Political – हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम 2024: क्या कमलनाथ की गलती हरियाणा में दोहरा बैठे भूपेंद्र हुड्डा?- #INA

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को एक बार फिर से करारी हार झेलनी पड़ी है

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है. जीत की उम्मीद में बैठी कांग्रेस एक बार फिर से सत्ता से दूर चली गई है. चुनाव में बीजेपी पहले से और मजबूत होकर सत्ता तक पहुंचने में सफल रही है जबकि कांग्रेस को 37 सीटों पर संतोष करना पड़ा है. हरियाणा में कांग्रेस का हाल कुछ वैसा ही हुआ है जैसे पिछले साल के आखिरी में मध्य प्रदेश में हुआ था. तब मध्य प्रदेश के चुनाव में पूर्व सीएम कमलनाथ की खूब चली थी, लेकिन वो कांग्रेस को जीत नहीं दिला पाए थे, अब हरियाणा में हुड्डा की खूब चली पर जीत नसीब नहीं हुई.

चुनाव नतीजों में बीजेपी को 48 सीट पर जीत मिली है. मतलब पूर्ण बहुमत के साथ वो सरकार बनाने जा रही है. हरियाणा में कांग्रेस की जो स्थिति हुई है उसके लिए पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जिम्मेदार माना जा रहा है. इसलिए क्योंकि टिकट बंटवारे से लेकर हाईकमान के हर फैसलों में हुड्डा की रणनीति झलक रही थी. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ही 25 विधायकों को रिपीट कराया था. इसके अलावा हरियाणा में वो कांग्रेस की जगह खुद को मजबूत करते हुए नजर आए थे. इसका असर ये हुआ कि हुड्डा अपनी सीट तो जीत गए, लेकिन कांग्रेस पार्टी की नैया डुबो दी.

कमलनाथ की गलती को हुड्डा ने दोहराया

हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा खुद को वन मैन आर्मी मानकर चल रहे थे. कमलनाथ की ही तरह हुड्डा की भी कांग्रेस हाईकमान से नजदीकी किसी से छिपी नहीं है. 2023 के चुनाव में जिस तरह से कमलनाथ पार्टी हाईकमान की बात को एक तरफ रखते हुए अकेले मैदान में उतरने का फैसला किया था ठीक उसी तरह हुड्डा ने भी किया. मध्य प्रदेश के चुनाव में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन कमलनाथ की वजह से बात नहीं बन पाई. कमलनाथ जीत को लेकर इतना ज्यादा उत्साहित थे कि मीडिया ने जब उनसे अखिलेश यादव को लेकर सवाल किया था तो उन्होंने कहा था छोड़िए अखिलेश, वखिलेश को.

नतीजे ये हुआ था कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस अकेले चुनाव मैदान में उतरी और बीजेपी के हाथों उसे करारी हार झेलनी पड़ी. नतीजा ये हुआ कि बीजेपी 230 सीटों वाले विधानसभा में बीजेपी 163 सीट जीत गई और कांग्रेस 66 सीटों पर ही अटकी रह गई. चुनाव में बीजेपी की दमदार तरीके से वापसी हुई और पहले से और मजबूत होकर सरकार में लौटी. ठीक ऐसा ही कुछ हरियाणा में भी देखने को मिला है.

AAP और सपा से गठबंधन हुआ तो नतीजे कुछ और होते

हरियाणा में कांग्रेस के सामने आम आदमी पार्टी और कुछ अन्य दलों के साथ गठबंधन का पूरा मौका था. आम आदमी पार्टी ने तो बात भी शुरू की थी, लेकिन जीत को लेकर अति उत्साह में रही कांग्रेस ने अकेले मैदान में उतरने का फैसला किया. आम आदमी पार्टी हरियाणा की 90 में से 10 सीटों की मांग की थी. वहीं, सपा भी 2-3 सीट चाह रही थी. नतीजा ये हुआ कि पार्टी को एक बार फिर से करारी हार झेलनी पड़ी. चुनावी नतीजों का आकलन किया जाए तो अगर कांग्रेस-AAP एक साथ मैदान में उतरी होती तो परिणाम कुछ और होते. इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में यह देखने को भी मिला था. हरियाणा में आम आदमी पार्टी का वोट शेयर 1.79 रहा है. अगर कांग्रेस से आप का गठबंधन हुआ होता तो वोटों का जो बिखराव हुआ वो नहीं होता. इसी वोटों के बिखराव का फायदा सीधे तौर पर बीजेपी को मिला.

लोकसभा चुनाव से लेनी चाहिए थी सीख

लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों इंडिया गठबंधन का हिस्सा थी. हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने 9 सीटों पर चुनाव लड़ा था जबकि 1 सीट पर आम आदमी पार्टी मैदान में थी. चुनाव में कांग्रेस 5 सीट जीतने में सफल रही. बीजेपी को पांच सीटों का नुकसान उठाना पड़ा. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर कांग्रेस हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी गठबंधन कर लेती तो शायद जीत का स्वाद चख लेती.

बीजेपी साइलेंट और फ्लोटिंग वोटरों को रिझाने में सफल रही

हरियाणा के वोटरों में एक बड़ा साइलेंट वर्ग था जो कांग्रेस और खासकर भूपेंद्र हुड्डा की वापसी नहीं चाहता था. बीजेपी ने हुड्डा सरकार के दिनों की याद दिलाकर ऐसे साइलेंट और फ्लोटिंग वोटरों को रिझाने में सफलता हासिल की. इसके अलावा वंचित अनुसूचित जाति का वोट 14 फीसदी है, जिनको हरियाणा की बीजेपी सरकार ने DSC या का नाम दिया था, इनका अधिकतर वोट बीजेपी को पड़ा.

Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link

Back to top button