दुनियां – अब लड़ाई नहीं शांति की बात कर रहा है ईरान, सीजफायर के लिए अधिकारी को भेजा लेबनान – #INA

ईरान अब लेबनान में फैली जंग का अंत चाह रहा है. पिछले कुछ महीनों में लेबनान पर किए गए इजराइली हमलों से क्षेत्र में ईरान के सबसे मजबूत मिलिशिया हिजबुल्लाह को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है और इजराइल का ये अभियान जारी है. लेबनान मुद्दे पर ईरान के सुप्रीम लीडर के वरिष्ठ सलाहकार अली लरजानी लेबनान यात्रा पर पहुंचे हैं.
अली लारीजानी ने खुलासा किया कि उन्होंने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद और लेबनानी संसद के अध्यक्ष नबीह बेरी को संदेश भेजे थे. संदेशों में क्या संदेश दिया गया है, इस बात का खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन उन्होंने बताया कि ये दोनों देशों के विद्रोही समूह को ईरान के समर्थन के ईर्द-गिर्द था.
अली लारीजानी ने शुक्रवार को कहा कि ईरान, इजराइल के साथ युद्धविराम को सुरक्षित करने के लिए लेबनान की ओर से समझौते में लिए गए किसी भी फैसले का समर्थन करेगा है. ईरान के इस रुख से संकेत मिलते हैं कि तेहरान एक ऐसी लड़ाई का अंत देखना चाहता है जिसने उसके लेबनानी सहयोगी हिजबुल्लाह को भारी झटका दिया है.
अमेरिका ने रखा लेबनान में युद्धविराम का प्रस्ताव
दो वरिष्ठ लेबनानी राजनीतिक स्रोतों ने रॉयटर्स को बताया कि लेबनान में अमेरिकी राजदूत ने पिछले दिन लेबनान के संसद अध्यक्ष नबीह बेरी के सामने युद्ध विराम प्रस्ताव का मसौदा पेश किया था. बेरी को हिजबुल्लाह ने बातचीत करने के लिए समर्थन दिया है. लारीजानी ने इजराइल के पीएम का जिक्र करते हुए कहा हम सभी परिस्थितियों में लेबनानी सरकार का समर्थन करते हैं और जो शांति में रुकावट हैं, वे नेतन्याहू के लोग हैं.
जानकारों का मानना है कोई भी प्रस्ताव हिजबुल्लाह ईरान की अनुमति के बिना नहीं मानेगा. हिजबुल्लाह शुरू से कहता आया है कि गाजा सीजफायर तक वे अपने हमले जारी रखेगा. इजराइल की आक्रमकता बढ़ने के बाद हिजबुल्लाह के इस रुख में कमी देखी जा रही है.
विश्व शक्तियों का क्या कहना है?
इजराइल हिजबुल्लाह सीजफायर पर विश्व शक्तियों का कहना है कि लेबनान में युद्ध विराम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 पर आधारित होना चाहिए, जिसने हिजबुल्लाह और इजराइल के बीच 2006 के पिछले युद्ध को खत्म कर दिया था. इसकी शर्तों के मुताबिक हिजबुल्लाह को लिटानी नदी के उत्तर में हथियार और लड़ाके ले जाने होंगे, जो सीमा से लगभग 20 किमी (30 मील) उत्तर में बहती है.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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