Political – महाराष्ट्र में CM पर सस्पेंस, शिंदे की जगह फडणवीस क्यों पवार की पसंद?- #INA
देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे आए हुए तीन दिन हो गए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस बना हुआ है. बीजेपी को अपने सहयोगी दलों के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा सीटें मिली हैं. एकनाथ शिंदे को ढाई साल तक सत्ता की बागडोर सौंपने वाली बीजेपी अब अपना मुख्यमंत्री बनाने का तानाबाना बुनने में जुटी है. बीजेपी से देवेंद्र फड़णवीस का नाम सीएम की रेस में आगे चल रहा, लेकिन शिवेसना शिंदे के नाम अड़ी है. ऐसे में महायुति के तीसरे पार्टनर एनसीपी प्रमुख अजीत पवार हैं, जिनका खेमा सीएम की कुर्सी पर शिंदे के बजाय फडणवीस को देखना चाहता है.
महाराष्ट्र में महायुति ने अप्रत्याशित प्रदर्शन करते हुए प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है, जिसके चलते राजनीतिक दृष्टिकोण पूरी तरह से बदल गया है. चुनाव नतीजों में महायुति को मामूली बहुमत मिलता तो एकनाथ शिंदे की सीट पक्की थी, लेकिन बीजेपी के बेहतर प्रदर्शन ने पार्टी के नजरिए को बदल दिया है. बीजेपी अब अपना सीएम बनाने की कवायद में है, जिसके लिए देवेंद्र फडणवीस के नाम की चर्चा तेज है. अजीत पवार खेमा भी चाहता है कि फडणवीस सत्ता की बागोडर संभाले, क्योंकि एनसीपी को इसमें अपना लाभ नजर आ रहा है.
महाराष्ट्र में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी
महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी सबसे ज्यादा सीटें जीतकर आई है. बीजेपी को 132 सीटें मिली हैं तो एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 57 सीटें मिली हैं और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें मिली हैं. इसके चलते ही बीजेपी ने शिंदे की जगह अपना सीएम बनाना चाहती है. अजित पवार भी देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाए जाने के पक्ष में हैं. एनसीपी नेताओं का कहना है कि चुनाव नतीजे के बाद हुई बैठक में फडणवीस के नाम का समर्थन किया था.
एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा कि हमें ऐसी कोई वजह नजर नहीं आती, जिसके चलते हमें सीएम पद के लिए देवेंद्र फडणवीस का विरोध करना चाहिए. इसके अलावा एनसीपी ने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को भी साफ-साफ कह दिया है कि फडणवीस को सीएम बनाना चाहिए. अजीत पवार ही नहीं आरपीआई के नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी कह दिया है कि बीजेपी ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाने के निर्णय कर लिया है, जिसकी औपचारिक घोषणा जल्द हो सकता है. एकनाथ शिंदे को केंद्र की राजनीति में आ जाना चाहिए. अगर शिंदे नहीं मानेंगें तो बीजेपी को कोई दिक्कत नहीं बहुमत का आंकड़ा है.
शिंदे की जगह फडणवीस क्यों पवार की पसंद?
एकनाथ शिंदे की जगह देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अजीत पवार और उनके करीबी नेता क्यों देखना चाहते हैं. इसके पीछे वजह यह है कि शिंदे की तुलना में अजीत पवार से फडणवीस के साथ ज्यादा मजबूत रिश्ते हैं. 2019 में उद्धव ठाकरे ने चुनाव नतीजे के बाद बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था तो अजीत पवार समर्थन में उतर गए थे. तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने फडणवीस को सीएम और अजीत पवार ने डिप्टीसीएम पद की शपथ दिला दी थी. हालांकि, अजीत पवार सरकार बनाने के लिए जरूरी विधायकों का समर्थन एनसीपी से नहीं जुटा सके थे. इसके चलते इस्तीफा देना पड़ा था, लेकिन दोनों नेताओं की सियासी केमिस्ट्री दिख गई थी.
अजीत पवार 2023 में एनसीपी से बगावत कर 40 विधायकों को अपने साथ लाए थे, तो उसके पीछे देवेंद्र फडणवीस की भूमिका थी. फडणवीस ने अजीत पवार को डिप्टी सीएम बनाया था और उन्हें शिवसेना के बराबर मंत्रिमंडल में जगह दी थी. अब शिंदे की जगह फडणवीस सीएम बनते हैं तो अजीत पवार के लिए काम करना कंफर्ट होगा. महाराष्ट्र की राजनीति में अजीत पवार का कद एकनाथ शिंदे से कम नहीं है. चुनाव में स्ट्राइक रेट भी पवार का थोड़ा ज्यादा है. इस तरह अजीत पवार सीएम की कुर्सी पर फडणवीस को बैठाकर शिंदे को अपने सियासी कद के बराबर रखने की रणनीति है.
अजीत पवार की सियासी केमिस्ट्री शिंदे की तुलना में फडणवीस से बेहतर है. इसीलिए अजीत पवार चाहते हैं कि शिंदे की जगह फडणवीस को सीएम बनाया जाए. फडणवीस के नेतृत्व में काम करना ज्यादा सहज महसूस करेंगे अजीत पवार. इसके अलावा अजीत की रणनीति महाराष्ट्र में अपनी प्रासंगिकता को बनाए रखने की है. शिंदे के जगह फडणवीस को सीएम बनाया जाता है तो शिवसेना के लोग विरोध करेंगे तो अजीत पवार सबसे पहले बीजेपी के साथ खड़े नजर आएंगे. इस तरह अजीत पवार एक तीर से कई शिकार करना चाहते हैं, जिसके लिए सियासी दांव खेल रहे हैं.
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