दुनियां – पुतिन के गुस्से से दहशत में यूरोप और अमेरिका, NATO देशों ने शुरू की जंग की तैयारी! – #INA

क्या रूस-यूक्रेन युद्ध न्यूक्लियर वॉर में तब्दील होने वाला है? क्या रूस यूक्रेन के बाद अब यूरोपीय देशों खासतौर पर नाटो के सदस्य देशों पर भी हमला करेगा? दरअसलयूक्रेन को मिल रही पश्चिमी देशों की मदद से रूस-यूक्रेन युद्ध का दायरा और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. लगातार बढ़ रहे तनाव के बीच नाटो देश ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है.
NATO मेंबर जर्मनी ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए नए बंकर बनाने का प्लान तैयार किया है. इस प्लान के तहत जर्मनी सार्वजनिक और निजी इमारतों को बंकर में तब्दील करने की तैयारी कर रहा है. इसके तहत इन इमारतों के बेसमेंट, अंडरग्राउंड पार्किंग और मेट्रो स्टेशनों को नागरिकों के लिए सुरक्षित शेल्टर में बदला जाएगा.
‘न्यूक्लियर वॉर’ की ज़मीन तैयार?
दरअसल रूस ने हाल ही में अपनी परमाणु नीति में बदलाव करते हुए साफ कर दिया है कि अगर नाटो देश की मिसाइल से उस पर हमला हुआ तो वह इसे पूरे संगठन का हमला मानेगा. साथ ही नई परमाणु नीति के अनुसार, रूस पर परमाणु शक्ति से संपन्न किसी देश के समर्थन से हमला होता है तो रूस ऐसी स्थिति में न्यूक्लियर हमले पर विचार कर सकता है.
उधर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस पहले ही यूक्रेन को अपनी लंबी दूरी की मिसाइलों के इस्तेमाल की मंजूरी दे चुके हैं. अमेरिकी मीडिया ने तो ये भी दावा किया है कि बाइडेन प्रशासन यूक्रेन को न्यूक्लियर बम ट्रांसफर करने पर भी गंभीरता से विचार कर रहा है.
वहीं रूस ने साफ कर दिया है कि अगर यूक्रेन के सहयोगियों ने रेड लाइन पार की तो वह परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर विचार कर सकता है. ऐसे में पुतिन के गुस्से की चपेट में सबसे पहले यूरोप आ सकता है. जंग का दायरा बढ़ा तो आंच जर्मनी तक आने में देर नहीं लगेगी.
पुतिन के गुस्से से दहशत में यूरोप!
यही वजह है कि जर्मनी तीसरे विश्व युद्ध की आशंका के बीच अपने नागरिकों की सुरक्षा को मजबूत करने की कोशिश में जुट गया है. जर्मनी के गृह मंत्रालय ने बताया है कि यह प्लान क्षेत्र में बढ़ते सुरक्षा खतरों को देखते हुए बनाया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक जर्मन सरकार इन बंकरों के साथ-साथ एक मोबाइल एप भी तैयार करेगी जो लोगों को आपात स्थिति में नजदीकी बंकर का पता बताएगा.
जर्मनी में बना एक पुराना बंकर. (Getty Images)
हाल के दिनों में जर्मनी में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर चिंता बढ़ी है. देश में मौजूदा समय में कुल 579 सार्वजनिक बंकर हैं, जहां 4.8 लाख नागरिक शरण ले सकते हैं. जबकि जर्मनी की जनसंख्या करीब 8.5 करोड़ है. ऐसे में सभी नागरिकों की सुरक्षा की दृष्टि से इन बंकरों की संख्या काफी कम है.
जंग की तैयारी में जुटा अमेरिका!
तीसरे विश्व युद्ध की आशंका से तैयारी करने वाला जर्मनी अकेला नाटो देश नहीं है, अमेरिका में भी इस खतरे की आशंका को देखते हुए लोगों को आगाह किया जा रहा है. अमेरिकी सरकार ने न्यूक्लियर अटैक की स्थिति में नागरिकों को क्या करना चाहिए इससे जुड़ी एक सर्वाइवल गाइड जारी की है.
अमेरिका की फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी (FEMA) की ओर से जारी की गई इस निर्देशिका में कहा गया है कि न्यूक्लियर अटैक की स्थिति में किसी सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचने के लिए नागरिकों के पास अधिकतम 15 मिनट का समय होगा. ऐसे में किसी भी शख्स को खासतौर पर किसी मजबूत इमारत के बेसमेंट या सेंट्रल रूम में शरण लेनी चाहिए और खिड़कियों से दूर रहना चाहिए.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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