दुनियां – गाजा में भारतीय मूल के सैनिक की मौत, इजराइल के लिए लड़ रहा था – #INA

गाजा जंग ने पिछले साल में हजारों लोगों की जान ली है. इस जंग में मरने वालों में सिर्फ फिलिस्तीनी और इजराइली ही नहीं, बल्कि विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. गाजा में इजराइल सेना की घुसपैठ के एक साल बाद भी हमास लड़ाके लगातार इजराइली सैनिकों को निशाना बना रहे हैं. हमास के इसी तरह के ऑपरेशन में पहले भारतीय मूल के सैनिक की मौत हो गई है.
12 नवंबर को हमास के लड़ाकों ने ज़ोलैट की सैन्य यूनिट पर घरेलू एंटी टैंक शेल से हमला किया, जिसमें 3 अन्य IDF सैनिकों के साथ स्टाफ सार्जेंट गैरी ज़ोलैट की मौत हो गई. सेना ने इस ऑपरेशन में मारे गए सैनिकों की मौत के बाद घटना की जांच शुरू कर दी है. खबरों के मुताबिक ज़ोलात गाजा युद्ध में IDF की केफिर ब्रिगेड की 92वीं बटालियन में तैनात थे और अपनी अनिवार्य सैन्य सर्विस पूरी करने वाले थे, तभी उनकी मौत हो गई. ज़ोलात की 2 बहनें भी इजराइली सेना में हैं.

An Indian Israeli hero laid to rest Gary Zolat from the B’nei Menashe community was killed when a shell fell on him while clearing an enemy encampment in Gaza this week. He was just 21. Gary was on the verge of completing his mandatory military service. RIP Hero. pic.twitter.com/rOPWekxuDH
— Revital Moses | Moses in Israel (@RevitalMyer) November 15, 2024

वेस्ट बैंक में भी हुई थी हत्या
ज़ोलाट समुदाय के यहूदी भारत के मिजोरम और मणिपुर से इजराइल गए हैं. गैरी ज़ोलैट 7 अक्टूबर 2023 के बाद से मारे गए दूसरे भारतीय मूल के सैनिक हैं. भारतीय मूल के स्टाफ सार्जेंट गेरी गिदोन हंगल की 12 सितंबर को वेस्ट बैंक में मौत हो गई. वेस्ट बैंक गार्ड पोस्ट पर तैनात हंगल को एक ट्रक ड्राइवर ने टक्कर मार दी.
इजराइल की सेना में भारतीय
ज्यादातर लड़ाकू इकाइयों में ‘बनी मेनाशे’ भारतीय यहूदियों का एक समुदाय है, जो ज्यादातर मणिपुर और मिजोरम से संबंध रखते हैं. तिब्बती-बर्मी जातीय समूहों के यहूदियों के बारे में कहा जाता है कि वे इज़राइली जनजातियों के वंशज हैं. माना जाता है कि बनी मेनाशे इजराइल की 10 खोई हुई जनजातियों में से एक है, जिसे असीरिया के राजा के शासन के दौरान निर्वासित कर दिया गया था.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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