Political – Julana Assembly Constituency: हरियाणा की जिस सीट से लड़ने जा रहीं विनेश फोगाट, वहां कैसा रहा है कांग्रेस का प्रदर्शन?- #INA
जुलाना सीट से कांग्रेस प्रत्याशी विनेश फोगाट
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए जमकर प्रचार किया जा रहा है और मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए राजनीतिक पार्टियां एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं. इस बीच कांग्रेस ने अपने 32 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी. ये लिस्ट कई बैठकों के बाद जारी की गई है. पार्टी ने हरियाणा में अपने मौजूदा 28 विधायकों पर भरोसा जताया है और उन्हें दोबारा से चुनावी मैदान में उतारा है. दिलचस्प बात है कि शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल हुईं पहलवान विनेश फोगाट को भी चुनावी दंगल में उतार दिया गया है. उन्हें उनकी ससुराल जुलाना से टिकट मिला है.
कुश्ती की चैंपियन विनेश फोगाट की राजनीति में विधिवत एंट्री हो गई. हरियाणा में उम्मीदवारों के ऐलान से ठीक पहले उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामा. पार्टी में शामिल होने से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी और फिर कल मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात हुई. दरअसल, विनेश फोगाट के नाम की चर्चा इस वजह से भी जोरों पर है क्योंकि महिला पहलवानों की ओर से बीजेपी नेता व भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए थे. इन आरोपों को लेकर महिला पहलवानों ने दिल्ली में धरना भी दिया था. इस धरने में विनेश फोगाट भी शामिल थीं.
साख संवारने की कोशिश में कांग्रेस
जिस जुलाना सीट से कांग्रेस ने विनेश फोगाट को टिकट दिया है उस सीट पर पार्टी लंबे समय से जीत का इंतजार कर रही है, लेकिन उसे सफलता हाथ नहीं लग रही है. इस सीट पर आखिरी बार कांग्रेस 2005 में जीती थी, जिसके बाद से उसकी हालत पतली होती गई. स्थिति यहां तक पहुंच गई कि पिछले चुनाव 2019 में उसे मात्र 12440 वोट मिले थे. पार्टी की गिरती साख को संवारने के लिए इस बार बड़ा दांव खेला गया है. विनेश फोगाट का मुकाबला मौजूदा जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के विधायक अमरजीत ढांडा से होगा. इस सीट पर असल लड़ाई तीन पार्टियों के बीच देखने को मिलेगी, जिसमें जेजेपी, बीजेपी और कांग्रेस शामिल हैं.
जुलाना सीट पर कांग्रेस कितनी बार जीती?
जुलाना विधानसभा सीट पर 1967 में पहली बार विधानसभा चुनाव कराया गया था, जिसमें कांग्रेस का खाता खुला था, लेकिन पार्टी जीत को बरकरार नहीं रख सकी और उसे 1968 में स्वतंत्र पार्टी के नरायण सिंह ने हरा दिया. कांग्रेस ने 1972 में फिर से वापसी की, लेकिन 1977 में फिर से सीट गंवा दी. जनता पार्टी ने जीत हासिल की. इसके बाद 1982 और 1987 में लोकदल, 1991 में जनता पार्टी और 1996 में हरियाणा विकास पार्टी ने जीत दर्ज की. लंबे समय बाद कांग्रेस की वापसी साल 2000 में हुई और उसने 2005 में भी सीट पर कब्जा जमाया. पार्टी लगातार दो बार जीतने में कामयाब रही, लेकिन इसके बाद से वह जीत का इंतजार कर रही है. कुल मिलाकर कांग्रेस ने चार बार यहां से जीत दर्ज की है. इस सीट पर 2009 और 2014 में इंडियन नेशनल लोक दल ने विजय प्राप्त की और 2019 में पहली बार जननायक जनता पार्टी ने विजय पताका फहराई.
क्या कहते हैं 2019 चुनाव के आंकड़े?
चुनाव आयोग के मुताबिक, साल 2019 के विधानसभा चुनाव में जुलाना सीट पर मतदाताओं की संख्या 173645 थी, जिसमें से 126375 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. इस सीट पर कुल वोटिंग 72.78 फीसदी हुई थी. यहां से जेजेपी ने अमरजीत ढांडा, बीजेपी ने परमिंदर सिंह ढुल और कांग्रेस ने धर्मेंद्र सिंह ढुल को उतारा था. जेजेपी को 61942, बीजेपी को 37749 और कांग्रेस को 12440 वोट मिले थे. अगर प्रतिशत की बात करें तो जेजेपी ने 49.01 फीसदी, बीजेपी ने 29.87 फीसदी और कांग्रेस ने 9.84 फीसदी वोट हासिल किए थे. जेजेपी के कांग्रेस की स्थिति बेहद खराब रही थी. वह तीसरे नंबर की पार्टी थी. मुख्य मुकाबला जेजेपी और कांग्रेस के बीच में हुआ था. यही वजह है कि पार्टी ने इस बार प्रत्याशी बदल दिया है और विनेश फोगाट के जरिए जीत की पटकथा लिखने की कोशिश की है.
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