Political – J&K चुनाव पहला चरणः घाटी की आधी सीटों से BJP गायब, दो तिहाई सीट बगैर आधी आबादी के- #INA

जम्मू कश्मीर चुनावः पहला चरण

जम्मू कश्मीर में अगले हफ्ते आज ही के दिन, बुधवार को पहले चरण के वोट डाले जाएंगे. इस दिन जम्मू डिवीजन की 8 और कश्मीर की 16 सीटों समेत कुल 24 सीटों पर वोटिंग होगी. ये सीटें 7 जिलों में फैली हुई हैं. सबसे ज्यादा 7 अनंतनाग में और सबसे कम 2-2 सीटें शोपियां और रामबान की हैं. इनके अलावा, पुलवामा की 4, कुलगाम, किश्तवाड़ और डोडा की सभी 3-3 सीटों पर वोट पड़ेंगे. डोडा, रामबान और किश्तवाड़ जिले जम्मू संभाग में तो अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां कश्मीर डिवीजन में आते हैं.

इन 24 सीटों के लिए 280 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया था. जिनमें 36 के नामांकन छंटनी के बाद ही खारिज हो गए. 25 लोगों ने नामांकन वापस ले लिया. और इस तरह 219 कैंडिडेट्स बच गए. जो 18 तारीख को अपनी पार्टी या खुद का परचम लहराने के लिए आमने-सामने होंगे. पिछले विधानसभा चुनाव ही की तरह इस बार भी एक सीट पर औसतन 9 कैंडिडेट्स के बीच मुकाबला हो रहा है. सबसे ज्यादा 14 उम्मीदवार पंपोर सीट पर खड़े हुए हैं जबकि सबसे कम 3 कैंडिडेट्स श्रीगुफवारा-बिजबेहरा की सीट पर हैं.

बिजबेहरा मुफ्ती परिवार का गढ़ रहा है. यहीं से पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती चुनाव लड़ रही हैं. इस चरण में महिलाओं का प्रतिनिधित्व किस तरह का है और अनुच्छेद 370 के बाद कश्मीर की शांति और तरक्की की बात करने वाली भाजपा किन सीटों पर चुनाव लड़ रही है, यह जानना काफी दिलचस्प है.

पहले चरण के हवाले से 5 जरुरी बातें –

1. घाटी की आधी सीटों पर BJP नदारद

लोकसभा चुनाव की ही तरह विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी राज्य की कई सीटों पर चुनाव लड़ती नहीं दिख रही. भाजपा पहले दौर की 24 में से एक तिहाई सीटों पर पूरी तरह चुनावी मुहिम से गायब है.

ये सभी 8 सीटें – डीएच पोरा, कुलगाम, देवसर, दोरू, त्राल, पुलवामा, जैनापोरा और पहलगाम कश्मीर डिवीजन की हैं. बीजेपी के इन सीटों से चुनाव न लड़ने की एक वजह कमजोर संगठन या फिर पार्टी का सीधे तौर पर अपना भविष्य उज्जवल न नजर आना हो सकता है.

2. PDP जम्मू की 2 सीटों से गायब

महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी भी बीजेपी ही की तरह अकेले चुनावी मैदान में है. पीडीपी पहले चरण की 24 में से 22 सीट पर चुनाव लड़ रही है. जिनमें कश्मीर की सभी 16 सीटें शामिल हैं. जम्मू की दो सीट (भदरवाह और रामबन) पर पीडीपी ने अपने कैंडिडेट्स नहीं खड़े किए हैं.

3. NC-कांग्रेस 4 सीट पर आमने सामने

कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस साथ लड़ रहे हैं. पर कुछ जगहों पर वो एक दूसरे के खिलाफ भी हैं. इसे फ्रेंडली फाइट (दोस्ताना मुकाबला) कहा जा रहा. पहले चरण में ऐसी कुल 4 सीटें (डोडा, बनिहाल, भदरवाह और देवसर) हैं जहां ये दोनों मदद के बजाय एक दूसरे की वोट काटते दिखेंगे. नेशनल कांफ्रेंंस ने 18 और कांग्रेस ने 9 सीटों पर प्रत्याशी उतारा है.

4. 15 सीटों पर महिला कैंडिडेट ही नहीं

219 उम्मीदवारों में से केवल 9 कैंडिडेट महिलाएं हैं. जो कुल प्रत्याशियों का महज 4 फीसदी बनता है. कोई ऐसी सीट नहीं जहां दो महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हों. इसे यूं भी समझा जाए कि जो 9 महिलाएं इस चरण में चुनाव लड़ रहीं, वह अलग-अलग सीटों पर केंडिडेट हैं.इस तरह, 15 सीटें ऐसी हैं जहां एक भी महिला उम्मीदवार नहीं.

प्रमुख पार्टियों में भाजपा ने किश्तवाड़ से शगुन परिहार को, पीडीपी ने श्रीगुफवारा-बिजबेहारा से इल्तिजा मुफ्ती को और नेशनल कांफ्रेंस ने डीएच पोरा से सकीना मसूद और पैडर-नागसेनी से पूजा ठाकुर को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, कांग्रेस ने इस चरण में एक भी महिला को टिकट नहीं दिया है.

5. ADR: संपत्ति, मुकदमे, डिग्री और उम्र

और आखिर में कुछ बातें एडीआर यानी चुनावी पारदर्शिता को लेकर काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के हवाले से. जो इन 219 उम्मीदवारों की संपत्ति, आपराधिक मुकदमे और उम्र से जुड़ी हुई हैं.

पहला –चुनाव लड़ रहे करीब आधे उम्मीदवारों की संपत्ति 1 करोड़ से ऊपर है. पहले चरण के उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3 करोड़ है.

पीडीपी के उम्मीदवारों की औसत संपत्ति सबसे अधिक 7.93 करोड़, एनसी की 5.87 करोड़, बीजेपी की 4.47 करोड़ और कांग्रेस की 4.35 करोड़ है.

पहले चरण में सबसे अधिक संपत्ति वाले कैंडिडेट पीडीपी के अब्दुल गफ्फार सोफी हैं जो अनंतनाग पश्चिम से चुनाव लड़ रहे हैं. इनकी कुल घोषित संपत्ति 66 करोड़ रुपये की है.

दूसरा – पहले चरण में चुनाव लड़ रहे कुल 16 फीसदी उम्मीदवारों ने खुद से जुड़े आपराधिक मुकदमों का ब्योरा शपथ पत्र में दिया है. 11 फीसदी उम्मीदवार (जिनकी संख्या 25 है) पर गंभीर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं. 4 उम्मीदवारों पर कत्ल की कोशिश के मामलात हैं. दो पर महिलाओं के खिलाफ अपराध, जिनमें 1 केस बलात्कार का है.

तीसरा – करीब आधे उम्मीदवार, ठीक-ठीक कहा जाए तो 108 (49 फीसदी) ऐसे हैं जिनके पास ग्रेजुएशन या उससे ऊपर की डिग्री है. 5 डिप्लोमा धारी हैं तो 3 उम्मीदवारों ने अपने एफिडेविट में खुद को अनपढ़ बताया है.

चौथा – 70 उम्मीदवार 25 से 40 बरस की उम्र वाले दायरे में हैं. वहीं 108 कैंडिडेट्स 41-60 बरस और 41 उम्मीदवार 61 से 80 साल की आयु के बीच के हैं.

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