Political – बंटेंगे तो कटेंगे, मराठी गर्व और मिलेगा न्याय… महाराष्ट्र-झारखंड के चुनावी नारों में कितना दम?- #INA
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव
महाराष्ट्र में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के एक नारे से सियासी माहौल गरम है. हालात ऐसे हैं कि बेटेंगे तो कटेंगे नारे का विरोध खुद भाजपा के सहयेागी दलों में शामिल एनसीपी अजित पवार ने कर दिया है. अजित पवार ने कहा है कि ये नारे यूपी और झारखंड में चलते होंगे, महाराष्ट्र में नहीं चलेंगे. सिर्फ भाजपा ही बल्कि महाराष्ट्र और झारखंड के लिए अन्य दल भी चुनावी नारों के साथ मैदान में उतरे हैं, किसी ने सामाजिक न्याय और रोटी का नारा दिया है तो किसी ने चुनाव प्रचार को मराठी गर्व से जोड़ दिया है.
महाराष्ट्र में एक चरण में 20 नवंबर को और झारखंड में दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को वोट डाले जाने हैं. इसके लिए सभी दल चुनाव प्रचार में जुटे हैं. जनता के सामने अपने वादों को मजबूती से रखने के लिए ये दल चुनावी नारों का प्रयोग कर रहे हैं. इनमें सबसे चर्चित नारा इस समय बंटेंगे तो कटेंगे का है, जो महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिया है. इस नारे को लेकर सभी विपक्षी दल एक सुर में हमलावर हैं. आइए जानते हैं कि महाराष्ट्र और झारखंड में किस दल ने क्या चुनावी नारा दिया है?
महाराष्ट्र में राजनीतिक दलों ने ये दिए नारे
1- भाजपा: महाराष्ट्र में चुनाव में भाजपा का सबसे चर्चित नारा बंटेंगे तो कटेंगे हैं, जो यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘एक हैं तो सेफ हैं’ नारा दिया है. इन नारों के माध्यम से सत्ताधारी गठबंधन में शामिल बीजेपी विपक्ष पर विभाजनकारी नीतियों का आरोप लगाकर एकजुटता का संदेश दे रही है. खास बात ये है कि ये नारा भाजपा अपना मास्टरस्ट्रोक इसलिए मान रही हैं, क्योंकि इसी नारे की बदौलत पार्टी को हरियाणा चुनाव में जीत मिली थी.
2- कांग्रेस: महाराष्ट्र चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने बेरोजगारी और आर्थिक संकट जैसे मुद्दों को जोर देने के लिए ‘मिलेगा न्याय-मिलेगी रोटी’ का नारा दिया है. कांग्रेस ने महाराष्ट्र की सीमा से लगने वाले कर्नाटक राज्य में सामाजिक न्याय की गारंटी के सहारे की सरकार बनाने में कामयाबी पाई थी, अब यही उम्मीद पार्टी को महाराष्ट्र में भी है.
3- शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट): महाविकास अघाड़ी में शामिल शिवसेना उद्धव ठाकरे ने इस चुनाव को मराठी गर्व से जोड़ते हुए मराठी गर्व और वचननामा का नारा दिया है. इसके माध्यम से शिवसेना मराठी अस्मिता और क्षेत्रीय गर्व को प्रमोट कर रही है.
4- शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट): शिंदे गुट की ओर से फिर से एक नाथ शिंदे को सीएम बनाने का नारा दिया गया है. इसके माध्यम से शिवसेना शिंदे गुट सत्ता पक्ष के कामों को गिनाकर एक बार फिर महाराष्ट्र की सत्ता में काबिज होने का रोडमैप तैयार कर रही है, ताकि जनता से एक बार फिर शिंदे के नेतृत्व के लिए समर्थन जुटाया जा सके.
5- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट): एनसीपी अजित पवार की ओर इस चुनाव में ‘माझी लाडकी बहीण’ का नारा दिया गया है, इसके माध्यम से अजित पवार किसानों और महिलाओं के कल्याण पर फोकस रखने का वादा किया है.
झारखंड चुनाव में गूंज रहे ये मुद्दे
1- भाजपा: झारखंड में बीजेपी ने रोटी बेटी माटी का नारा दिया है. इसके माध्यम से रोजगार, सुरक्षा और भूमि संरक्षण का वादा किया गया है. यह नारा खुद पीएम मोदी ने दिया है.
2- झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM): झारखंड में जेएमएम ने आदिवासी अधिकार, स्थानीय रोजगार का नारा दिया है, इसके माध्यम से उन्होंने जल, जंगल, जमीन की सुरक्षा का वादा किया है.
3- कांग्रेस: झारखंड में कांग्रेस ने सामाजिक न्याय, रोजगार और महिला सुरक्षा का नारा दिया है.
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