Political – RSS का वो मास्टर प्लान जिसने महराष्ट्र में BJP को दिलाई बंपर जीत?- #INA
मोहन भागवत और देवेंद्र फडणवीस.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे बताते हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पास अब भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की चुनावी सफलता की कुंजी है. मतगणना के नए आंकड़ों के अनुसार, बीजेपी नीत महायुति गठबंधन ने राज्य की 288 विधानसभा सीट में से 230 सीटें जीती हैं, जबकि विपक्षी कांग्रेस- उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना और एनसीपी (एसपी) गठबंधन को सिर्फ 46 सीटें हासिल हुई हैं.
महाराष्ट्र में चुनावों से पहले, आरएसएस ने राज्य में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन के पक्ष में जनमत तैयार करने के लिए एक व्यापक संपर्क अभियान शुरू किया था. इस बाबत बीजेपी के वैचारिक मार्गदर्शन ने अपने सभी सहयोगी संगठनों के साथ समन्वय किया था.
छोटे समूह के साथ बैठकें
सूत्रों के अनुसार, योजना के तहत स्वयंसेवकों की छोटी-छोटी टोलियां गठित की गईं, जो राज्य के हर कोने में लोगों तक पहुंचीं. इनमें से प्रत्येक टोली ने पांच से 10 लोगों के छोटे समूह के साथ बैठकें कीं और अपने-अपने मोहल्लों में स्थानीय नेटवर्क के माध्यम से परिवारों से संपर्क कर उन्हें संदेश भी पहुंचाया.
सूत्र ने बताया कि इन टोलियों ने बीजेपी का स्पष्ट समर्थन किए बिना राष्ट्रीय हित, हिंदुत्व, सुशासन, विकास, लोक कल्याण और समाज से संबंधित विभिन्न स्थानीय मुद्दों पर चर्चा करके जनमत तैयार किया.
संघ से मांगी मदद
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल में कहा था कि उन्होंने लोकसभा चुनावों में राज्य में बीजेपी की सीट कम होने के बाद विधानसभा चुनावों में अराजकतावादियों और वोट जिहादियों से लड़ने के लिए संघ से मदद मांगी थी. महाराष्ट्र में बुधवार को मतदान खत्म होने के कुछ घंटों बाद उन्होंने नागपुर में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी.
महाराष्ट्र के लोगों को बधाई
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विधानसभा चुनावों में बीजेपी नीत महायुति की ऐतिहासिक जीत के लिए महाराष्ट्र के लोगों को बधाई दी और कहा कि सरकार राज्य समग्र प्रगति और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.
मतदाता जागरूकता बढ़ाने की कोशिश
उन्होंने कहा, इसके अतिरिक्त, मैं उन स्वैच्छिक संगठनों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने चुनावों के दौरान मतदाता जागरूकता बढ़ाने के लिए अथक प्रयास किया. माना जाता है कि हरियाणा में अपने सहयोगी संगठनों के साथ समन्वय में आरएसएस द्वारा आयोजित ड्राइंग रूम बैठकें अक्टूबर में उत्तरी राज्य के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की चुनावी सफलता के पीछे प्रमुख कारकों में से एक थीं.
पूरे राज्य में छोटी-छोटी बैठकें
सूत्रों के अनुसार, संघ कार्यकर्ताओं की टोलियों ने हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान पूरे राज्य में 1.25 लाख से अधिक छोटी-छोटी बैठकें की थीं. सत्ता विरोधी लहर के बावजूद बीजेपी ने 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में 48 सीट जीतकर अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और राज्य में जीत की हैट्रिक बनाते हुए सत्ता बरकरार रखी तथा चुनावों में कांग्रेस की वापसी के प्रयासों को विफल कर दिया.
आरएसएस बीजेपी कार्यकर्ताओं में उत्साह
इस वर्ष लोकसभा चुनावों में बीजेपी के निराशाजनक प्रदर्शन के पीछे आरएसएस बीजेपी कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी एक प्रमुख कारण था. माना जाता है कि संसदीय चुनावों के दौरान बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की वह टिप्पणी विभिन्न राज्यों में संघ कार्यकर्ताओं के मनोबल को कम करने वाले कारणों में शामिल है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी को शुरुआत में आरएसएस के समर्थन की जरूरत थी, लेकिन समय के साथ पार्टी अपने आप चलने में सक्षम हो गई है.
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