दुनियां – ट्रंप की कैबिनेट से क्यों चीन के उड़े होश? जानें ड्रैगन की परेशानी का कारण – #INA

अमेरिका में प्रेसिडेंट का चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अभी सत्ता भी नहीं संभाली है, लेकिन उससे पहले ही चीन में ट्रंप की कैबिनेट को लेकर हड़कंप मच गया है. चीन के रणनीतिकार, जिनपिंग सरकार को ट्रंप की इस नई टीम से लगातार आगाह कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि जब ट्रंप सत्ता संभालेंगे तो चीन के लिए कई समस्याएं तो बढ़ेंगी ही. उसके साथ ही ट्रंप के नए डिपार्टमेंट से भी ड्रैगन को मुश्किलों का सामना करना होगा.
चीन के सलाहकारों ने बीजिंग सरकार को खबरदार किया है कि डोनाल्ड ट्रंप के नए कार्यकाल में उनकी टीम में शामिल सबसे चर्चित चेहरों में अरबपति एलन मस्क और भारतीय मूल के बिजनेसमैन विवेक रामास्वामी की टीम चीन के लिए सबसे बड़ा खतरा बनने वाली है. तो क्या अमेरिका के अगले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां, रणनीतियां और योजनाएं चीन के लिए सबसे बड़ा खतरा बनने जा रही हैं?
पहले से भी ज्यादा हो सकती है परेशानी
जानकारों का मानना है कि ट्रंप के कार्यकाल में चीन को पहले से भी ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ेगी. गौर करने वाली बात ये है कि जिनपिंग सरकार के लिए ये चेतावनी चीन सरकार के एक नीति सलाहकार ने ही दी है. चीन के नीति सलाहकार झेंग योंगनियान ने ट्रंप की नई टीम को लेकर चीन के लिए ये आशंका जताई है. झेंग योंगनियान के अनुसार, ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान चीन के लिए सबसे बड़ा खतरा एलन मस्क और विवेक रामास्वामी की टीम होगी.
चीन के नीति सलाहकार का ये भी मानना है कि एक अधिक कुशल अमेरिकी राजनीतिक प्रणाली चीन पर भारी दबाव डालेगी. चीन पर सबसे बड़ा दबाव अमेरिका के भीतर होने वाले राजनीतिक बदलावों से आ सकता है. ये दबाव सिर्फ चीन तक ही सीमित नहीं होगा, बल्कि अन्य देशों, खासकर यूरोप तक भी होगा. ऐसे में चीन को ट्रंप कैबिनेट के खिलाफ जवाबी उपाय खोजने चाहिए.
‘कई नियमों को खत्म करने और कर्मचारियों की संख्या कम करने की तैयारी’
आपको बता दें कि ट्रंप ने एलन मस्क और विवेक रामास्वामी को एक नए सरकारी विभाग DOGE, यानी डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी की अगुवाई करने के लिए नामित किया है. ट्रंप कैबिनेट में शामिल होने वाले इन दोनों सदस्यों ने पहले ही कई नियमों को खत्म करने और सरकारी कर्मचारियों की संख्या को कम करने की योजना बना ली है.
20 जनवरी से डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के लिए अमेरिका की बागडोर संभाल लेंगे. यानी, अमेरिका में ट्रंप-2.0 के शुरू होने में अब डेढ़ महीने से भी कम समय बचा है. ऐसे में ट्रंप की नई कैबिनेट में शामिल होने वाले एलन मस्क और विवेक रामास्वामी की चुनौतियों से निपटने के लिए चीन की सरकार ने अभी से कई मोर्चों पर तैयारियां शुरू कर दी हैं.
द्विपक्षीय संबंधों नुकसान पहुंचाने का संदेह
चीन के सलाहकारों और रणनीतिकारों का मानना है कि ट्रंप कई तरह के टैक्स लगाकर चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. हालांकि ट्रंप एक बिजनेसमैन हैं, इसलिए वो चीन के साथ कोई सीधा टकराव नहीं चाहेंगे.
जानकारों का मानना है कि अमेरिका में ट्रंप के आने के बाद दक्षिण चीन सागर और ताइवान स्ट्रेट के आसपास तनाव का बढ़ना जारी रहेगा. इस डर के अलावा चीन को ये भय भी सता रहा है कि ट्रंप की नई टीम बीजिंग के लिए कई आर्थिक परेशानियां भी पैदा कर सकती है.
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी ने एक बार फिर चीन के साथ ट्रेड वॉर की आशंका को बढ़ा दिया है. ट्रंप ने अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ही चीन की टेंशन बढ़ाने वाले बयान दिए थे. ट्रंप ने चुनाव जीतने के लिए जो वादे किए थे उनमें से चीन के उत्पादों पर 60 फीसदी तक भारी आयात शुल्क लगाना भी शामिल था. अपने पहले कार्यकाल में भी ट्रंप ने चीन के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए थे.
पिछले कार्यकाल में बढ़ा था आयात शुल्क
पिछले कार्यकाल में ट्रंप सरकार ने चीनी सामानों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए आयात शुल्क को 25 फीसदी तक बढ़ा दिया था. ट्रंप ने जब पहली बार आयात शुल्क बढ़ाए तो वो चीन को बहुत तकलीफ देने वाला साबित हुआ. ट्रंप के पिछले कार्यकाल के 4 साल बाद अब चीन की आर्थिक हालत और नाज़ुक हो गई है. ट्रंप के बाद बाइडेन सरकार ने भी चीन पर दबाव कम नहीं किया.
बाइडेन प्रशासन ने चीन के खिलाफ कड़े उपायों को जारी रखा और कुछ मामलों में तो उसका दायरा और बढ़ा दिया.
जानकार मानते हैं कि ट्रंप ने चीन के उत्पादों पर नए शुल्क को लेकर जो कहा था, वो अपनी बात को इस बार और कड़े तरीके से बीजिंग के खिलाफ लागू करेंगे. ट्रंप की टीम में शामिल होने वाले एलन मस्क और विवेक रामास्वामी जैसे सदस्यों की वजह से चीन की परेशानी और बढ़ेगी. इसके पीछे वजह ये है कि हाल के दिनों में एलन मस्क की कंपनी को चीन की वजह से तगड़ा झटका लगा है जिसके बाद एलन मस्क चीन से होने वाले नुकसान की भरपाई जरूर करेंगे.
कहां फंस रहा पेंच?
दरअसल, हाल ही में चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने ब्राजील की यात्रा की थी. इस दौरान ब्राजील और चीन की कंपनी ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था. ब्राजील ने चीन के स्पेस सेल के साथ सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को लेकर समझौता किया था. स्पेस सेल एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी है. ऐसे में ब्राजील और चीन के इस समझौते को एलन मस्क की कंपनी के लिए बड़ा नुकसान माना गया.
(टीवी9 ब्यूरो रिपोर्ट)

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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