Political – हरियाणा: लालों के लाल और दलबदलुओं पर BJP खेल रही दांव, क्या बन पाएगा सत्ता की हैट्रिक का फॉर्मूला?- #INA
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए काफी मंथन के बाद बीजेपी ने बुधवार को अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 67 सीट पर बीजेपी ने टिकट घोषित कर दिए हैं. सत्ता की हैट्रिक लगाने के लिए पार्टी ने 40 सीटों से उम्मीदवार बदल दिए हैं. बीजेपी पहली लिस्ट में दूसरे दल से आए नेताओं पर भरोसा जताया है तो हरियाणा के सियासी परिवारों के बेटे-बेटियों पर भी दांव खेलने से परहेज नहीं किया.
बीजेपी ने हरियाणा के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की तीसरी पीढ़ी के नेताओं को टिकट दिया है. राव बीरेंद्र सिंह, चौधरी बंसीलाल और भजनलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. बीजेपी ने इन तीनों ही नेताओं के परिवार को टिकट दिया है, जिसके चलते पार्टी के लिए एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत हरियाणा में अपवाद हो गया है. इतना ही नहीं बीजेपी ने जिस तरह से दलबदलू नेताओं पर दांव खेला है, उसमें तीन दिन पहले बीजेपी का दामन थामने वाले सात नेताओं को मौका दिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि लालों के लाल और दलबदलुओं पर दांव खेलकर क्या बीजेपी सत्ता की हैट्रिक लगा पाएगी?
सियासी परिवार पर बीजेपी ने खेला दांव
बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में अपने नेताओं के बेटे-बेटियों को टिकट देने से परहेज नहीं किया है. पूर्व सीएम रहे राव बीरेंद्र सिंह की पोती और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव को अटेली विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. हाल ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने वाली किरण चौधरी को पार्टी ने पहले राज्यसभा भेजा और अब उनकी बेटी श्रुति चौधरी को तोशाम सीट से उम्मीदवार बनाया है. श्रुति चौधरी हरियाणा के पूर्व सीएम बंसीलाल की पोती हैं. किरण चौधरी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की बहू हैं और उनकी बेटी श्रुति चौधरी कांग्रेस की हरियाणा इकाई की कार्यकारी अध्यक्ष रह चुकी हैं.
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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री
कांग्रेस से बीजेपी में आए कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को बीजेपी ने फिर से आदमपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. भव्य बिश्नोई राज्य के पूर्व सीएम रहे भजनलाल के पोते हैं. भव्य बिश्नोई आदमपुर सीट से बीजेपी के विधायक हैं. इससे पहले उनके पिता कांग्रेस के टिकट पर यहां से विधायक थे और पिछले साल वह कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. इस तरह आरती राव, श्रुति चौधरी और भव्य बिश्नोई के दादा हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे चुके हैं. राज्य की सियासत में उनका अपना सियासी प्रभाव है, जिसे चुनाव में भुनाने के लिए बीजेपी ने उन पर दांव खेला है.
जेजेपी से बीजेपी में आए
पूर्व मंत्री करतार भड़ाना के बेटे मनमोहन भड़ाना को समालखा और पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे सुनील सांगवान को चरखी दादरी से मैदान में उतार है. करतार भड़ाना हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चुनाव लड़ चुके हैं. गुर्जर समाज के दिग्गज नेता माने जाते हैं. इसके चलते ही बीजेपी ने दांव खेला है. सुनील सांगवान जेलर रहे हैं और सोमवार को ही बीजेपी का दामन थामा है. जाट समुदाय आते हैं, उनके पिता सतपाल सांगवान दो बार चरखी दादरी से विधायक रहे चुके हैं. पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे थे और हाल ही में जेजेपी से बीजेपी में आए हैं.
हरियाणा की सियासत में शर्मा परिवार
परिवारवाद की फेहरिस्त में पूर्व मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी शक्ति रानी शर्मा का नाम भी शामिल हैं, जिन्हें बीजेपी ने कालका विधानसभा सीट से कैंडिडेट बनाया है. शक्ति रानी शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा राज्यसभा सदस्य हैं. हरियाणा की सियासत में शर्मा परिवार की अच्छी-खासी सियासी दखल और पकड़ है. इसलिए बीजेपी ने उन पर दांव खेला है. इस तरह से तीनों दिग्गज नेताओं की हरियाणा की सियासत में अच्छी-खासी दखल है और अपने-अपने इलाके में मजबूत पकड़ रखते हैं.
दलबदलू नेताओं पर जताया भरोसा
बीजेपी ने हरियाणा की 9 विधानसभा सीटों पर अपने नेताओं को उतारने के बजाय दूसरे दल से आए हुए नेताओं पर भरोसा जताया है. बीजेपी ने इस बार उन सभी नेताओं को मौका दिया है, जो हाल ही दूसरी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. तीन दिन पहले बीजेपी का दामन थामने वाले देवेंद्र बबली को प्रत्याशी बनाया है, जो जेजेपी छोड़कर आए हैं. इसी तरह हरियाणा जनचेतना पार्टी से बीजेपी में आईं शक्ति रानी शर्मा को कालका से प्रत्याशी बनाया है. जेजेपी छोड़कर बीजेपी में आने वाले रामकुमार गौतम को सफीदों से प्रत्याशी बनाया है.
इन नेताओं पर भी खेला दांव
जेजेपी से बीजेपी में आए संजय कबलाना को बादली से प्रत्याशी बनाया है. इसी तरह से जेजेपी छोड़कर बीजेपी में आने वाले अनूप धानक पर भी पार्टी ने बड़ा दांव खेला है. जेजेपी छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले पवन कुमार को खरखौदा से टिकट मिला है. पूर्व जेल अधीक्षक सुनील सांगवान को भी चरखी-दादरी से टिकट मिल गया है, जिनके पिता दो महीने पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने वाले निखिल मदान को पार्टी ने सोनीपत से प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस से बीजेपी में आईं पूर्व सांसद श्रुति चौधरी को तोशाम सीट से टिकट मिला है. इसी तरह से इनेलो छोड़कर आए श्याम सिंह राणा को बीजेपी ने रादौर से टिकट दिया है.
सत्ता की हैट्रिक लगाने का प्लान
हरियाणा चुनाव में बीजेपी ने दल बदल कर आए नेताओं पर टिकट देकर बड़ा सियासी दांव चला है, क्योंकि इन सभी नेताओं का अपने-अपने क्षेत्र में कद है. बीजेपी ने अपनी लिस्ट में हरियाणा के तीन पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल, पूर्व राव बीरेंद्र सिंह और चौधरी बंसीलाल की विरासत को साधने की कोशिश की है. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी के पाले में आए तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के वारिसों को बीजेपी ने मुंह मांगा इनाम दिया है. इसके पीछे बीजेपी जहां तीन सीटों पर विजय देख रही है तो प्रदेश भर के इनके समर्थकों को भी अपने पाले में लाने की उम्मीद कर रही है. इसके अलावा जिन इलाकों में बीजेपी कमजोर थी, वहां पर दूसरे दल से आए नेताओं को टिकट देकर सत्ता की हैट्रिक लगाने का प्लान बनाया है. ऐसे में अब देखना है कि बीजेपी का यह दांव कामयाब होता है या नहीं?
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