Political – मनोज जरांगे क्यों नहीं लड़ेंगे महाराष्ट्र चुनाव, कदम पीछे खींचने की वजह क्या?- #INA

मनोज जरांगे पाटिल

मराठा आरक्षण के लिए लगातार आंदोलन कर रहे मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने विधानसभा चुनाव से हटने का बड़ा फैसला किया है. जरांगे ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा करते हुए कहा कि एक जाति से जीतना संभव नहीं है क्योंकि लिस्ट ही नहीं आई है. हालांकि, अगर वे चुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं, तो क्या वे उम्मीदवार छोड़ देंगे? जरांगे ने इस संबंध में अपनी स्थिति भी स्पष्ट कर दी है. जरांगे ने चुनाव नहीं लड़ने के पीछे की वजह भी बताई है.

टीवी9 मराठी की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव से पीछे हटने की घोषणा करते हुए मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि मैं किसी के दबाव में पीछे नहीं हटा हूं. न तो मैं चुनाव में किसी को चुनने के लिए कहने जा रहा हूं. मैं किसी को खत्म नहीं करना चाहता, लेकिन अगर कोई मेरे आंदोलन से जुड़ेगा तो मैं कार्यक्रम करूंगा. जरांगे पाटिल ने कहा है कि मराठा समुदाय का आंदोलन जारी रहेगा. हर घर में मराठा हैं, चाहे वे चुनाव प्रक्रिया में हों या नहीं. हमारे पीछे हटना का तो सवाल ही नहीं है. ये आंदोलन जारी रहेगा थमने वाला नहीं है.

किसी का कोई समर्थन नहीं

जरांगे पाटिल ने कहा कि हम किसी का भी समर्थन नहीं करते हैं. हमारे सदस्यों को अपना अपना आवेदन वापस ले लेना चाहिए. चाहे महा विकास अघाड़ी हो या महायुति, दोनों पक्षों के नेता एक ही हैं. इनमें से कोई भी हमारा साथ नहीं देगा. हमें किसी के पक्ष में प्रचार भी नहीं करना है और न ही वोट को लेकर किसी प्रकार की कोई सभा करनी है. मेरे ऊपर किसी भी पार्टी का कोई दबाव नहीं था. मेरे पीछे हटने का तो कोई सवाल ही नहीं, मैं बस चुनाव से पीछे हटा हूं. उन्होंने कहा कि राजनीति की प्रक्रिया अलग है और आंदोलन अगल है. राजनीति में लोगों को घेरना पड़ता है.

जरांगे ने बताया, क्यों पीछे खींचा कदम?

मनोज जरांगे पाटिल ने विधानसभा से नाम वापस लेने की घोषणा करते हुए कहा कि मराठा समुदाय का उम्मीदवार एक जाति से नहीं चुना जा सकता, इसलिए एक जाति से लड़ना संभव नहीं है. पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम समुदाय के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया था. उन्होंने कहा कि हम एक जाति के आधार पर चुनाव नहीं लड़ सकते. मराठा समुदाय के उम्मीदवार को जाति के आधार पर नहीं चुनाव सकता है. किसी एक जाति के दम पर चुनाव जीतना आसान नहीं है.

’14 उम्मीदवारों की पहचान की थी लेकिन…’

जरांगे पाटिल ने कहा कि चुनाव को लेकर हमारी चर्चा सुबह 3 बजे तक चलती रही. हमने 14 उम्मीदवारों की पहचान की थी, हालांकि, अन्य समुदायों के उम्मीदवारों की सूची की घोषणा नहीं की गई थी. देर रात तक उनकी ओर से कोई सूची भी नहीं आई. सहयोगी दलों की ओर से भी प्रत्याशियों के नाम नहीं भेजे गए जिसकी वजह से उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई.

नामांकन वापसी के आखिरी दिन चुनाव से पीछे खींचा कदम

मनोज जरांगे पाटिल ने पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम समुदाय के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया था. इसके बाद उन्होंने ऐलान किया कि वह 14 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे, लेकिन नामांकन की आखिरी तारीख निकल जाने के बाद भी उनकी ओर से कोई घोषणा नहीं की गई. अब आखिर में आकर जरांगे पाटिल ने खुद चुनाव से पीछे हटने का फैसला किया है.

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