Political – इमरान खान की रणनीति जम्मू-कश्मीर चुनाव में आजमा रही जमात-ए इस्लामी?- #INA

जमात-ए-इस्लामी पर बैन लगा हुआ है.

फरवरी 2024. पड़ोसी देश पाकिस्तान में आम चुनाव की घोषणा हुई. वहां पर इमरान खान की पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया गया. सत्ता में आने के लिए जेल में बंद इमरान ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए. इमरान का प्रयोग सफल तो नहीं हुआ, लेकिन कई जगहों पर इमरान समर्थित उम्मीदवार निर्दलीय जीत गए.

इस चुनाव के 7 महीने बाद अब भारत के जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं. घाटी में भी इमरान खान की पार्टी की तरह जमात-ए-इस्लामी पर बैन लगा हुआ है. जमात-ए-इस्लामी ने सत्ता में आने के लिए इमरान का ही मॉडल अपनाने का फैसला किया है. संगठन ने उन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है, जहां पर उसकी पकड़ मजबूत है.

जम्मू-कश्मीर की 90 सीटों पर 3 चरणों में विधानसभा के चुनाव होने हैं. यहां जीत के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन के लिए कम से कम 46 सीटों की जरूरत है.

पाकिस्तान में इमरान खान का प्रयोग

फरवरी 2024 में पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने चुनाव की घोषणा की. चुनाव से पहले इमरान की पार्टी पीटीआई पर प्रतिबंध लगा दिया गया. खान खुद तोशाखाना मामले में जेल में बंद थे. ऐसे में उनकी पार्टी ने निर्दलीय उम्मीदवार उतारने का फैसला किया.

पीटीआई की तरफ से हर सीट पर एक-एक निर्दलीय कैंडिडेट उतारे गए. इन उम्मीदवारों के बारे में पार्टी के ट्विटर हैंडल से लोगों को जानकारी दी गई. पार्टी की तरफ से केस लड़ रहे वकील इन नेताओं का पर्चा दाखिल करवाया.

चुनाव में इमरान की यह रणनीति कारगर रही और 336 सीटों वाली नेशनल असेंबली में इमरान समर्थित 93 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीतने में कामयाब रहे. हालांकि, इमरान खान इन सांसदों के बूते सरकार नहीं बना पाए.

इमरान खान की पार्टी का कहना था कि अगर निर्दलीय उम्मीदवारों पर दबाव नहीं बनाया जाता तो हम सरकार बना सकते थे.

जमात-ए-इस्लामी कश्मीर संगठन क्या है?

जमात-ए-इस्लामी कश्मीर को जेआईजेके नाम से भी जाना जाता है. 1953 में इसकी स्थापना मौलाना अहरार और गुलाम रसूल अब्दुल्ला ने की थी. यह संगठन शुरुआत से ही कश्मीर को अलग देश बनाने की मांग करता रहा है. 1990 के दशक में इस संगठन पर कश्मीरी पंडितों को लेकर कट्टर रूख अपनाने का आरोप लगा.

2019 में जम्मू-कश्मीर के इस संगठन पर यूएपीए कानून के तहत बैन लगाया गया था. आरोप था कि संगठन के लोग जम्मू-कश्मीर के लोगों को उकसा रहे हैं. 2024 में इसे प्रतिबंध को 5 साल के लिए और बढ़ा दिया है. बैन से पहले तक अब्दुल हमीज फयाज इस संगठन के अध्यक्ष थे.

संगठन पर बैन लगाते हुए गृह मंत्रालय ने कहा था- ये संगठन जम्मू और कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकवाद और भारत विरोधी प्रचार को बढ़ावा देने में लगातार शामिल है, जो भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता के लिए हानिकारक है. बैन लगने की वजह से यह संगठन चुनाव में नहीं उतर सकता है.

निर्दलीय उतारकर खेल करने की रणनीति?

पार्टी पर बैन लगने के बाद जमात-ए-इस्लामी ने चुनाव लड़ने के लिए नई रणनीति तैयार किया है. पार्टी नेताओं के मुताबिक गुलाम अहमद वानी के नेतृत्व में निर्दलीय उम्मीदवारों के सहयोग से जमात-ए-इस्लामी मैदान में उतरेगी.

जमात-ए-इस्लामी मुख्य रूप से घाटी की 47 सीटों पर फोकस कर रही है. घाटी में जमात-ए-इस्लामी कश्मीर का दबदबा है. जिन इलाकों में संगठन मजबूती से चुनाव लड़ने की तैयारी में है, उनमें कश्मीर के कुलगाम, पुलवामा, देवसर और जैनापोरा है.

घाटी में 10 साल बाद विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं और यहां इस बार कई संगठन शक्ति प्रदर्शन करने में जुटे हैं.

जम्मू-कश्मीर में त्रिशंकु रहती है विधानसभा

2002 के बाद जम्मू-कश्मीर में जब-जब विधानसभा के चुनाव हुए हैं, तब-तब किसी भी पार्टी को पूर्ण रूप से बहुमत नहीं मिला. त्रिशंकु विधानसभा होने की वजह से 2002 में पीडीपी और कांग्रेस, 2008 में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस और 2014 में पीडीपी और बीजेपी ने मिलकर सरकार बनाई थी.

पुराने ट्रैक रिकॉर्ड की वजह से भी घाटी में इस बार कई पार्टियां किंग के बदले किंगमेकर बनने की कोशिशों में जुटी है.

Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link

Back to top button