दुनियां – फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक को लेकर सऊदी और ईरान के एक सुर… इजराइल को अंजाम भुगतने की दी चेतावनी – #INA

मिडिल ईस्ट की जंग में हमास और हिजबुल्लाह के खिलाफ भले ही इजराइल भारी पड़ रहा हो, लेकिन रणनीतिक और कूटनीतिक तौर पर ईरान को बढ़त मिलती नजर आ रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस क्षेत्र में अमेरिका का सबसे बड़ा सहयोगी और दुनिया के तमाम इस्लामिक देशों की आवाज़ समझा जाने वाला सऊदी अरब अब वही कर रहा है जैसा कि ईरान चाहता था.
अमेरिका ने दुनियाभर में खासतौर पर इस्लामिक वर्ल्ड में इजराइल को मान्यता दिलवाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया, इसमें काफी हद तक उसे कामयाबी भी मिली लेकिन 7 अक्टूबर को हुए हमास के हमले के बाद गाजा में जारी युद्ध ने इन प्रयासों को बड़ा झटका दिया है. मुस्लिम जगत की आवाज़ सऊदी अरब ने अब न केवल इजराइल से दूरी बना ली है बल्कि वह ईरान के साथ नजदीकियां भी बढ़ा रहा है.
सऊदी अरब की ईरान के साथ बढ़ती नजदीकी का ताजा उदाहरण इजराइल के फार-राइट मिनिस्टर बेजालेल स्मोत्रिच के बयान पर आई प्रतिक्रिया में देखने को मिला है. जिसमें सऊदी ने फिलिस्तीन के मामले में एक बार फिर इजराइल की कड़ी आलोचना की है.
सऊदी अरब ने इजराइल को दी चेतावनी
सऊदी अरब ने इजराइल के धुर-दक्षिणपंथी मंत्री स्मोत्रिच के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए बयान जारी किया है. सऊदी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, ‘कब्जे वाले वेस्ट बैंक के एनेक्सेशन को लेकर इजराइल की ओर से दिए गए भड़काऊ बयानों की गंभीरता, सेटलर्स को बसाने के प्रयास और निर्माण को लेकर सऊदी किंगडम कड़ी चेतावनी देता है. सऊदी अरब ने कहा है कि इस तरह के बयान शांति और टू-स्टेट समाधान के प्रयासों को कम कर रहे हैं, साथ ही युद्ध और चरमपंथ को बढ़ावा देने वाले हैं. सऊदी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इससे क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा बढ़ सकता है.
किंगडम ने इसे अंतरराष्ट्रीय नियमों और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन बताते हुए कहा है कि लगातार कब्जा, बलपूर्वक जमीन हथियाकर दायरा बढ़ाना खतरनाक नतीजे को अंजाम दे सकता है. सऊदी ने जोर देकर कहा है कि फिलिस्तीन के मामले में लगातार अंतरराष्ट्रीय समुदायों के विफल होने का परिणाम वर्तमान संकट से कहीं अधिक हो सकता है. यह अंतरराष्ट्रीय नियमों की वैधानिकता और विश्ववसनीयता पर असर डालता है, साथ ही इन्हें बरकरार रखने पर खतरे पैदा करता है.
इजराइल के दक्षिणपंथी मंत्री ने क्या कहा था?
दरअसल यहूदी प्रशासन के वित्त मंत्री बेजालिल स्मोत्रिच ने फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक को लेकर विवादित बयान दिया था. स्मोत्रिच ने कहा था कि फिलिस्तीन के खतरे को खत्म करने के लिए ट्रंप सरकार का कार्यकाल एक अवसर है, उन्होंने वेस्ट बैंक में अवैध इजराइली कब्जे वाली बस्तियों को अब इजराइल में ‘एनेक्स’ करने की तैयारी के निर्देश दिए हैं. ऐसा करने से वेस्ट बैंक के जिन इलाकों पर इजराइल का कब्जा है उन पर इजराइली कानून लागू हो जाएंगे और यहां मौजूद किसी भी फिलिस्तीनी को बेघर कर उनके घरों में यहूदियों को बसाया जा सकता है.
फिलिस्तीन को मिटाने का प्रयास- ईरान
वेस्ट बैंक के एनेक्सेशन वाले बयान को लेकर ईरान ने भी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने स्मोत्रिच के बयान को आक्रामकता के जरिए यहूदी शासन के भेदभावपूर्ण, विस्तारवादी व्यवहार का स्पष्ट संकेत बताया है. उन्होंने कहा कि यहूदी राष्ट्र का निर्माण और विस्तार फिलिस्तीनी जमीन पर कब्जा कर किया गया है, इसके लिए लाखों फिलिस्तीनियों की हत्या की गई और जबरन उन्हें विस्थापित किया गया. ईरान ने बीते 76 सालों के इजराइली शासन के व्यवहार को फिलिस्तीनियों के नरसंहार और फिलिस्तीन को मिटाने के विस्तृत प्लान का हिस्सा बताया है. ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि इजराइल ने बीते कुछ सालों में अपने इस एजेंडे को सबसे बर्बर तरीके से लागू करने की कोशिश की है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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