Political – अफजल गुरु की फांसी पर उमर अब्दुल्ला के बयान से क्या होगा? जानिए कैसे बैकफुट पर आई कांग्रेस- #INA
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला की ओर से अफजल गुरु पर दिए गए बयान के बाद सियासी हंगामा खड़ा हो गया है. सवाल यह भी उठ रहा है कि उमर अब्दुल्ला के बयान से क्या होगा? बीजेपी सक्रिय हो गई तो कांग्रेस खामोश है. बीजेपी और कांग्रेस इस पर कैसे रिएक्ट कर रही है, इसे समझने से पहले एक बार उमर अब्दुल्ला का बयान भी जानना जरूरी है.
दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि उमर अब्दुल्ला का बयान सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती है. अफजल को फांसी इसलिए दी गई क्योंकि उसने संसद पर हमले की योजना बनाई थी. आतंकी संसद में घुसने में तो कामयाब नहीं हो पाए लेकिन हमारे करीब एक दर्जन सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई है. सुप्रीम कोर्ट को इस पर संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि ये लोग सीएम की कुर्सी पर भी रह चुके हैं और देश विरोधी बयान दे रहे हैं.
उमर अब्दुल्ला के बयान से क्या होगा?
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला की ओर से अफजल गुरु की फांसी पर दिए गए बयान से इस मुद्दे पर नई बहस शुरू हो गई है. इसमें सबसे पहले बीजेपी कूदी है. दूसरी ओर नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही कांग्रेस के लिए जवाब देना मुश्किल होगा. इसलिए क्योंकि अफजल गुरु को कांग्रेस के शासन में ही फांसी हुई थी.
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बोले- सियासी जमीन बचाने की कोशिश
जम्मू-कश्मीर बीजेपी अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस अपनी सियासी जमीन बचाने के लिए इस तरह की बयान बाजी कर रही है. बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि वो इस मसले पर स्वत: संज्ञान ले. उमर अब्दुल्ला कट्टरवादी सोच वालों के वोट चाहते हैं.
विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग से ठीक पहले संसद हमले के दोषी अफजल गुरु पर दांव लगाया जा रहा है. आतंकियों से प्रचार कराने का आरोप झेल रहे नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने चुनाव प्रचार में अफजल गुरु की एंट्री कराई है. उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर की सरकार का अफजल गुरु की फांसी से कुछ लेना-देना नहीं है. अगर ऐसा होता तो जम्मू कश्मीर सरकार से इजाजत ली जाती। मुझे नहीं लगता कि अफजल गुरु को फांसी देने से हमारा कोई मकसद हल हुआ.
फांसी की सजा पर नई बहस
उमर अब्दुल्ला के इस बयान से नया राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है. उमर अब्दुल्ला के इस बयान से जम्मू-कश्मीर में उन्हें कितना राजनीतिक फायदा होगा और कितना नुकसान ये चुनाव में तय होगा, लेकिन इस बयान से उन्होंने एक तरफ फांसी की सजा पर नई बहस भी छेड़ दी. दूसरी तरफ कांग्रेस के लिए भी मुश्किल खड़ी कर दी. कांग्रेस के लिए इसलिए मुश्किल खड़ी हो गई, क्योंकि अफजल गुरु को कांग्रेस के शासन काल में ही फांसी हुई थी.
पूरे मुद्दे पर कांग्रेस की चुप्पी
अब कांग्रेस इस पर कुछ भी नहीं बोलना चाहती है. जबकि बीजेपी कांग्रेस से पूछ रही है क्या वो उमर अब्दुल्ला के बयान से सहमत है. वैसे बीजेपी पहले से ही कांग्रेस पर हमला कर रही है और पूछ रही है कि क्या वो नेशनल कॉन्फ्रेंस के जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की वापस वाले एलान से सहमत है? और अब अफजल पर उमर अब्दुल्ला का नया बयान कांग्रेस को थोड़ा परेशान कर सकता है.
(टीवी9 ब्यूरो रिपोर्ट)
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