दुनियां – रूसी शोलों से धधक रही यूक्रेन की धरती, अधर में लटका जेलेंस्की का भविष्य – #INA

अरब की तरह ही रूस-यूक्रेन जंग का सबसे भीषण फेज शुरू हो गया है. दरअसल ट्रंप की जीत से यूक्रेन को हथियार सप्लाई लगभग रुक गई है और जेलेंस्की का भविष्य अधर में लटक गया है. इसका फायदा पुतिन सेना जमकर उठा रही है. एक तरफ तो पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन में जेलेंस्की सेना ने अपना विजय अभियान तेज कर दिया है, तो दूसरी ओर कीव की घेराबंदी तेज कर दी है. पुतिन की इस रणनीति को ऑपरेशन 20 जनवरी भी कहा जा रहा है. आखिर क्यों इस रिपोर्ट में देखिए…
यूक्रेन की धरती रूसी शोलों से धधक रही है. रूस के बारूद में वॉर ग्राउंड से लेकर रिहायशी इलाके तक जल रहे हैं. बीते 24 घंटे से रूस की सेना जेलेंस्की के जवानों पर प्रचंड प्रहार कर रही है. पूरी ताकत से आगे बढ़ रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा यूक्रेन के इलाके पर कब्जा किया जा सके. अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पुतिन ने जंग की रणनीति भी बदल दी है. पुतिन अब यूक्रेन को झुकाने के लिए ड्रोन आक्रमण का सहारा ले रहे हैं. बीते 24 घंटे में रूस ने यूक्रेन पर 73 ड्रोन अटैक किए. यूक्रेन का दावा है कि उसने 50 ड्रोन मार गिराए यानी 23 ड्रोन हमले में सफल रहे. रूस ने सूमी, पोल्टावा, चर्कासी और कीव पर हमले किए. रूस ने करीब 16 ड्रोन कीव पर दागे.
करीब 25 फीसदी यूक्रेन पर रूस का कब्जा
यही वजह है कि यूक्रेन सेना ने अब कीव में रिहायशी इमारतों पर एंटी ड्रोन नेट लगाने शुरू कर दिए हैं. दावा है कि ये जाल ड्रोन के मलबे से इमारतों को सुरक्षित रखेगा. यूक्रेन को आशंका है कि बहुत जल्द रूस कीव की घेराबंदी शुरू कर सकता है, जिसके लिए वो ड्रोन हमलों का सहारा लेगा. दरअसल रूस का दावा है कि करीब 25 फीसदी यूक्रेन पर उसका कब्जा हो चुका है. बीते 24 घंटे में डोनेस्क और खारकीव के 300 वर्ग किमी के हिस्से पर उसकी सेना ने कब्जा किया है. किसी भी वक्त पोक्रोव्सक पर रूस कब्जा कर सकता है. शहर के दक्षिण और पश्चिम हिस्से को पूरी तरह घेरा चुका है.
ट्रंप की ताजपोशी से पहले रूस का आक्रामक रुख
पुतिन की सेना के इस आक्रामक रुख की वजह है डोनाल्ड ट्रंप की ताजपोशी, जो जनवरी में होनी है. आशंका है कि ट्रंप रूस-यूक्रेन समझौते के लिए पूरी ताकत झोंक सकते हैं. यही वजह है कि रूस अब ज्यादा से ज्यादा इलाके पर कब्जा करना चाहता है ताकि बातचीत की टेबल पर रूस को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो सके. यही वजह है कि रूस ने युद्ध की रफ्तार को तेज करते हुए हमले की रफ्तार बढ़ा दी है और घातक हथियारों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. रूस-यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 से युद्ध जारी है और यह कब तक और चलेगा, यह कहना मुश्किल है.
ब्यूरो रिपोर्ट, टीवी 9 भारतवर्ष

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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