दुनियां – बस 48 घंटे.. बांग्लादेश अंधेरे से बच नहीं पाएगा, भारत से दुश्मनी कुछ ज्यादा ही पड़ गई भारी – #INA
शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश के हालात खराब हैं. ऊपर से बांग्लादेश की नई आंतरिक सरकार ने भारत से दुश्मनी मोल ले रखी है. वहां हिंदू अल्पसंख्यकों को भी टारगेट किया जा रहा है. बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने कई मौकों पर भारत विरोधी कदम उठाए हैं, उनकी यही सनक बांग्लादेश पर कई तरह से भारी पड़ रही है. बिजली के लिए उसकी निर्भरता भारत पर रही है.
बांग्लादेश की 10 फीसद बिजली भारत से जाती है और आर्थिक-राजनीतिक संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश के पास इसका भुगतान करने के लिए पैसे नहीं बचे हैं. अडानी पावर ने बांग्लादेश को धमकी देते हुए बकाया भुगतान की समयसीमा 7 नवंबर तय की है. बकाया राशि लगभग 850 मिलियन डॉलर (लगभग 7,200 करोड़ रुपये) है. जोकि डॉलर और नकदी संकट से घिरे देश के लिए चुकाना आसान नहीं है.
भारतीय कंपनी ने बढ़ाई मुश्किलें
बांग्लादेश पहले ही कई संकटों से जूझ रहा है, अब भारत के अडानी ग्रुप ने यूनुस सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी है. बांग्लादेश की दस फीसदी से ज्यादा बिजली सप्लाई अडानी पावर करती है और बकाया भुगतान न हो पाने से पहले ही इसमे कटौती की जा चुकी है. कंपनी ने पहले भेजे हुए पेमेंट लेटर में बांग्लादेश से 31 अक्टूबर तक 170 मिलियन (1500 करोड़) का भुगतान करने कहा था.
31 अक्टूबर के बाद से ही पड़ोसी देश की बिजली कम कर दी गई है, जिसकी वजह से उथल-पुथल से त्रस्त देश में बिजली की कमी और बढ़ गई. पावर ग्रिड बांग्लादेश (PGB) की वेबसाइट पर शुक्रवार को डाली गई ताजा रिपोर्ट के मुताबिक गोड्डा (झारखंड) में अडानी पावर प्लांट ने 1,496 मेगावाट की स्थापित क्षमता के मुकाबले 724 मेगावाट बिजली की ही आपूर्ति की.
बांग्लादेश के लिए अडानी पावर झारखंड सबसे बड़ा बिजली आपूर्तिकर्ता है, इसके बाद पायरा (1,244 मेगावाट), रामपाल (1,234 मेगावाट) और एसएस पावर I (1,224 मेगावाट) प्लांट हैं.
धमकी के बाद बौखलाया बांग्लादेश
बांग्लादेश अधिकारियों के बिजली कटौती के बाद हाथ-पैर फूलने लगे हैं. बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने BBC को बताया कि भुगतान संबंधी गड़बड़ियों को दूर कर लिया है और अडानी समूह को 170 मिलियन डॉलर का ऋण पत्र पहले ही जारी कर दिया है.
वहीं अंतरिम सरकार के ऊर्जा सलाहकार फ़ौज़ुल कबीर खान ने कहा, “हम हैरान हैं कि हमारे तरफ से भुगतान बढ़ाने के बावजूद आपूर्ति में कटौती की गई है. हम भुगतान करने के लिए तैयार हैं और वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे, लेकिन किसी भी बिजली कंपनी को हमें बंधक बनाने और ब्लैकमेल करने की इजाज़त नहीं देंगे.”
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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