Political – J-K में सरकार बना सकती है बीजेपी…उमर अब्दुल्ला के इस बयान के मायने समझिए- #INA

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि बीजेपी जम्मू कश्मीर में सरकार बना सकती है. ये कैसे होगा, उमर ने इसकी वजह भी बताई. उन्होंने कहा कि अगर कश्मीर घाटी में वोटों का बंटवारा होता है तो बीजेपी सत्ता पर काबिज हो सकती है. कुपवाड़ा में पत्रकारों ने उमर से सवाल किया था कि बीजेपी दावा करती है कि वो सरकार बनाएगी. इसपर एनसी नेता ने कहा कि अगर कश्मीर में लोग अपने वोटों का बंटवारा होने देते हैं तो बीजेपी सरकार बना सकती है. वोटों के बंटवारे से बचने के लिए लोगों को समझदारी से वोट करना चाहिए.

वोट बंटने का डर सिर्फ उमर अब्बुदल्ला को ही नहीं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को भी सता रहा है. महबूबा ने कहा था कि कश्मीर घाटी में वोट बंट सकते हैं. इसकी वजह उन्होंने इंजीनियर राशिद बताई. महबूबा ने इंजीनियर राशिद को बीजेपी की प्रॉक्सी बताया. उन्होंने कहा कि राशिद की वजह से कश्मीर में वोटों का बंटवारा हो सकता है.

उमर ने क्यों दिया ये बयान?

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद चुनाव हो रहे हैं. सत्ता में आने के लिए पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है. इस चुनाव से दोनों पार्टियों का सियासी भविष्य तय होगा. लेकिन वोटिंग से पहले उन्हें कश्मीर घाटी में वोटों के बंटने का डर सता रहा है. कश्मीर क्षेत्र में विधानसभा की 47 सीटें आती हैं. इसे पीडीपी और एनसी का गढ़ कहा जाता है. एनसी-पीडीपी के गढ़ में सेंध लगाने का प्लान AIP के नेता इंजीनियर राशिद ने तैयार किया है.

ये भी पढ़ें

अंतरिम जमानत पर बाहर आए इंजीनियर राशिद ने कश्मीर क्षेत्र की 20 सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा है. राशिद का फोकस युवा वोटर्स पर हैं. उनकी पार्टी के मेनिफेस्टो में छात्रों के लिए फ्री लैपटॉप है. राजनीतिक कैदियों की रिहाई का भी उन्होंने वादा किया है. राशिद लोकसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला को हराने वाला नेता है. उन्होंने बारामूला में ये कारनामा किया. राशिद 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीते थे.

वोटों के गणित में उलझे?

दिल्ली की तिहाड़ जेल में रहते उन्हें चुनाव जीता. राशिद 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत पर रहेंगे और चुनाव में प्रचार कर सकेंगे. ऐसे में राशिद की रिहाई उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को वोटों के गणित में उलझा सकती है. दोनों ने ही राशिद की रिहाई पर सवाल उठाए हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी को इंजीनियर राशिद की अंतरिम जमानत में चुनावी गेम दिख रहा है. दोनों का कहना है कि बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए इंजीनियर राशिद को अंतरिम जमानत मिली है.

इंजीनियर राशिद की पार्टी अगर अपने टारगेट के आसपास भी पहुंचती है तो एनसी और पीडीपी के सत्ता हासिल करने के सपने पर पानी फेर जाएगा. 2014 के विधानसभा चुनाव के आंकड़े पर नजर डालें तो कश्मीर घाटी में पीडीपी के खाते में 25 और एनसी के खाते में 12 सीटें आई थीं. कांग्रेस को 4 सीटों पर जीत मिली थी. अन्य के खाते में 5 सीटें गई थीं.

जम्मू में बीजेपी है मजबूत?

दूसरी ओर जम्मू क्षेत्र की सभी 43 सीटों पर लड़ रही है. बीजेपी ने यहां की 37 सीटों पर जीत दर्ज करने का टारगेट रखा है. ये वो क्षेत्र जिसे बीजेपी का गढ़ माना जाता है. परिसीमन के बाद यहां पर 6 सीटें बढ़ी हैं, जिसका फायदा बीजेपी को होने की उम्मीद जताई जा रही है. जम्मू विधानसभा सीटों का अनुपात 42.5 प्रतिशत से बढ़कर 47.8 प्रतिशत हो गया है. वहीं, कश्मीर में 52.9 फीसदी से घटकर 52.2 फीसदी पर आ गया है. इससे केंद्र शासित प्रदेश में बीजेपी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.

जम्मू को हिंदू-बहुल क्षेत्र माना जाता है. डोडा, पुंछ, राजौरी, किश्तवाड़ और रामबन में मुस्लिमों की आबादी ज्यादा है. पुरानी विधानसभा में इन जिलों में 13 सीटें थीं. शेष 24 हिंदू-बहुल जम्मू में थीं. जम्मू की छह नई सीटों में से तीन-तीन सीटें मुस्लिम और हिंदू बहुल इलाकों में हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी का न केवल घाटी बल्कि मुस्लिम बहुल जम्मू सीटों पर भी प्रभाव है. दूसरी ओर कश्मीर घाटी में बीजेपी का प्रभाव बहुत कम या शून्य है. हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में बीजेपी ने जम्मू के दोनों हिंदू और मुस्लिम जिलों में अपने प्रदर्शन में सुधार किया है.

चुनाव के बाद ऐसा हुआ तो…

बीजेपी जम्मू की सभी 43 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. घाटी में उसका प्रभाव कम है. इसे देखते हुए पार्टी को अपने दम पर बहुमत मिलना ना के बराबर है. हालांकि त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में वो सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है और फिर छोटी पार्टियों और निर्दलीयों की मदद से सरकार बनाने की संभावनाएं तलाशेगी, जैसा कि उसने 2014 में देखा गया था. 2024 के आम चुनावों में एनसी-कांग्रेस गठबंधन ने 41 सीटों (एनसी 34, कांग्रेस सात), बीजेपी ने 29, पीडीपी ने पांच, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (सज्जाद लोन की पार्टी, बीजेपी की सहयोगी) ने एक सीट पर बढ़त बनाई थी, जबकि इंजीनियर राशिद की पार्टी ने 14 सीटों पर बढ़त बनाई थी.

Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link

Back to top button