दुनियां – अब रोहिंग्या मुसलमानों के नरसंहार पर ICC में अपील, भारत के पड़ोसी मुल्क के सैन्य लीडर के खिलाफ अरेस्ट वारंट की मांग – #INA

इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के बाद अब एक और शख्स के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट से अरेस्ट वारंट जारी करने की मांग की गई है. ICC के प्रॉसीक्यूटर करीम खान ने म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग के खिलाफ आवेदन दिया है.
मिन आंग पर आंग सान सू की की सरकार के दौरान रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ ‘मानवता के खिलाफ’ अपराध का आरोप है. करीम खान ने कहा है कि हमारे पास पर्याप्त कारण हैं कि रोहिंग्या मुसलमानों को जबरन बांग्लादेश खदेड़ने और अत्याचार करने की आपराधिक जिम्मेदारी मिन आंग पर तय की जाए.
म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों का उत्पीड़न
साल 2017 में म्यामांर में हो रहे उत्पीड़न से बचने के लिए हजारों रोहिंग्या भागकर बांग्लादेश चले गए थे, संयुक्त राष्ट्र ने इसे बर्मीज मिलिट्री की ओर से किया जाने वाला नरसंहार बताया था. लेकिन म्यांमार की सरकार ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि वह रोहिंग्या चरमपंथियों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 में रोहिंग्या मिलिटेंट ने म्यांमार की 30 से ज्यादा पुलिस पोस्ट पर जानलेवा हमला किया, जिसके बाद सेना ने रोहिंग्या मुसलमानों पर हमले शुरू कर दिए. मिलिट्री ने जवाबी कार्रवाई में रोहिंग्या मुसलमानों के गांव जला दिए और नागरिकों पर हमला बोला.
MSF के मुताबिक सेना के हमले में कम से कम 6700 रोहिंग्या मारे गए जिसमें 5 साल से कम उम्र के कम से कम 730 बच्चे शामिल थे. एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार की सेना ने रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय की महिलाओं और लड़कियों का उत्पीड़न और बलात्कार भी किया.
म्यांमार सरकार ने नहीं की कार्रवाई
इस भयावह हिंसा ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा, तमाम ग्लोबल लीडर्स ने इस हिंसा की जवाबदेही तय करने की मांग की लेकिन तत्कालीन आंग सान सू की की सरकार ने अपनी मिलिट्री के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार कर दिया.
चूंकि म्यांमार ICC का सदस्य नहीं है लिहाजा उस समय इस मामले में केस चलाना आसान नहीं था. लेकिन इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के प्रॉसीक्यूटर्स ने बाद में इस पर चर्चा की कि इस अपराध के चलते रोहिंग्या मुसलमानों को चूंकि जबरन बांग्लादेश भेजा गया था और बांग्लादेश ICC का सदस्य है, लिहाजा इस मामले में केस चलाया जा सकता है.
5 साल की जांच में मिले पर्याप्त सबूत
करीब 5 साल बाद इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के चीफ प्रॉसीक्यूटर करीम खान का कहना है कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं जिसके आधार पर वह ICC से मिन हांस ह्लाइंग के खिलाफ अरेस्ट वारंट की मांग कर सकें. अदालत में 3 सदस्यीय जजों की बेंच उनकी इस मांग पर सुनवाई करेगी.

#ICC Prosecutor @KarimKhanQC announces an application for a warrant of arrest for Senior General and Acting President Min Aung Hlaing, Commander-in-Chief of the #Myanmar Defence Services pic.twitter.com/rJQJDUrXiT
— Int’l Criminal Court (@IntlCrimCourt) November 27, 2024

कौन है सैन्य तानाशाह मिन हांग ह्लाइंग?
साल 2021 में मिन हांग ने म्यांमार में तख्तापलट कर आंग सान सू की को सत्ता से बाहर कर दिया. इससे पहले उसके नेतृत्व में म्यांमार की सेना ने रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ अभियान चलाया जिसके चलते करीब 10 लाख रोहिंग्याओं को बांग्लादेश भागना पड़ा. म्यांमार में तख्तापलट और रोहिंग्याओं पर अत्याचार के चलते यूरोपीय संघ और अमेरिका ने मिन हांग पर यात्रा और आर्थिक ट्रांजैक्शन समेत कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं.

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

Source link

Back to top button