Political – हरियाणा: अशोक तंवर की कांग्रेस में वापसी से हुड्डा या सैलजा, किसके हाथ होंगे मजबूत?- #INA

तंवर की कांग्रेस में वापसी से हुड्डा या सैलजा, किसके हाथ होंगे मजबूत?

हरियाणा में मतदान से 2 दिन पहले एक नाटकीय घटनाक्रम में बीजेपी के कद्दावर दलित नेता अशोक तंवर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. तंवर पहले भी कांग्रेस में रहे हैं. हालांकि, अशोक तंवर की नई ज्वॉइनिंग ज्यादा सुर्खियों में है. वजह तंवर की एंट्री से कांग्रेस के कई क्षेत्रीय क्षत्रपों का सियासी गुणा-गणित बिगड़ना है.

एनएसयूआई के जरिए राजनीति में आने वाले अशोक तंवर का सियासी जनाधार हरियाणा के सिरसा में है. तंवर यहां से सांसद भी रहे हैं. सिरसा में विधानसभा की कुल 9 सीटें हैं. तंवर हरियाणा में कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वे दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.

हरियाणा में दलितों की आबादी करीब 20 फीसदी है. विधानसभा की 90 में से 17 सीटें आरक्षित हैं.

सैलजा और हुड्डा के धुर-विरोधी रहे हैं तंवर

2014 में कांग्रेस ने जैसे ही अशोक तंवर को हरियाणा कांग्रेस का प्रधान बनाकर चंडीगढ़ भेजा, वैसे ही भूपिंदर सिंह हुड्डा और सैलजा गुट ने तंवर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. तंवर के अध्यक्ष रहते 2016 के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार की हार हो गई.

तंवर हरियाणा में करीब 5 साल कांग्रेस के अध्यक्ष रहे, लेकिन खुद की टीम नहीं बना पाए. 2019 में हुड्डा और सैलजा गुट ने मिलकर तंवर की कुर्सी छीन ली. कांग्रेस ने तंवर की जगह सैलजा को प्रदेश अध्यक्ष और भूपिंदर सिंह हुड्डा को कैंपेन कमेटी का चेयरमैन बनाया.

इससे नाराज अशोक तंवर पार्टी छोड़ गए. कांग्रेस छोड़ते वक्त उन्होंने भूपिंदर सिंह हुड्डा पर खूब निशाना साधा. तंवर का आरोप था कि हुड्डा हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी को बढ़ावा देते हैं.

तंवर की वापसी से किसे फायदा, किसे नुकसान?

5 साल बाद अशोक तंवर ने कांग्रेस में वापसी कर ली. तंवर की वापसी हरियाणा में मतदान से एक दिन पहले हुई है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि तंवर की वापसी से किसे नुकसान और किसे फायदा होगा? वर्तमान में हरियाणा में 2 गुट (भूपिंदर हुड्डा और कुमारी सैलजा- रणदीप सुरजेवाला) सबसे ज्यादा मजबूत हैं.

हुड्डा गुट को नुकसान या फायदा?- अशोक तंवर जब राहुल गांधी के साथ कांग्रेस में शामिल हो रहे थे, तब मंच पर हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा भी थे. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें हुड्डा तंवर को तिरछी नजर से देख रहे हैं.

अंकगणित के लिहाज से हुड्डा को सियासी तौर पर कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन कहा जा रहा है कि अशोक तंवर के आने से हरियाणा कांग्रेस के भीतर उनका पावर जरूर बैलेंस होगा. वर्तमान में हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा गुट सबसे ज्यादा प्रभावी है.

हालांकि, अशोक तंवर के आने से हुड्डा को एक फायदा भी है. सैलजा अब ज्यादा पॉलिटिकल प्रेशर उनके गुट पर नहीं बना पाएंगी. वहीं अशोक तंवर को हुड्डा साध लेते हैं तो आने वक्त में उनके जाट और दलित समीकरण को भेदना भी किसी के लिए आसान नहीं होगा.

सैलजा का हाथ होगा मजबूत?- अशोक तंवर उसी सिरसा से चुनाव लड़ते हैं, जहां से अभी कुमारी सैलजा सांसद हैं. 2024 के चुनाव में सैलजा ने तंवर को ही पटखनी दी थी. तंवर की एंट्री से सैलजा अब संख्या को लेकर ज्यादा बार्गेनिंग नहीं कर पाएंगी. हाल ही में यह खबर आई थी कि समर्थकों को कम टिकट दिए जाने से सैलजा नाराज चल रही हैं.

तंवर के आने से अब सिरसा की राजनीति कौन करेगा, यह भी सवाल उठेगा. हालांकि, सैलजा को एक फायदा भी होगा. तंवर के आने से कांग्रेस में दलितों की हिस्सेदारी बढ़ सकती है. अभी तक ज्यादा संख्या होने के बावजूद कांग्रेस के भीतर जाटों के मुकाबले दलित पीछे है.

तंवर की ज्वॉइनिंग पर क्या कह रही कांग्रेस?

हरियाणा चुनाव में कांग्रेस के मीडिया प्रभारी आलोक शर्मा के मुताबिक अशोक तंवर दलित के बड़े नेता हैं और उनके पार्टी में आने से एक संदेश गया है. तंवर को लेकर पार्टी में कोई खींचातानी नहीं होगी. भविष्य में किसे क्या जिम्मेदारी मिलेगी, यह पार्टी हाईकमान को तय करना है.

शर्मा आगे कहते हैं- सैलजा वरिष्ठ नेता हैं. सिरसा में कोई टकराव नहीं होगा. हम एकजुट होकर हरियाणा में बीजेपी को मात देने जा रहे हैं और सभी वर्गों की सरकार बनने जा रही है. तंवर की ज्वॉइनिंग में सभी बड़े नेताओं की सहमति है.

वहीं, कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयमरैन पवन खेड़ा ने तंवर की ज्वॉइनिंग पर मनोहर लाल खट्टर पर तंज कसा है. खेड़ा ने कहा है कि खट्टर हमारे नेता को बीजेपी ज्वॉइन करवा रहे थे, उधर उन्हीं के नेता पार्टी छोड़ रहे हैं.

Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link

Back to top button