Political – विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया कांग्रेस में शामिल, खिलाड़ियों के लिए कितना सेफ है हरियाणा का चुनावी अखाड़ा?- #INA

विनेश फोगाट, बबीता फोगाट, योगेश्वर दत्त, बजरंग पुनिया और संदीप सिंह

हरियाणा के चुनावी अखाड़े में पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट भी किस्मत अजमाएंगे. दोनों ने कांग्रेस के जरिए राजनीति में उतरने का फैसला किया है. हरियाणा की राजनीति में खिलाड़ियों के आने की बात नई नहीं है. 1970 के दशक में चौधरी वीरेंद्र सिह पहली बार खेल से राजनीति में आए थे. चौधरी विधायक, सांसद और केंद्र में मंत्री तक बने.

हालांकि, इसके बाद कई ऐसे भी खिलाड़ी हरियाणा की राजनीति में आए, जिनकी सियासत परवान नहीं चढ़ पाई. इनमें से कुछ तो ऐसे थे, जो मैदान में आते ही हिटविकेट हो गए.

इस स्पेशल स्टोरी में हरियाणा के उन खिलाड़ियों की कहानी जानते हैं जो खेल से राजनीति में आए…

बात पहले दंगल गर्ल बबीता फोगाट की

महिला पहलवान बबीता फोगाट कॉमनवेल्थ गेम में मेडल जीत चुकी हैं. 2019 में उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया था. बबीता बीजेपी में शामिल होकर दादरी सीट से मैदान में उतरी थी, लेकिन उन्हें यहां करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. बबीता इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रही थीं.

बबीता इसके बाद भी राजनीति में सक्रिय रहीं. कई मुद्दों पर खुलकर उन्होंने पार्टी का समर्थन किया. 2024 के चुनाव में बबीता को फिर से दादरी सीट से टिकट मिलने की उम्मीद थी लेकिन बीजेपी ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया है.

टिकट नहीं मिलने के 2 दिन बाद बबीता ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने पार्टी फैसले के साथ खड़े रहने की बात कही है.

योगेश्वर दत्त को भी नहीं मिला टिकट

पहलवान योगेश्वर दत्त भी 2019 में बीजेपी के जरिए राजनीति में आए थे. 2019 में पार्टी ने उन्हें बरोदा सीट से उम्मीदवार बनाया लेकिन वे जीत नहीं पाए. 2020 में इस सीट से विधायक के निधन के बाद उपचुनाव कराया गया. दत्त उपचुनाव भी जीत नहीं पाए.

ओलंपिक में मेडल जीत चुके योगेश्वर को बीजेपी ने इस बार टिकट नहीं दिया है. टिकट नहीं मिलने की वजह से योगेश्वर दत्त नाराज चल रहे हैं. योगेश्वर राजनीति में रहेंगे या नहीं, इसकी भी चर्चा सियासी गलियारों में चल रही है.

कृष्णमूर्ति हुड्डा भी सियासत में निपट गए

पूर्व क्रिकेटर कृष्णामूर्ति हुड्डा की भी राजनीति शुरुआत में खूब परवान चढ़ी, लेकिन धीरे-धीरे वे सियासत से दूर होते चले गए. कांग्रेस के जरिए राजनीति में आने वाले कृष्णामूर्ति हुड्डा शुरू में विधायक और मंत्री बने, लेकिन जब कांग्रेस सत्ता से दूर हुई तो हुड्डा भी साइडलाइन होते चले गए.

2024 के फरवरी में कृष्णामूर्ति कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए गए. लोकसभा चुनाव में उन्होंने भूपिंदर हुड्डा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था. विधानसभा चुनाव में कृष्णामूर्ति के भूपिंदर हुड्डा के गढ़ गढ़ी सांपला से लड़ने की बात कही जा रही थी लेकिन बीजेपी ने उन्हें सिंबल ही नहीं दिया.

संदीप पहले मंत्री बने फिर टिकट को तरसे

2019 में योगेश्वर दत्त और बबीता फोगाट के साथ राजनीति की शुरुआत करने वाले हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह मनोहर लाल खट्टर सरकार में मंत्री बनाए गए थे, लेकिन यौन शोषण के आरोप ने उनके करियर को खत्म कर दिया.

पहले सैनी की सरकार में संदीप को मंत्री पद नहीं मिला और अब बीजेपी ने विधायकी का टिकट काट दिया है. हॉकी प्लेयर संदीप अर्जुन अवार्ड विजेता भी हैं.

रणवीर महेंद्रा भी सियासी पिच पर सफल नहीं

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रणबीर महेंद्रा 2005 में हरियाणा की राजनीति में आए. वे उस वक्त मुंधाल खुर्द सीट से चुनाव जीते भी लेकिन इसके बाद लगातार चुनाव हारते गए.

2009, 2014 और 2019 में वे कांग्रेस के टिकट पर भद्रा सीट से मैदान में उतरे लेकिन तीनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 80 साल के रणबीर महेंद्रा के इस बार चुनाव लड़ने पर संशय है.

विजेंद्र दिल्ली आए फिर हरियाणा लौटे

बॉक्सर विजेंद्र सिंह भी राजनीति में किस्मत अजमा चुके हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में विजेंद्र कांग्रेस के टिकट पर दक्षिणी दिल्ली से मैदान में उतरे, लेकिन वे तीसरे नंबर पर रहे. चुनाव में उनकी जमानत तक जब्त हो गई.

2024 में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के बाद विजेंद्र बीजेपी में चले गए और हरियाणा की सियासत में एक्टिव हो गए. हालांकि, बीजेपी की पहली लिस्ट में उन्हें टिकट देने की घोषणा नहीं हुई है.

अब जाते-जाते विनेश और बजरंग की कहानी

विनेश कॉमनवेल्थ गेम में मेडल जीत चुकी हैं. इस बार पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट फाइनल तक पहुंची थीं लेकिन वजन की वजह से रेस से बाहर हो गईं. विनेश चरखी दादरी की रहने वाली हैं और उनके जाटलैंड के ही किसी सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा है.

इसी तरह ओलंपिक मेडल विजेता बजरंग पुनिया के भी जाटलैंड से ही लड़ने की चर्चा है. बजरंग और विनेश ने हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी.

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