहले अगस्त के महीने में महिलाओं को लेकर एक और कानून सामने आया था जिसके तहत महिलाओं को पब्लिक में अपने शरीर को पूरी तरह से ढकने और चेहरे पर पर्दा करने की जरूरत है. साथ ही महिलाओं को पब्लिक में जोर से बात करने की इजाजत भी नहीं है.
दूसरे जेंडर से दोस्ती बड़ा गुनाह
स्कूल से लेकर कॉलेज तक बहुत स्वाभाविक सी बात है कि आपके दोस्त रहे होंगे इनमें पुरुष से लेकर महिला दोनों तरह के दोस्त होंगे, लेकिन अफगानिस्तान में किसी भी महिला के लिए अपने जेंडर से अलग दूसरे जेंडर से दोस्ती करना एक बड़ा गुनाह माना जाता है, जिसके लिए सख्त सजा दी जाती है.
अफगानिस्तान ने हाल ही में एक कानून पास किया था, जिसमें 35 आर्टिकल शामिल थे. इस कानून के अंदर महिलाओं को गैर मर्दों को देखने तक की इजाजत नहीं है. साथ ही सिर्फ महिलाएं नहीं पुरुषों के लिए भी कानून है. पुरुषों को लंबी दाढ़ी रखने, ढीले-ढाले कपड़े पहनने का आदेश दिया गया है.
आर्टिकल 13 के तहत
1- महिलाओं को पब्लिक में अपने शरीर को पूरी तरह से कवर करना है.
2- अपने चेहरे को पूरी तरह ढकना होगा.
3- ऐसे कपड़े पहनने होंगे जो ज्यादा टाइट या छोटे न हो.
4- गाना गाने, जोर से कुछ पढ़ने की भी इजाजत नहीं है.
5- किसी भी अंजान शख्स को महिलाओं को देखने की इजाजत नहीं है, साथ ही मर्दों को भी इस बात की इजाजत नहीं है.
इसके अलावा आर्टिकल 19 के तहत महिलाओं को घर से अकेले निकलने की भी इजाजत नहीं है. यही वजह हैं शायद कि जब महिलाओं से कहा जाता है धीरे बोलो तो वो अंदर से अपनी आजादी के लिए चिल्ला रही होती है.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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