दुनियां – हिजबुल्लाह सोचता रहा ताइवान से मंगाए पेजर, कंपनी का असली मालिक इजराइल निकला – #INA
पेजर से लेबनान के आतंकी गुट हिजबुल्लाह को ऐसा नुकसान पहुंचा कि वो सदियों तक याद रखेगा. हिजबुल्लाह के लड़ाके जिस पेजर को कम्युनिकेशन का सबसे सेफ मीडियम समझ रहे थे वो उनके लिए काल बना. लेबनान की राजधानी बेरूत में मंगलवार को पेजर्स में हुए धमाके में कई लोगों की मौत हुई, जबकि 2500 से ज्यादा लोग घायल हैं. हिजबुल्लाह ने हमले के लिए इजराइल को जिम्मेदार बताया, लेकिन इजराइल ने अब तक चुप्पी साध रखी है.
इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच दशकों से चल रहे संघर्ष में पेजर एक ऐसा हथियार बना है जिससे दुश्मन को निशाना बनाया गया है.
हिजबुल्लाह जैसे ईरानी समर्थित समूह लंबे समय से इजराइल के निशाने पर रहे हैं. दोनों के बीच जंग में तकनीक अहम हथियार रहा है.
2020 में इजराइल ने उपग्रह के माध्यम से रोबोट का उपयोग करके ईरान के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक की हत्या कर दी थी.
इजराइल ने ईरानी परमाणु विकास को नुकसान पहुंचाने के लिए भी हैकिंग का इस्तेमाल किया है. एक ओर जहां इजराइल हाई टेक होता रहा तो वहीं हिजबुल्लाह उसका तोड़ निकालने में जुटा रहा. इजराइल की ताकत को देखते हुए ही हिजबुल्लाह ने अपने लड़ाकों को सेलफोन का इस्तेमाल करने से मना किया था. उसने अपने लड़ाकों को पेजर थमाया था.
पेजर में इजराइल को दिखा मौका
अमेरिकी खुफिया आकलन के अनुसार, हिजबुल्लाह पर पेजर में निवेश करने के लिए दबाव पड़ रहा था, जो अपनी सभी सीमित क्षमताओं के बावजूद यूजर के स्थान या अन्य समझौता जानकारी दिए बिना डेटा प्राप्त कर सकता था. इजराइल की इंटेलिजेंस को पेजर में मौका दिखा.
हिजबुल्लाह द्वारा पेजर के इस्तेमाल को बढ़ाने का निर्णय लेने से पहले ही इजराइल ने एक शेल कंपनी बनाने की योजना शुरू कर दी थी. हंगरी की कंपनी बीएसी कंसल्टिंग और ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो के बीच पेजर के प्रोडक्शन को लेकर करार हुआ था. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इजराइल के तीन खुफिया अधिकारियों ने कहा कि वास्तव में यह इजरायली मोर्चे का हिस्सा था. उन्होंने कहा कि पेजर बनाने वाले लोगों की वास्तविक पहचान को छिपाने के लिए कम से कम दो अन्य फर्जी कंपनियां भी बनाई गईं.
हर समय साथ रखना था पेजर
हंगरी की कंपनी बीएसी के लिए हिजबुल्लाह का हर ऑर्डर मायने रखता था. इस कंपनी के पेजर अन्य की तुलना में ज्यादा बेहतर थे. खुफिया अधिकारियों के अनुसार, पेजर में विस्फोटक पीईटीएन से लैस बैटरियां थीं. पेजर्स ने 2022 की गर्मियों में लेबनान के लिए शिपिंग शुरू की. हिजबुल्लाह के अधिकारियों को मीटिंग में भी पेजर रखने का ऑर्डर था. उन्हें हर समय पेजर रखने का आदेश मिला था.
युद्ध की स्थिति में पेजर का इस्तेमाल लड़ाकों को यह बताने के लिए करना था कि उन्हें कहां जाना है. अमेरिका के खुफिया अधिकारियों के मुताबिक, गर्मियों में लेबनान के लिए पेजर्स की खेप में वृद्धि हुई. हजारों लोग देश में पहुंचे और हिजबुल्लाह अधिकारियों और उनके सहयोगियों के बीच उसे बांटा गया.
हिजबुल्लाह के लिए ये रक्षात्मक उपाय था, लेकिन इजराइल में खुफिया अधिकारियों ने पेजर्स को बटन के रूप में इस्तेमाल किया, जिन्हें समय आने पर दबाया गया.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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