दुनियां – एक महीने में जांच पूरी करो… शेख हसीना मामले में इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल का बड़ा आदेश – #INA

बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही शेख हसीना की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल ने उनके खिलाफ नरसंहार के एक मामले में अभियोजन पक्ष से कहा कि एक महीने के अंदर जांच पूरी की जाए. कोर्ट ने प्रधानमंत्री शेख हसीना सहित 13 अन्य लोगों के खिलाफ 17 दिसंबर तक जांच पूरी करके कोर्ट में पेश करने को कहा है.
अदालत ने अभियोजन पक्ष को एक महीने के भीतर हसीना के गिरफ्तारी वारंट के निष्पादन पर एक रिपोर्ट देने का भी आदेश दिया. पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ 17 अक्टूबर को इस मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. उन पर आरोप है कि जुलाई-अगस्त में अपने खिलाफ विद्रोह को दबाने के लिए अपराध और नरसंहार को अंजाम दिया गया. सत्ता से बेदखल होने के बाद शेख हसीना भारत में शरण ले चुकी हैं.
नई सरकार के बाद तेज हुई कार्रवाई
शेख हसीना सरकार के खिलाफ बांग्लादेश में भड़की विद्रोह को दबाने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया था, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी. हसीना को सत्ता से हटाने के बाद, जब से नई सरकार आई है, हसीना सरकार के मंत्रियों के खिलाफ हत्या समेत कई मामलों में केस दर्ज किए गए हैं. सोमवार को 13 हाई प्रोफाइल व्यक्तियों और पूर्व मंत्रियों को कोर्ट में पेश किया गया.
कई मंत्रियों पर हत्या का केस
इनमें पूर्व कानून मंत्री अनीसुल हक, नागरिक उड्डयन और पर्यटन मंत्री लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) फारुक खान, वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष रशीद खान मेनन, जातीय समाजतांत्रिक दल के अध्यक्ष हसनुल हक इनु, डाक, दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी के पूर्व राज्य मंत्री जुनैद अहमद पलक और पूर्व प्रधानमंत्री के बिजली, ऊर्जा और खनिज संसाधन सलाहकार तौफीक-ए-इलाही चौधरी शामिल हैं. कोर्ट में पेशी के बाद सभी आरोपियों को अपने वकीलों से बात करने और अपने परिवारों से मिलने के लिए समय दिया गया.
निरंकुश सत्ता के लिए सबक
आज की कार्यवाही के बाद सरकारी वकील ताजुल इस्लाम ने मीडिया से कहा कि यह उन लोगों के लिए एक सबक है जो भविष्य में तानाशाह बनने के बारे में सोचते हैं. कोर्ट की कार्रवाई उन लोगों के लिए एक सबक है जो निरंकुश सत्ता और लोगों की आकांक्षाओं का दमन करने की सोचते हैं. सोमवार को पूर्व मंत्रियों की पेशी को ध्यान में रखते हुए कोर्ट परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. बिना अनुमति के पत्रकारों और वकीलों को भी प्रवेश की अनुमति नहीं थी.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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